हल्द्वानी: उत्तराखंड प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ऐसे उद्योग, होटल और अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई करने जा रहा है. जिन्होंने प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड में अपना पंजीकरण नहीं कराया है. प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने इन सभी होटलों अस्पतालों और उद्योगों को चिन्हित किया है, जिसके तहत नोटिस जारी कर कार्रवाई करने जा रहा है. इन सभी ने जलवायु सहमति और बायो मेडिकल वेस्ट की अनुमति विभाग से नहीं ली है.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके चतुर्वेदी के मुताबिक कोविड-19 के मद्देनजर प्रदूषण कंट्रोल नियंत्रण बोर्ड की सहमति से चल रहे छोटे उद्योगों, होटल अस्पतालों का शुल्क जुलाई 2020 तक माफ कर दिया है. लेकिन ऐसे बहुत से उद्योग है, जिन्होंने उत्तराखंड प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड में अपना पंजीकरण नहीं कराया है. उन्होंने बताया कि कुमाऊं मंडल के 5 जिलों में करीब 1100 होटल और उद्योग हैं. जिसमें से 600 होटलों और उद्योगों ने अपना पंजीकरण नहीं कराया है, 5 जिलों में 1045 पंजीकृत हॉस्पिटल हैं. इनमें से कई सरकारी आयुर्वेदिक और जानवरों के अस्पताल हैं, जिन्होंने पंजीकरण नहीं कराया है. 585 छोटे उद्योगों में करीब 100 उद्योगों ने भी पंजीकरण नहीं कराया है, ऐसे में विभाग ने अब इनके के खिलाफ नोटिस जारी किया है.
पढ़ें- विश्व हाथी दिवस: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में 20 फीसदी बढ़े 'गजराज'
उन्होंने बताया कि इन सभी उद्योगों को जलवायु सहमति और बायो मेडिकल वेस्ट की अनुमति प्रदूषण कंट्रोल नियंत्रण बोर्ड से लेना आवश्यक है. उन्होंने बताया कि इन उद्योगों को नोटिस जारी कर जल्द पंजीकरण करने के निर्देश जारी किए गए हैं. पंजीकरण नहीं करने की स्थिति में प्रदूषण कंट्रोल नियंत्रण बोर्ड अग्रिम कार्रवाई कर उद्योगों को बंद करने की प्रक्रिया करेगा.