हल्द्वानी: उत्तराखंड के मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई करने वाले एमबीबीएस स्टूडेंट को अब बॉन्ड तोड़ना भारी पड़ेगा. क्योंकि उत्तराखंड सरकार ने अब ऐसे डॉक्टरों पर नकेल कसने की तैयारी में है, जो बॉन्ड भरने के बावजूद पहाड़ों में अपनी सेवा नहीं देते हैं. इस बार बॉन्ड तोड़ने पर एमबीबीएस छात्रों को ढाई करोड़ का भारी भरकम जुर्माना भरना पड़ेगा. ऐसे में अब डॉक्टर बॉन्ड तोड़ने से पहले सौ बार सोचेंगे.
प्रदेश सरकार अब बॉन्ड तोड़ने वाले डॉक्टरों के खिलाफ एक करोड़ से लेकर ढाई करोड़ तक जुर्माना वसूलेगी. हल्द्वानी दौरे पर पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत जनसंवाद कार्यक्रम में प्रतिभाग किया. इस दौरान उन्होंने कहा मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद डॉक्टर उत्तराखंड में सेवाएं देने का बॉन्ड तोड़कर यहां से चले जाते है. जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ प्रदेश सरकार को भी भारी नुकसान हो रहा है. यही नहीं डॉक्टरों की प्रदेश में भारी कमी है, लेकिन बॉन्ड में शिथिलता के चलते छात्र इसका फायदा उठाकर पढ़ाई पूरी करने के बाद यहां से चले जाते हैं.
ऐसे में अब पढ़ाई पूरी करने के बाद जो भी मेडिकल छात्र बॉन्ड को तोड़ेगा, उसे जुर्माना देना होगा. पीजी करने वाले डॉक्टरों को ढाई करोड़. जबकि यूजी एमबीबीएस करने वाले डॉक्टर को एक करोड़ जुर्माना देना होगा. आगामी सत्र में इस नियम को लागू कर दिया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा अब प्रदेश सरकार पूरे प्रदेश में अस्पतालों के पर्चे का रेट एक करने जा रही है. साथ ही अस्पतालों में होने वाले एक्स-रे सहित अन्य मेडिकल टेस्ट को एक रेट करने जा रही है. जिससे लोगों को इसका फायदा मिल सके.
धन सिंह रावत ने कहा अभी तक अलग-अलग अस्पतालों में ओपीडी के पर्चे और टेस्ट के रेट अलग-अलग हैं. आने वाले कैबिनेट में इस पर फैसला लेकर पूरे प्रदेश में एक रेट लागू किया जाएगा. इसके अलावा विधानसभा क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावा जो भी सरकारी हॉस्पिटल है. वहां पर रोगी कल्याण समिति का गठन किया जा रहा है. जहां उस अस्पताल का अध्यक्ष विधायक होगा. जहां कमेटी के माध्यम से हर महीने उस अस्पताल की कार्य योजना की जानकारी ली जाएगी और छोटी मोटी कमियों को कमेटी के माध्यम से दूर किए जाएंगे.
स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने पत्रकारों के साथ स्वास्थ्य संवाद कार्यक्रम किया. जिसमें स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की बारीकी से जानकारी दी. इसके साथ ही पत्रकारों से स्वास्थ्य विभाग में बेहतरीन किए जाने को लेकर विभिन्न सुझाव मांगे. इस दौरान हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने भी विभिन्न समस्याओं के निराकरण के लिए जानकारी दी. स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने मीडिया से बात करते हुए कहा अस्पतालों में सर्जन डॉक्टरों की कमी पूरा करने के लिए इसी महीने 46 सर्जन डॉक्टरों का सलेक्शन हुआ है. अस्पतालों की डॉक्टर की कमी को जल्द पूरा कर लिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि मार्च महीने में भारी संख्या में उत्तराखंड को डॉक्टर मिलने जा रहे हैं. जहां नैनीताल जनपद के ओखल कांडा क्षेत्र में 15 डॉक्टरों की तैनाती की जाएगी. धन सिंह रावत ने मीडिया से लिए गए सुझाव पर जल्द अमल करने की बात कही. साथ ही इन सुझाव की कार्य योजना सीएमओ के माध्यम से कराए जाने के निर्देश भी दिए.
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वहीं, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने नैनीताल में स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा आयोजित नशा मुक्ति रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस दौरान स्कूली छात्र-छात्राओं को नशे से दूर रहने के लिए शपथ दिलाई गई. जिसके बाद धन सिंह रावत ने यूजीसी मानव संसाधन विकास केंद्र कुमाऊं विश्वविद्यालय के तत्वाधान में आयोजित राज्य स्तरीय नैक प्रत्यायन प्रशिक्षण कार्यशाला में शिरकत की. इस दौरान धन सिंह रावत ने कहा उत्तराखंड के विश्वविद्यालयों को ए श्रेणी में लाने को लेकर प्रदेश भर के कॉलेजों के प्राचार्य को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. सरकार ने स्नातक की कक्षाओं में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की है. जिसे अब स्नातकोत्तर की कक्षाओं में भी लागू किया जा रहा है.
प्रदेश के सभी डिग्री कॉलेज को नैक की पढ़ाई से शत प्रतिशत जोड़ा जायेगा. जो देश का पहला राज्य होगा. सभी कॉलेजों में ई-ग्रंथालयों के माध्यम से छात्र-छात्राओं को बीस लाख पुस्तकें दी गई है. जिससे छात्र-छात्राओं को अध्ययन करने में काफी सुविधा मिलेगी. धन सिंह रावत ने कहा उत्तराखंड देश का पहला प्रदेश बनने जा रहा है, जहां सभी विश्वविद्यालयों में एक प्रवेश, एक परीक्षा, एक परिणाम, एक दीक्षांत और एक चुनाव लागू किया जायेगा. जल्द ही प्रदेश के सभी कॉलेज महाविद्यालयों में रिक्त पड़े पदों को भरा जाएगा. साथ ही बैकलॉग के रिक्त पदों को भरने के लिए सरकार कार्य कर रही है.
धन सिंह रावत ने प्रदेश के सभी प्राचार्यों को अपने-अपने कॉलेजों में टीम गठित कर खेल गतिविधियों में जोर देने, स्वच्छता, गांव को गोद लेकर शत प्रतिशत साक्षर बनाने और प्रदेश को नशा मुक्त करने के लिए टीम गठित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा भारत को टीबी मुक्त बनाना है. इसके लिए प्रत्येक प्राचार्य एक टीबी मरीज को गोद लें. ताकि, टीबी मुक्त भारत का सपना पूरा हो सके. वहीं, धन सिंह रावत ने विद्यालयी शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित रोजगार मेला 2023 में कार्यक्रम में प्रतिभाग किया. इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री ने उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग द्वारा चयनित सहायक अध्यापक एलटी के 78 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान की.
चारधाम यात्रा रूट पर तैनात होंगे मेडिकल कॉलेज के छात्र और फैकल्टी: स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा है कि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा में आने वाले यात्रियों को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो. इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठक भी कर चुके हैं. इस बार स्वास्थ्य विभाग चारधाम यात्रा में नया प्रयोग करने जा रहा है, जहां यात्रियों को मेडिकल सुविधा के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों और फैकल्टी को चारधाम यात्रा में तैनात किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि राज्य के जितने भी राजकीय मेडिकल कॉलेज हैं, उनके डॉक्टरों ,फैकल्टी और सर्जन डॉक्टर को तैनात किया जाएगा. जिसमें सभी मेडिकल कॉलेज के टीम 15 -15 दिनों के लिए तैनाती की जाएगी. जिससे यात्रियों को यात्रा के दौरान चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सके और इस बार चारधाम यात्रा पर स्वास्थ्य विभाग के तरफ से बहुत अच्छी व्यवस्था होगी.