नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चर्चित एनएच-74 घोटाले के दस आरोपियों की याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने ईडी से एक सप्ताह के भीतर इनकी याचिकाओं में आपत्ति पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई एक मार्च 2023 को होगी.
मामले में डीपी सिंह, अर्पण कुमार, संजय कुमार चौहान, विकास कुमार, बोले लाल, भगत सिंह फोनिया, मदन मोहन पलड़िया, बरिंदर सिंह बलवंत सिंह, रमेश कुमार एवं ओम प्रकाश ने अलग-अलग याचिकाएं दायर कर निचली अदालत के 28 अप्रैल 2022 के आदेश को चुनौती दी है. जिसमें ईडी से कहा गया था कि इनके खिलाफ अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए जाएं, जिसके बाद उनके खिलाफ अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए गए.
याचिकाओं में कहा गया कि यह आदेश गलत है. पहले मुकदमे को वापस नहीं लिया जा सकता. घोटाले में आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग शिकायतें दर्ज हैं और किसी के खिलाफ एक तो किसी के खिलाफ दो या तीन शिकायतें दर्ज हैं. वहीं, डीपी सिंह के खिलाफ सात शिकायतें दर्ज हैं. अगर वे एक केस में उपस्थित नहीं होने का प्रार्थना पत्र देते हैं तो उन्हें अन्य छः केसों में भी प्रार्थना पत्र देना पड़ेगा. अगर वे प्रार्थना पत्र नहीं देते हैं तो उनके खिलाफ कुछ भी आदेश हो सकता है, इसलिए इस आदेश को निरस्त किया जाए.
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एनएच 74 घोटाले में एसआईटी ने 2011 करोड़ रुपए के घोटाले की पुष्टि 2017 में की थी. जिसमे कई अधिकारी, कर्मचारी एवं किसान शामिल थे. दरअसल उधमसिंह नगर से गुजरने वाले एनएच 74 के फोरलेन बनने के कारण कई एकड़ कृषि योग्य भूमि इसकी जद में आ गई थी. इस दौरान किसानों की कृषि योग्य भूमि को अयोग्य दिखाते हुए घोटाला किया गया था. एक मार्च 2017 को तत्कालीन आयुक्त सेंथिल पांडियन सी ने घोटाले की आंशका जताई थी. जिलाधिकारी उधमसिंह नगर को जांच के आदेश दिए गए थे और जांच सही पाए जाने पर तत्कालीन एडीएम प्रताप साह ने पंतनगर के सिडकुल थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में दो आईएएस अधिकारी भी निलंबित हुए थे और अभी एनएच 74 घोटाले के आरोपी जमानत पर रिहा है.