नैनीताल: देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण का असर अब उत्तराखंड के पर्यटन कारोबार पर भी पड़ने लगा है. नैनीताल समेत आसपास के अधिकांश पर्यटक स्थल फिर से वीरान होने लगे हैं. मार्च से लेकर जून माह तक सरोवर नगरी नैनीताल के सभी पर्यटक स्थल पर्यटकों की आमद से गुलजार होते थे, लेकिन अब नैनीताल समेत उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों का रुख नहीं कर रहे हैं. जिसका सीधा असर उत्तराखंड के पर्यटन कारोबार पर पड़ रहा है.
उत्तराखंड में पर्यटन अर्थव्यवस्था की दृष्टि से बेहद अहम है. उत्तराखंड के अधिकांश व्यवसाय पर्यटन पर आधारित है, लेकिन बीते 2 सालों से कोरोना संक्रमण के चलते उत्तराखंड के अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. वहीं, लीज पर होटल लेकर अपनी आजीविका चलाने वाले कारोबारियों का कहना है कि पिछले साल जैसे-तैसे उन्होंने हिम्मत कर होटल मालिक को पैसा दे दिया, लेकिन नैनीताल में इस बार स्थिति पहले से भी बदतर होने लगी है. इस बार उनके सामने दो वक्त की रोटी के लाले पड़ने लगे हैं.
वहीं, नैनीताल के जाने-माने होटल मनु महारानी के जीएम नरेश गुप्ता का कहना है कि मार्च पहले सप्ताह में नैनीताल का पर्यटन कारोबार अच्छा था, लेकिन अब पर्यटन कारोबार चौपट होने लगा है. होटल के करीब 80% बुकिंग कैंसिल हो गई हैं. ये केवल एक होटल की स्थिति नहीं है. नैनीताल के आसपास के सभी पर्यटक स्थलों की यही स्थिति है.
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वहीं, होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश शाह का कहना है, इन नैनीताल में पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता था. लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते नैनीताल, भीमताल, मुक्तेश्वर, रामगढ़, सातताल समेत आसपास के सभी पर्यटक स्थल वीरान पड़े हैं. यहां के यहां के सभी होटलों की बुकिंग रद्द होने लगी है. जिसका असर अब उनके कारोबार पर पड़ने लगा है. संक्रमण का असर केवल होटल कारोबारियों पर नहीं है, बल्कि टैक्सी संचालकों, घोड़ा संचालकों, नाव कारोबारी समेत फड़ कारोबारियों पर भी पड़ने लगा है.