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हल्द्वानी: कोरोना काल में आय गिरने पर रोडवेज कर रहा बसों के परमिट सरेंडर

प्रदेश में बढ़ते कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए सरकार ने विभिन्न गतिविधियों पर रोक लगाई है. इसी कड़ी में प्रदेश में बसों के संचालन पर भी रोक लगाई गई है. वहीं उत्तराखंड परिवहन निगम कोरोना संकट के बीच बेड़े से 50% बसों को सरेंडर करने का काम कर रहा है.

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बढ़ते टैक्स के चलते उत्तराखंड परिवहन निगम ने 50% बसों को किया सरेंडर
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Published : Aug 5, 2020, 12:53 PM IST

Updated : Aug 9, 2020, 5:56 PM IST

हल्द्वानी: उत्तराखंड परिवहन निगम पर कोरोना संकट के चलते आर्थिक संकट का खतरा मंडराने लगा है. ऐसे में उत्तराखंड परिवहन निगम ने अपने बेड़े के 50% बसों को सरेंडर करने का काम कर रहा है. कुमाऊं मंडल के अलग-अलग डिपो से संचालित होने वाली करीब 370 बसों में परिवहन निगम ने 170 बसों के कागजात को परिवहन विभाग कार्यालय को सरेंडर कर चुका है. जिससे की अनावश्यक रूप से परिवहन निगम के ऊपर टैक्स का बोझ न पड़े.

बसों के परमिट सरेंडर.
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी यशपाल सिंह के मुताबिक कोरोना संकट के चलते बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है. कुमाऊं मंडल से अन्य प्रदेशों के लिए बसों का संचालन बंद है. ऐसे में परिवहन निगम को रोजाना लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा है. ऐसे में अनावश्यक रूप से पड़ रहे टैक्स से बचने के लिए मुख्यालय के आदेश के बाद बेड़े से 50% बसों का सरेंडर करने का काम चल रहा है. अभी तक 150 बसों का सरेंडर किया जा चुका. वहीं, बताया जा रहा है कि रोडवेज की एक बसों का तिमाही टैक्स करीब ₹600 के आस-पास जमा होता है, जो सरेंडर करने के बाद परिवहन निगम को जमा नहीं करना पड़ेगा. जिससे परिवहन निगम को लाखों का फायदा होगा.

ये भी पढ़ें: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में तैनात दो कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव, बाहरी लोगों के प्रवेश पर लगाई रोक

फिलहाल परिवहन विभाग अपने बेड़े के पुराने बसों को सरेंडर करने का काम कर रहा है. जबकि नए बसों से संचालन का काम ले रहा है. परिवहन निगम ने सामान्य और अनुबंधित बसों के अलावा वोल्वो बसों के कागजात भी सरेंडर करने का काम कर रहा है.

हल्द्वानी: उत्तराखंड परिवहन निगम पर कोरोना संकट के चलते आर्थिक संकट का खतरा मंडराने लगा है. ऐसे में उत्तराखंड परिवहन निगम ने अपने बेड़े के 50% बसों को सरेंडर करने का काम कर रहा है. कुमाऊं मंडल के अलग-अलग डिपो से संचालित होने वाली करीब 370 बसों में परिवहन निगम ने 170 बसों के कागजात को परिवहन विभाग कार्यालय को सरेंडर कर चुका है. जिससे की अनावश्यक रूप से परिवहन निगम के ऊपर टैक्स का बोझ न पड़े.

बसों के परमिट सरेंडर.
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी यशपाल सिंह के मुताबिक कोरोना संकट के चलते बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है. कुमाऊं मंडल से अन्य प्रदेशों के लिए बसों का संचालन बंद है. ऐसे में परिवहन निगम को रोजाना लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा है. ऐसे में अनावश्यक रूप से पड़ रहे टैक्स से बचने के लिए मुख्यालय के आदेश के बाद बेड़े से 50% बसों का सरेंडर करने का काम चल रहा है. अभी तक 150 बसों का सरेंडर किया जा चुका. वहीं, बताया जा रहा है कि रोडवेज की एक बसों का तिमाही टैक्स करीब ₹600 के आस-पास जमा होता है, जो सरेंडर करने के बाद परिवहन निगम को जमा नहीं करना पड़ेगा. जिससे परिवहन निगम को लाखों का फायदा होगा.

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फिलहाल परिवहन विभाग अपने बेड़े के पुराने बसों को सरेंडर करने का काम कर रहा है. जबकि नए बसों से संचालन का काम ले रहा है. परिवहन निगम ने सामान्य और अनुबंधित बसों के अलावा वोल्वो बसों के कागजात भी सरेंडर करने का काम कर रहा है.

Last Updated : Aug 9, 2020, 5:56 PM IST
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