चमोलीः जोशीमठ स्थित हेलंग घाटी में टीएचडीसी और प्रशासन द्वारा बीती 15 जुलाई को घास लाती ग्रामीण महिलाओं को हिरासत में लेने और उनका चालान करने का मामला तूल पकड़ने लगा है. रविवार को हेलंग की घटना को लेकर प्रदेश के कई सामाजिक संगठन व राजनीतिक संगठन के लोग महिलाओं के समर्थन में हेलंग पहुंचे. यंहा उन्होंने टीएचडीसी कंपनी के मुख्य गेट पर ग्रामीण महिलाओं को समर्थन देते हुए धरना दिया.
बता दें कि बीते कई दिनों से प्रदेश के चमोली जनपद स्थित हेलंग घाटी में घास लाती ग्रामीण महिलाओं से बदसलूकी का मामला चर्चाओं में है. इसको लेकर रविवार को कई सामाजिक संगठनों की ओर से सोशल मीडिया पर 'हेलंग चलो' कैंपेन चलाया गया. इसको लेकर प्रदेश भर के कई संगठनों से जुड़े लोग रविवार को महिलाओं के समर्थन में हेलंग पहुंचे. जहां बांध निर्माण कर रही कंपनी के चारागाह के ऊपर डंपिंग जोन बनाए जाने का विरोध दर्ज किया. प्रदर्शन को देखते हुए मौके पर पुलिस बल भी तैनात की गई.
प्रशासन के द्वारा बीते दिनों गिरफ्तार की गईं हेलंग गांव निवासी मंदोदरी देवी का कहना है कि जिस स्थान पर कंपनी के द्वारा मलबा उड़ेला जा रहा है. वहां हमारे चारागाह हैं. उस भूमि पर टीएचडीसी द्वारा पहले पेड़ काटे गए. जिसका स्थानीय लोगों द्वारा विरोध किया गया. वहीं, एक अन्य ग्रामीण मनीषा भंडारी का कहना है कि टीएचडीसी और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से खेल मैदान बनाने के नाम पर ग्रामीणों को गुमराह किया जा रहा है. जबकि, कंपनी द्वारा हमारे चारागाहों को बर्बाद कर डंपिंग जोन बनाया जा रहा है.
रामनगर में प्रदर्शनः चमोली के हेलंग गांव में महिलाओं के साथ हुई घटना के विरोध में रामनगर में विभिन्न संगठनों के लोगों ने धरना प्रदर्शन किया. रविवार को रामनगर के लखनपुर चुंगी विभिन्न संगठनों ने धरना प्रदर्शन करते हुए प्रदेश एवं केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी ने आरोप लगाते हुए कहा कि हेलंग गांव में महिलाओं के साथ जो घटना की गई है, उससे पूरे उत्तराखंड की महिलाओं का अपमान हुआ है. उन्होंने इस प्रकरण की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराए जाने की मांग की है.