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हाईकोर्ट ने हरिद्वार में स्लाटर हाउसों पर लगी रोक को बरकरार रखा, याचिकाकर्ता ने जल्द सुनवाई की मांग

Nainital High Court हरिद्वार में स्लाटर हाउस को पूरे तरीके से बंद करने के खिलाफ दायर याचिका पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें कोर्ट ने स्लाटर हाउस पर लगी रोक को बरकरार रखा है.

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Published : Jul 26, 2023, 7:29 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार जिले में सरकार द्वारा स्लाटर हाउस को संपूर्ण रूप से बंद करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने हरिद्वार में स्लाटर हाउस पर लगी रोक को जारी रखा है. अब मामले की अगली सुनवाई के लिए 28 नवंबर की तिथि निर्धारित की गई है.

कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि इस मामले में शीघ्र सुनवाई की जाए, क्योंकि सरकार पूरे हरिद्वार जिले में स्लाटर हाउस पर रोक नहीं लगा सकती. राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि सरकार ने केवल स्लाटर हाउस पर रोक लगा रखी है खाने पर नहीं. मामले के अनुसार सरकार ने 3 मार्च 2021 में आदेश जारी कर हरिद्वार जिले में स्लाटर हाउस पूर्ण रूप से बंद कर दिए थे, जबकि पहले धार्मिक स्थलों तक ही यह आदेश लागू था. जिसके खिलाफ मंगलौर निवासी इफ्तिकार व अन्य ने जनहित याचिका दायर की थी.

ये भी पढ़ें: HC ने दूनघाटी में नियम विरुद्ध हो रहे विकास कार्य पर पर्यटन सचिव को किया तलब, विस्तृत शपथपत्र पेश करने के आदेश

याचिका में कहा गया कि सरकार धार्मिक क्षेत्रों में मांस की बिक्री प्रतिबंधित कर सकती है, लेकिन पूरे जिले में बंद नहीं कर सकती है, क्योंकि यह उनका संवैधानिक अधिकार है. सरकार का यह आदेश अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करने वाला है. याचिका में यह भी कहा गया है कि मंगलौर और रुड़की में 87 प्रतिशत मुस्लिम समुदाय के लोग रहते है.
ये भी पढ़ें: वन दरोगा भर्ती के मामले में हाईकोर्ट से मिली हरी झंडी, खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश को किया निरस्त

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार जिले में सरकार द्वारा स्लाटर हाउस को संपूर्ण रूप से बंद करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने हरिद्वार में स्लाटर हाउस पर लगी रोक को जारी रखा है. अब मामले की अगली सुनवाई के लिए 28 नवंबर की तिथि निर्धारित की गई है.

कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि इस मामले में शीघ्र सुनवाई की जाए, क्योंकि सरकार पूरे हरिद्वार जिले में स्लाटर हाउस पर रोक नहीं लगा सकती. राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि सरकार ने केवल स्लाटर हाउस पर रोक लगा रखी है खाने पर नहीं. मामले के अनुसार सरकार ने 3 मार्च 2021 में आदेश जारी कर हरिद्वार जिले में स्लाटर हाउस पूर्ण रूप से बंद कर दिए थे, जबकि पहले धार्मिक स्थलों तक ही यह आदेश लागू था. जिसके खिलाफ मंगलौर निवासी इफ्तिकार व अन्य ने जनहित याचिका दायर की थी.

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याचिका में कहा गया कि सरकार धार्मिक क्षेत्रों में मांस की बिक्री प्रतिबंधित कर सकती है, लेकिन पूरे जिले में बंद नहीं कर सकती है, क्योंकि यह उनका संवैधानिक अधिकार है. सरकार का यह आदेश अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करने वाला है. याचिका में यह भी कहा गया है कि मंगलौर और रुड़की में 87 प्रतिशत मुस्लिम समुदाय के लोग रहते है.
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