नैनीताल/पौड़ी/बेरीनाग/कोटद्वार/: राज्य में एक हजार से अधिक जगहों पर आग लगी हुई है. वहीं, मौसम ने हालात और ज्यादा चुनौतीपूर्ण बना दिया है. 12 हजार से अधिक वनकर्मी जंगलों की आग बुझाने में जुटे हुए हैं. जंगलों में आग लगने की वजह से गर्मी जेनरेट हो रही है. जिसकी वजह से जीव जंतुओं के निवास स्थान बर्बाद हो रहे हैं. मिट्टी की गुणवत्ता खत्म हो रही है. अबतक 1300 हेक्टेयर से अधिक जंगल इस सीजन में आग की भेंट चढ़ चुका हैं.
नैनीताल जंगल में लगी भीषण आग
इन दिनों उत्तराखंड के जंगलों में भीषण आग लगी हुई है. जिस वजह से जंगल पूरी तरह जलकर खाक हो रहे हैं. इस आपदा को देखते हुए केंद्र सरकार ने भारतीय वायुसेना के दो MI 17 हेलीकॉप्टर को आग बुझाने के लिए उत्तराखंड भेजा है. जिनमें से एक हेलीकॉप्टर कुमाऊं और दूसरा गढ़वाल क्षेत्र में भेजा गया है. लेकिन आज कुमाऊं क्षेत्र में आग बुझाने का काम शुरू नहीं हो सका. क्योंकि नैनीताल के जंगल में आग इतनी भयानक है कि जंगलों से उठ रहे धुंए की वजह से विजिबिलिटी जीरो हो चुकी है, जिस कारण रेस्क्यू में वायु सेना के जवानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. आग बुझाने के लिए हेलीकॉप्टर द्वारा क्षेत्र में कई बार रेकी की गई, लेकिन हेलीकॉप्टर झील से पानी नहीं भर सका. जिस वजह से आज आग बुझाने के काम को रोक दिया गया है. अब कल एक बार फिर से आग बुझाने का काम शुरू किया जाएगा.
बेरीनाग जंगल में लगी आग
बेरीनाग के राईआगर के हनुमान गड़ी के पास में जंगल में लगी भीषण आग, अब आबादी क्षेत्र के घरों तक पहुंच गयी है. जिससे रवीन्द्र भंडारी, पूरन भंडारी, नरेन्द्र भंडारी के रखे 6 घास के लुटे जलकर राख हो गये. इस दौरान लोगों ने आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन आग पर काबू नहीं पाया जा सका. प्रभावित परिवारों ने वन विभाग की लापरवाही से आग लगने का आरोप लगाया और जले हुए घास के लुटों का मुआवजा देने की मांग की. जंगलों में आग लगने से वनों को भारी नुकसान पहुंचा है.
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जंगल में आग लगाने वाले दो आरोपी पकड़े गए
पौड़ी के नागदेव रेंज पौड़ी के खिर्सू क्षेत्र में कुछ दिन पहले दो युवकों ने जंगल में आग लगाई थी. जिससे आधा से ज्यादा जंगल जलकर खाक हो गया. वहीं मुखबिर की सूचना पर खिर्सू के कोठगी गांव के दो युवकों को वन विभाग की टीम ने धर दबोचा और नागदेव रेंज पूछताछ के लिए ले गई. पूछताछ में दोनों युवकों ने आग लगाने की बात स्वीकार किया है. वही, रेंजर पौड़ी अनिल कुमार भट्ट ने बताया कि पौड़ी के जंगलों में लगातार आग की घटनाओं में इजाफा हो रहा है. ऐसे में जो शरारती तत्व है, उनकी धरपकड़ होना जरूरी है. कुछ दिन पहले खिर्सू क्षेत्र में लगी आग की घटना में दो युवकों को पकड़ा गया है. जिन्होंने पूछताछ में अपनी गलती स्वीकार लिया है. दोनों के खिलाफ नियमानुसार विभागीय कार्रवाई की जा रही है.
अल्मोड़ा सैंकड़ों हेक्टेयर वन खाक
अल्मोड़ा जिले में भी अब तक वनाग्नि की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें सैकड़ों हेक्टेयर वन क्षेत्र जलकर खाक हो गया. फायर सीजन शुरू होने के बाद 15 फरवरी से अबतक जंगलों में आग लगने के 69 मामले सामने आए हैं, जिसमें 150 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र जलकर राख हो चुका है. अल्मोड़ा वनप्रभाग डीएफओ महातिम यादव का कहना है कि वनाग्नि पर काबू पाने के लिए वन विभाग पूरी तरह से जुटा हुआ है. आग पर काबू पाने के लिए पूरे जिले में 121 क्रू स्टेशन बनाये गए हैं, जिसमें 450 से अधिक फायर वाचर्स तैनात किए गए हैं. अल्मोड़ा जिले में वर्तमान में जंगल की आग पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है, लेकिन जहां से भी आग की घटनाएं की खबर कंट्रोल रूम पहुंच रही है, उस पर शीघ्र ही विभाग के लोग आग बुझाने जा रहे हैं. आज द्वाराहाट, सोमेश्वर, रानीखेत क्षेत्र में आग की सूचना मिली, जिसके बाद मौके पर पहुंची टीम ने आग बुझाने में लग गई है.
कोटद्वार में धधक रहे जंगल
पौड़ी जनपद में जंगल आग से धधक रहे हैं. वन विभाग लगातार आग बुझाने का प्रयास कर रहा है, अभी तक आग पर काबू नहीं पाया गया है. वहीं, अब स्थानीय लोगों ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाना शुरू कर दिया हैं. आग से चारों ओर धुआं ही धुआं फैला हुआ है. धुएं के कारण अस्थमा के मरीजों, बच्चे और बुजुर्गों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी है. पर्यवारण दूषित होने लगा है. इसके अलावा लोगों को आंखों में जलन होने की समस्या आ रही है. चारों तरफ धुआं होने से सूर्य की किरणें भी धरती पर नहीं पड़ रही है.