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MILK से डॉग फूड बनाने वाला देश का पहला राज्य बना उत्तराखंड - नेपाली पनीर छुरपी

डॉग फूड (छुरपी) में 60 प्रतिशत तक प्रोटीन होता है. इसलिए यह जानवरों की सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है. इसे बनाने की विधि भी आसान है. जिस तरीके से दूध से पनीर बनाया जाता है, उसी तरह से छुरपी भी तैयार की जाती है.

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Published : Nov 29, 2020, 4:42 PM IST

देहरादून: नेपाल, तिब्बत और भूटान में बेहद की लोकप्रिय 'छुरपी' पहली बार उत्तराखंड के ग्रोथ सेंटरों में भी तैयार की जा रही है. उत्तराखंड में पहली बार दूध से तैयारी की जा रही है छुरपी पालतू कुत्तों की सेहत बनाएगी. सहकारी क्षेत्र में दूध से छुरपी (डॉग फूड) तैयार करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है.

जानकारी देते हुए आंचल दुग्ध संघ के महाप्रबंधक

ऐसे बनती है छुरपी

छुरपी को दूध से तैयार किया जाता है. इसके लिए पहले दूध को फाड़ कर उसका पनीर बनाया जाता है. उस पनीर को करीब 28 दिनों तक तक तेज धूप में सुखाया जाता है. जिसके बाद छुरपी खाने के लिए बनकर तैयार हो जाती है. सामान्य शब्दों में समझें तो छुरपी भी एक तरह से कई दिनों तक सुखाई गई पनीर की है. पनीर और छुरपी में अंदर बस इतना है कि पनीर में नमी रहती है और छुरपी में नमी की मात्रा को पूरी तरह से निकालकर कठोर बना दिया जाता है. यह काफी सख्त होती है जो मुंह में कुछ देर रखने पर धीरे-धीरे पिघलने लगती है.

पढ़ें- मिड-डे मील में बच्चों को मिलेगी ताजी सब्जियां, तैयार की जा रही पोषण वाटिका

काफी अधिक होती है कैल्शियम और प्रोटीन की मात्रा

छुरपी में काफी अच्छी मात्रा में कैल्शियम और प्रोटीन होता है. जानकारों के मुताबिक, छुरपी में प्रोटीन की मात्रा लगभग 60 प्रतिशत तक होती है. ईटीवी भारत से बात करते हुए आंचल दुग्ध संघ के महाप्रबंधक मानसिंह पाल ने बताया कि फिलहाल जौनसार बावर के लाखामंडल इलाके के एक ग्रोथ सेंटर में बदरी गाय के दूध से छुरपी और घी तैयार किया जा रहा है. यहां तैयार की गई छुरपी को फिलहाल बेंगलुरु की एक निजी कंपनी खरीद रही है. वहीं, इसे डॉग फूड को करीब 650 रुपए प्रति किलो ग्राम की दर बेचा जा रहा है.

दुग्ध उत्पादकों की आमदनी बढ़ेगी

छुरपी तैयार करने के लिए आंचल दुग्ध संघ गौ पालक को सामान्य दरों से प्रति लीटर दो से तीन रुपए ज्यादा दूध खरीद रहा है. ऐसे में गौ पालकों को भी आमदनी बढ़ रही है. दिसंबर माह के अंत तक प्रदेश में छुरपी के लिए दो और ग्रोथ सेंटरों खोलने की तैयारी की जा रही है.

देहरादून: नेपाल, तिब्बत और भूटान में बेहद की लोकप्रिय 'छुरपी' पहली बार उत्तराखंड के ग्रोथ सेंटरों में भी तैयार की जा रही है. उत्तराखंड में पहली बार दूध से तैयारी की जा रही है छुरपी पालतू कुत्तों की सेहत बनाएगी. सहकारी क्षेत्र में दूध से छुरपी (डॉग फूड) तैयार करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है.

जानकारी देते हुए आंचल दुग्ध संघ के महाप्रबंधक

ऐसे बनती है छुरपी

छुरपी को दूध से तैयार किया जाता है. इसके लिए पहले दूध को फाड़ कर उसका पनीर बनाया जाता है. उस पनीर को करीब 28 दिनों तक तक तेज धूप में सुखाया जाता है. जिसके बाद छुरपी खाने के लिए बनकर तैयार हो जाती है. सामान्य शब्दों में समझें तो छुरपी भी एक तरह से कई दिनों तक सुखाई गई पनीर की है. पनीर और छुरपी में अंदर बस इतना है कि पनीर में नमी रहती है और छुरपी में नमी की मात्रा को पूरी तरह से निकालकर कठोर बना दिया जाता है. यह काफी सख्त होती है जो मुंह में कुछ देर रखने पर धीरे-धीरे पिघलने लगती है.

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काफी अधिक होती है कैल्शियम और प्रोटीन की मात्रा

छुरपी में काफी अच्छी मात्रा में कैल्शियम और प्रोटीन होता है. जानकारों के मुताबिक, छुरपी में प्रोटीन की मात्रा लगभग 60 प्रतिशत तक होती है. ईटीवी भारत से बात करते हुए आंचल दुग्ध संघ के महाप्रबंधक मानसिंह पाल ने बताया कि फिलहाल जौनसार बावर के लाखामंडल इलाके के एक ग्रोथ सेंटर में बदरी गाय के दूध से छुरपी और घी तैयार किया जा रहा है. यहां तैयार की गई छुरपी को फिलहाल बेंगलुरु की एक निजी कंपनी खरीद रही है. वहीं, इसे डॉग फूड को करीब 650 रुपए प्रति किलो ग्राम की दर बेचा जा रहा है.

दुग्ध उत्पादकों की आमदनी बढ़ेगी

छुरपी तैयार करने के लिए आंचल दुग्ध संघ गौ पालक को सामान्य दरों से प्रति लीटर दो से तीन रुपए ज्यादा दूध खरीद रहा है. ऐसे में गौ पालकों को भी आमदनी बढ़ रही है. दिसंबर माह के अंत तक प्रदेश में छुरपी के लिए दो और ग्रोथ सेंटरों खोलने की तैयारी की जा रही है.

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