कालाढूंगीः कोटाबाग विकासखंड में पर्वतीय ग्राम पंचायतों को जोड़ने वाली पांडेगांव-गोतिया-रानीकोटा सड़क बदहाल स्थिति में है. जिसे दुरुस्त करने के लिए गड्ढा मुक्त सड़क अभियान (Pothole Free Road Campaign) चलाया जा रहा है, लेकिन ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का आरोप है सड़क के मरम्मतीकरण में मात्र खानापूर्ति की जा रही है. गड्ढा मुक्त करने के नाम पर सड़क पर मिट्टी और रोड़ी बिछा दी गई है. जिससे लोगों में भारी आक्रोश है.
बता दें कि नैनीताल जिले के कोटाबाग से मात्र 4 किमी दूरी पर स्थित यह सड़क पूरे पहाड़ को कोटाबाग से जोड़ती है. गड्ढा मुक्त सड़क के नाम पर डामरीकरण के स्थान पर मिट्टी और रोड़ी डाल (Road reconstruction work in Kotabagh) दी गई है. जिससे स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों में आक्रोश है. उनका कहना है कि मिट्टी और रोड़ी सड़क में फैल जाने से दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. खासकर दोपहिया वाहन चालक जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं.
सामाजिक कार्यकर्ता कृपाल बिष्ट (Social activist Kripal Bisht) ने बताया कि रामनगर लोक निर्माण विभाग की ओर से सड़क पर डामरीकरण की जगह मिट्टी और रोड़ी भरी जा रही है. जिसकी जांच होनी चाहिए और आरोपी कर्मचारियों पर कार्रवाई अमल में लाई जाए. साथ ही उन्होंने मोटर मार्ग पर गुणवत्तापूर्ण डामरीकरण करने की मांग भी की. वहीं, जलना ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान कृपाल बिष्ट ने बताया कि मामले को लेकर पर्वतीय क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों में भारी आक्रोश है. संबंधित विभाग को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए.
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देहरादून में फुटपाथ पड़ा था पाइप, गेल गैस कंपनी पर पुलिस एक्ट में कार्रवाईः देहरादून में पिछले कई महीने से आराघर चौकी के पास गेल गैस कंपनी का करीब 200 मीटर लंबा पाइप सड़क किनारे फुटपाथ पर पड़ा है. जिससे आमजन को असुविधा होने के साथ ही हादसे का खतरा भी बना हुआ है. फुटपाथ पर सामान लावारिस अवस्था में रखना आईपीसी (IPC) की धारा 283 के तहत अपराध है.
गैल गैस कंपनी (Gail Gas Company) के कार्य को देख रहे मैनेजर और कर्मी को यातायात पुलिस ने कई बार मौखिक और फोन के जरिए जानकारी भी दी, लेकिन इसके बाद भी पोल को मार्ग से नहीं हटाया गया. जिस पर एसपी ट्रैफिक ने प्रभारी निरीक्षक थाना डालनवाला को पुलिस एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए. जिसके बाद अब गैल गैस कंपनी के साइट इंचार्ज के खिलाफ पुलिस एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई की गई है.
एसपी ट्रैफिक अक्षय कौड़े ने बताया कि अगर इसमें सुधार नहीं हुआ तो आईपीसी की धारा 284 में मुकदमा पंजीकृत करने की चेतावनी भी दी गई है. यदि किसी अन्य विभाग और संस्थान की ओर से इस प्रकार के निर्माण सामग्रियों को सड़क पर रखा जाता है तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.