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पुरोला नाबालिग लड़की भगाने का मामला: अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष बोले- अपराधी की आड़ में दूसरों को प्रताड़ित करना सही नहीं

उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष मजहर नईम नवाब बुधवार को हल्द्वानी पहुंचे थे. यहां उन्होंने अधिकारियों के साथ अल्पसंख्यकों के लिए चलाई जा रही योजनाओं को लेकर बैठक की. बैठक के दौरान पुरोला हिंदू नाबालिग लड़की को भगाने की कोशिश का मामला भी उठा. वहीं पुरोला में उठे बवाल को लेकर नईम नवाब ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.

purola minor girl abduction attempt
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Published : Jun 7, 2023, 7:33 PM IST

Updated : Jun 7, 2023, 8:09 PM IST

पुरोला मामला पर अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष मजहर नईम नवाब का बयान.

हल्द्वानी: उत्तरकाशी जिले के पुरोला में एक हिंदू नाबालिग लड़की को मुस्लिम समुदाय के युवक द्वारा भगाकर ले जाने की कोशिश के बाद विवाद बढ़ गया है. स्थानीय लोगों में आक्रोश के बाद मुस्लिम समुदाय के खिलाफ लोगों ने मोर्चा खोल दिया है. ऐसे में हल्द्वानी पहुंचे उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष मजहर नईम नवाब ने कहा है कि उत्तरकाशी का मामला उनके संज्ञान में है. आयोग इस मामले को गंभीरता से ले रहा है.

नईम नवाब ने बताया कि अल्पसंख्यक आयोग के पास कुछ प्रार्थना पत्र भी पहुंचे हैं, जिसके बाद उन्होंने उत्तरकाशी जिलाधिकारी और एसएसपी से बात की है और ये सुनिश्चित किया है कि अल्पसंख्यक लोगों को सुरक्षा मुहैया कराई गई है या नहीं. इस बीच कुछ दुकानों को पुलिस सुरक्षा के बीच खुलवाया गया है.

आयोग उपाध्यक्ष ने बताया कि उत्तरकाशी मामले में डीजीपी से भी उन्होंने बात की है. जिन लोगों ने मुस्लिम समुदाय के लोगों की दुकानों में तोड़फोड़ की है, उसमें चार-पांच लोगों के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज हुए हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोई अपराध करता है तो वो किसी भी जाति का हो, उसको सजा मिलनी चाहिए. लेकिन इस तरह जो हो रहा है वो उत्पीड़न के दायरे में आता है. पुलिस मामले की जांच भी कर रही हैं. इसके अलावा सोशल मीडिया में जो भी लोग इस तरह के भ्रामक प्रचार-प्रसार कर रहे हैं उनके खिलाफ भी पुलिस को एक्शन लेने को कहा गया है.

दरअसल, मजहर नईम नवाब बुधवार को हल्द्वानी के सर्किट हाउस में अल्पसंख्यकों के लिए चलाए जा रही योजनाओं को लेकर बैठक कर रहे थे. जहां उन्होंने कहा कि भारत सरकार व उत्तराखंड सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के लिए जो छात्रवृत्ति योजना चलाई जा रही है इसका संज्ञान ना ही विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को और ना ही शिक्षकों को है. इसलिए उत्तराखंड अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना के तहत प्रदेश में केवल 18 प्रतिशत बच्चों को ही इसका लाभ दिया जा रहा है, जो एक गंभीर मामला है.
पढ़ें- उत्तराखंड के पुरोला में हिंदू लड़की भगाने के मामले में बढ़ा तनाव, हालात पर काबू के लिए PAC तैनात

उन्होंने शिक्षा अधिकारी के साथ ही अल्पसंख्यक अधिकारी को निर्देश दिए कि योजना का अधिक से अधिक प्रचार किया जाए और विद्यालयों में छात्रवृत्ति योजना के बोर्ड आदि लगाए जाएं, ताकि जो बच्चे पात्र हैं वो इन योजनाओं का लाभ ले सकें. उन्होंने बताया कि छात्रवृत्ति के आवेदन की अंतिम तिथि 17 जुलाई 2023 है. इस तारीख तक जनपद के सभी विद्यालयों में अल्पसंख्यकों के बच्चों के आवेदन ऑनलाइन कर दिए जाएं. इसके बावजूद अगर किसी भी विद्यालय के बच्चे इन योजनाओं से वंचित रह जाते हैं तो उस स्कूल के प्रधानाचार्य के साथ ही शिक्षकों की जिम्मेदारी तय होगी और संबंधित शिक्षक के खिलाफ कठोर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

इसके अलावा उपाध्यक्ष मजहर नईम नवाब ने बैठक में पुलिस, लोनिवि, युवा कल्याण, उद्यान, कृषि, शिक्षा, चिकित्सा, जिला विकास विभाग आदि विभागों के अल्पसंख्यकों के साथ ही गरीब तबके के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं पर विस्तार से समीक्षा की गई. इस मौके पर कई विभाग के अधिकारी नदारद रहे जिनको नोटिस जारी कर 10 दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है.
पढ़ें- चमोली में भी पुरोला जैसी घटना, शादीशुदा मुस्लिम युवक ने दोस्त के साथ हिंदू लड़की को भगाने का किया प्रयास, अरेस्ट

पुरोला मामला पर अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष मजहर नईम नवाब का बयान.

हल्द्वानी: उत्तरकाशी जिले के पुरोला में एक हिंदू नाबालिग लड़की को मुस्लिम समुदाय के युवक द्वारा भगाकर ले जाने की कोशिश के बाद विवाद बढ़ गया है. स्थानीय लोगों में आक्रोश के बाद मुस्लिम समुदाय के खिलाफ लोगों ने मोर्चा खोल दिया है. ऐसे में हल्द्वानी पहुंचे उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष मजहर नईम नवाब ने कहा है कि उत्तरकाशी का मामला उनके संज्ञान में है. आयोग इस मामले को गंभीरता से ले रहा है.

नईम नवाब ने बताया कि अल्पसंख्यक आयोग के पास कुछ प्रार्थना पत्र भी पहुंचे हैं, जिसके बाद उन्होंने उत्तरकाशी जिलाधिकारी और एसएसपी से बात की है और ये सुनिश्चित किया है कि अल्पसंख्यक लोगों को सुरक्षा मुहैया कराई गई है या नहीं. इस बीच कुछ दुकानों को पुलिस सुरक्षा के बीच खुलवाया गया है.

आयोग उपाध्यक्ष ने बताया कि उत्तरकाशी मामले में डीजीपी से भी उन्होंने बात की है. जिन लोगों ने मुस्लिम समुदाय के लोगों की दुकानों में तोड़फोड़ की है, उसमें चार-पांच लोगों के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज हुए हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोई अपराध करता है तो वो किसी भी जाति का हो, उसको सजा मिलनी चाहिए. लेकिन इस तरह जो हो रहा है वो उत्पीड़न के दायरे में आता है. पुलिस मामले की जांच भी कर रही हैं. इसके अलावा सोशल मीडिया में जो भी लोग इस तरह के भ्रामक प्रचार-प्रसार कर रहे हैं उनके खिलाफ भी पुलिस को एक्शन लेने को कहा गया है.

दरअसल, मजहर नईम नवाब बुधवार को हल्द्वानी के सर्किट हाउस में अल्पसंख्यकों के लिए चलाए जा रही योजनाओं को लेकर बैठक कर रहे थे. जहां उन्होंने कहा कि भारत सरकार व उत्तराखंड सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के लिए जो छात्रवृत्ति योजना चलाई जा रही है इसका संज्ञान ना ही विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को और ना ही शिक्षकों को है. इसलिए उत्तराखंड अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना के तहत प्रदेश में केवल 18 प्रतिशत बच्चों को ही इसका लाभ दिया जा रहा है, जो एक गंभीर मामला है.
पढ़ें- उत्तराखंड के पुरोला में हिंदू लड़की भगाने के मामले में बढ़ा तनाव, हालात पर काबू के लिए PAC तैनात

उन्होंने शिक्षा अधिकारी के साथ ही अल्पसंख्यक अधिकारी को निर्देश दिए कि योजना का अधिक से अधिक प्रचार किया जाए और विद्यालयों में छात्रवृत्ति योजना के बोर्ड आदि लगाए जाएं, ताकि जो बच्चे पात्र हैं वो इन योजनाओं का लाभ ले सकें. उन्होंने बताया कि छात्रवृत्ति के आवेदन की अंतिम तिथि 17 जुलाई 2023 है. इस तारीख तक जनपद के सभी विद्यालयों में अल्पसंख्यकों के बच्चों के आवेदन ऑनलाइन कर दिए जाएं. इसके बावजूद अगर किसी भी विद्यालय के बच्चे इन योजनाओं से वंचित रह जाते हैं तो उस स्कूल के प्रधानाचार्य के साथ ही शिक्षकों की जिम्मेदारी तय होगी और संबंधित शिक्षक के खिलाफ कठोर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

इसके अलावा उपाध्यक्ष मजहर नईम नवाब ने बैठक में पुलिस, लोनिवि, युवा कल्याण, उद्यान, कृषि, शिक्षा, चिकित्सा, जिला विकास विभाग आदि विभागों के अल्पसंख्यकों के साथ ही गरीब तबके के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं पर विस्तार से समीक्षा की गई. इस मौके पर कई विभाग के अधिकारी नदारद रहे जिनको नोटिस जारी कर 10 दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है.
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Last Updated : Jun 7, 2023, 8:09 PM IST
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