ETV Bharat / state

नैनीसैनी एयरपोर्ट से कमर्शियल फ्लाइट शुरू न होने का मामला, HC ने सेक्रेटरी एविएशन से मांगा जवाब - नैनीसैनी एयरपोर्ट

Naini Saini Airport Pithoragarh उत्तराखंड हाईकोर्ट में गुरुवार चार जनवरी को नैनीसैनी एयरपोर्ट पिथौरागढ़ से कमर्शियल फ्लाइट शुरू नहीं होने के मामले पर सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने सेक्रेटरी एविएशन भारत सरकार सहित डीजीसीए चीफ को 4 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का कहा है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 4, 2024, 4:43 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ में साल 1991 में बने नैनीसैनी एयरपोर्ट से अभीतक कमर्शियल हवाई सेवाएं शुरू न किए जाने को लेकर उत्तराखंड हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ती विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ में हुई.

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सेक्रेटरी एविएशन भारत सरकार सहित डीजीसीए चीफ को 4 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का कहा है और पूछा है कि पिथौरागढ़ जिले के नैनीसैनी एयरपोर्ट से उड़ान कैसे संचालित की जाएगी और भविष्य में हवाई सेवाएं संचालित करने के लिए उनके पास क्या प्लान है?
पढ़ें- उत्तराखंड में प्रशासनिक बदलाव, देखिए किस आईएएस अफसर को मिली कौन सी नई जिम्मेदारी

बता दें कि एविएशन ने कांगजों पिथौरागढ़ जिले के नैनीसैनी एयरपोर्ट से रोजाना चार हवाई सेवाओं का संचालन दिखाया है. मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने फरवरी माह की तिथि नियत की है. मामले के अनुसार पिथौरागढ़ निवासी राजेश पांडे ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में नैनीसैनी हवाई पट्टी 1991 में अधिकृत उपयोग के लिए बनाई गई थी और डोर्नियर 228 शॉर्ट फ्लाइंग मशीन के संचालन के लिए तैयार हो गई थी. लेकिन अभी तक यहां से कमर्शियल फ्लाइड का संचालन नहीं हो पाया है.

याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि नैनीसैनी एयरपोर्ट सामरिक और पर्यटक की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. बरतास के दिनों अक्सर सड़के क्षतिग्रस्त हो जाती है, ऐसे में पिथौरागढ़ के लोगों के लिए फ्लाइट ही एक मात्र साधन है. याचिकाकर्ता का कहना है कि केवल कागजों में ही नैनीसैनी हवाई अड्डे से उड़ाने संचालित हो रही, जबकि धरातल पर स्थिति इसके उलट है. कई बार हवाई सेवाएं संचालित हुई, परन्तु कुछ समय के बाद बंद हो गयी.

नैनीताल: उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ में साल 1991 में बने नैनीसैनी एयरपोर्ट से अभीतक कमर्शियल हवाई सेवाएं शुरू न किए जाने को लेकर उत्तराखंड हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ती विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ में हुई.

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सेक्रेटरी एविएशन भारत सरकार सहित डीजीसीए चीफ को 4 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का कहा है और पूछा है कि पिथौरागढ़ जिले के नैनीसैनी एयरपोर्ट से उड़ान कैसे संचालित की जाएगी और भविष्य में हवाई सेवाएं संचालित करने के लिए उनके पास क्या प्लान है?
पढ़ें- उत्तराखंड में प्रशासनिक बदलाव, देखिए किस आईएएस अफसर को मिली कौन सी नई जिम्मेदारी

बता दें कि एविएशन ने कांगजों पिथौरागढ़ जिले के नैनीसैनी एयरपोर्ट से रोजाना चार हवाई सेवाओं का संचालन दिखाया है. मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने फरवरी माह की तिथि नियत की है. मामले के अनुसार पिथौरागढ़ निवासी राजेश पांडे ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में नैनीसैनी हवाई पट्टी 1991 में अधिकृत उपयोग के लिए बनाई गई थी और डोर्नियर 228 शॉर्ट फ्लाइंग मशीन के संचालन के लिए तैयार हो गई थी. लेकिन अभी तक यहां से कमर्शियल फ्लाइड का संचालन नहीं हो पाया है.

याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि नैनीसैनी एयरपोर्ट सामरिक और पर्यटक की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. बरतास के दिनों अक्सर सड़के क्षतिग्रस्त हो जाती है, ऐसे में पिथौरागढ़ के लोगों के लिए फ्लाइट ही एक मात्र साधन है. याचिकाकर्ता का कहना है कि केवल कागजों में ही नैनीसैनी हवाई अड्डे से उड़ाने संचालित हो रही, जबकि धरातल पर स्थिति इसके उलट है. कई बार हवाई सेवाएं संचालित हुई, परन्तु कुछ समय के बाद बंद हो गयी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.