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'एक स्टेशन एक उत्पाद' योजना से उत्तराखंड के उत्पादों को मिल रही पहचान - उत्तराखंड के उत्पादों की भरमार

उत्तराखंड के काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर 'एक स्टेशन एक उत्पाद' के तहत स्टॉल लगाए गए हैं. जहां पर उत्तराखंड के उत्पादों की भरमार देखने को मिल रही है. इससे स्थानीय और छोटे उद्यमियों को उनके उत्पादों की बिक्री का भी मौका मिल रहा है.

Uttarakhand Local Products Promoting
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Published : Dec 25, 2022, 6:58 PM IST

Updated : Dec 25, 2022, 7:15 PM IST

उत्तराखंड के उत्पादों को मिल रही पहचान.

हल्द्वानीः किसी भी राज्य के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई 'एक स्टेशन एक उत्पाद' योजना लघु और मध्यम उद्यमियों के लिए कारगर साबित होती नजर आ रही है. यह योजना स्थानीय ग्राहकों और पर्यटकों को भी आकर्षित कर रही है. यही वजह है कि कुमाऊं के काठगोदाम रेलवे स्टेशन और हल्द्वानी में स्टॉल को बुक करने की होड़ सी मच गई है. बताया जा रहा है कि 23 जनवरी तक के लिए स्टॉल बुक हो चुके हैं.

दरअसल, वोकल फॉर लोकल (Vocal for Local) यानी स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए रेलवे स्टेशन पर एक योजना को संचालित किया जा रहा है. जिसे 'एक स्टेशन एक उत्पाद' नाम दिया गया है. इसके तहत अलग-अलग रेलवे स्टेशनों पर स्थानीय उत्पादों की बिक्री के लिए एक स्टॉल लगाया गया है. जो 1000 रुपए के आवेदन शुल्क के साथ 15 दिन के अनुबंध पर अलग-अलग उद्यमी को दिया जा रहा है.

कुमाऊं में एक स्टेशन एक उत्पाद योजना (One Station One Product) के तहत लगे स्टॉल में हैंडीक्राफ्ट, टेक्सटाइल, हैंडलूम, ट्रेडिशनल गारमेंट, ऐपण कला (Aipan Art of Uttarakhand) और स्थानीय खान पान वाली चीजें लोगों को खूब आकर्षित कर रही है. स्टॉलों में लोगों की भीड़ भी देखने को मिल रही है.
ये भी पढ़ेंः स्वस्ति की उंगलियों का कमाल, चंद मिनटों में तैयार कर देती हैं ये उत्पाद

कुमाऊं का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन काठगोदाम है. यहां से रोजाना हजारों लोगों की आवाजाही होती है. काठगोदाम रेलवे स्टेशन (Kathgodam Railway Station) के अधीक्षक चयन रॉय का मानना है कि रेलवे स्टेशन पर यह योजना बहुत सफल हो रही है. क्योंकि, दूरस्थ ग्रामीण इलाकों के स्थानीय उत्पाद भी बिक्री के लिए स्टॉल पर लाए जा रहे हैं.

दूसरी सबसे बड़ी बात ये है कि इस स्टॉल के जरिए स्थानीय उत्पादों का प्रचार प्रसार भी देश-विदेशों तक हो रहा है. एक स्टेशन एक उत्पाद योजना सफल होती, इसलिए भी नजर आ रही है, क्योंकि छोटे उद्यमियों को यहां उन उत्पादों की बिक्री का भी मौका मिल रहा है, जो दूसरे बड़े स्टॉल पर कम बिक पाते थे. यहां खासकर उत्तराखंड के उत्पादों (Products of Uttarakhand) को बढ़ावा मिल रहा है.
ये भी पढ़ेंः विदेशों तक पहुंच रही कुमाऊं की ऐपण कला, नैनीताल की बेटी हेमलता के हाथों की दिख रही कलाकारी

उत्तराखंड के उत्पादों को मिल रही पहचान.

हल्द्वानीः किसी भी राज्य के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई 'एक स्टेशन एक उत्पाद' योजना लघु और मध्यम उद्यमियों के लिए कारगर साबित होती नजर आ रही है. यह योजना स्थानीय ग्राहकों और पर्यटकों को भी आकर्षित कर रही है. यही वजह है कि कुमाऊं के काठगोदाम रेलवे स्टेशन और हल्द्वानी में स्टॉल को बुक करने की होड़ सी मच गई है. बताया जा रहा है कि 23 जनवरी तक के लिए स्टॉल बुक हो चुके हैं.

दरअसल, वोकल फॉर लोकल (Vocal for Local) यानी स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए रेलवे स्टेशन पर एक योजना को संचालित किया जा रहा है. जिसे 'एक स्टेशन एक उत्पाद' नाम दिया गया है. इसके तहत अलग-अलग रेलवे स्टेशनों पर स्थानीय उत्पादों की बिक्री के लिए एक स्टॉल लगाया गया है. जो 1000 रुपए के आवेदन शुल्क के साथ 15 दिन के अनुबंध पर अलग-अलग उद्यमी को दिया जा रहा है.

कुमाऊं में एक स्टेशन एक उत्पाद योजना (One Station One Product) के तहत लगे स्टॉल में हैंडीक्राफ्ट, टेक्सटाइल, हैंडलूम, ट्रेडिशनल गारमेंट, ऐपण कला (Aipan Art of Uttarakhand) और स्थानीय खान पान वाली चीजें लोगों को खूब आकर्षित कर रही है. स्टॉलों में लोगों की भीड़ भी देखने को मिल रही है.
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कुमाऊं का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन काठगोदाम है. यहां से रोजाना हजारों लोगों की आवाजाही होती है. काठगोदाम रेलवे स्टेशन (Kathgodam Railway Station) के अधीक्षक चयन रॉय का मानना है कि रेलवे स्टेशन पर यह योजना बहुत सफल हो रही है. क्योंकि, दूरस्थ ग्रामीण इलाकों के स्थानीय उत्पाद भी बिक्री के लिए स्टॉल पर लाए जा रहे हैं.

दूसरी सबसे बड़ी बात ये है कि इस स्टॉल के जरिए स्थानीय उत्पादों का प्रचार प्रसार भी देश-विदेशों तक हो रहा है. एक स्टेशन एक उत्पाद योजना सफल होती, इसलिए भी नजर आ रही है, क्योंकि छोटे उद्यमियों को यहां उन उत्पादों की बिक्री का भी मौका मिल रहा है, जो दूसरे बड़े स्टॉल पर कम बिक पाते थे. यहां खासकर उत्तराखंड के उत्पादों (Products of Uttarakhand) को बढ़ावा मिल रहा है.
ये भी पढ़ेंः विदेशों तक पहुंच रही कुमाऊं की ऐपण कला, नैनीताल की बेटी हेमलता के हाथों की दिख रही कलाकारी

Last Updated : Dec 25, 2022, 7:15 PM IST
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