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HC ने PCCF राजीव भरतरी और टीआर बिजुलाल को जारी किया अवमानना नोटिस

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Published : Aug 24, 2021, 5:24 PM IST

Updated : Aug 24, 2021, 5:52 PM IST

नैनीताल हाईकोर्ट ने पीसीसीएफ राजीव भरतरी और टीआर बिजुलाल को अवमानना नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने दोनों से चार सप्ताह में जवाब मांगा है.

नैनीताल हाईकोर्ट
नैनीताल हाईकोर्ट

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर पीसीसीएफ (Principal Chief Conservator of Forests) राजीव भरतरी और टीआर बिजुलाल को अवमानना का नोटिस जारी किया गया है. हाईकोर्ट ने दोनों से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई.

मामले के अनुसार, नैनीताल के राजभवन निवासी महेंद्र सिंह घिल्डियाल ने अवमानना याचिका दायर की थी. याचिका में उन्होंने कहा था कि हाईकोर्ट ने एक साल पहले आदेश दिया था कि उनकी समस्त सेवाओं को जोड़कर उनको रिटायरमेंट के समस्त लाभ और पेंशन दी जाये. परन्तु वन विभाग ने अभी न तो रिटायरमेंट के समस्त लाभ दिए न ही पेंशन जारी की.

पढ़ें- APO भर्ती: 10 दिन और बढ़ी फार्म भरने की तारीख, कोर्ट ने निरस्त की याचिका

वन विभाग ने हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया है. हाईकोर्ट के आदेश पर अनुपालन नहीं करने पर उन्हें संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करनी पड़ी. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि वे साल 1983 में क्लर्क की पोस्ट पर सिविल सोयम अल्मोड़ा में नियुक्त हुए थे. 2003 में वन दरोगा के पद पर नियमित हो गए थे. 2017 में वे वन दरोगा के पद से ही रिटायर हो गए थे. रिटायरमेंट के बाद विभाग ने उनकी पूर्व में की गयी सेवाओं को नहीं जोड़ा. इस कारण उनको रिटायरमेंट के समस्त लाभ व पेंशन नहीं मिल पाई. इसको लेकर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

याचिका में सुनवाई के बाद कोर्ट ने प्रेम सिंह बनाम उत्तर प्रदेश सरकार में दिए गए निर्णय के आधार पर उनको रिटायरमेंट के समस्त लाभ व पेंशन देने के आदेश दिए थे. लेकिन कोर्ट के आदेश के एक साल बीत जाने के बाद भी उनको रिटायरमेंट के समस्त लाभ व पेंशन नहीं दिये गये.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर पीसीसीएफ (Principal Chief Conservator of Forests) राजीव भरतरी और टीआर बिजुलाल को अवमानना का नोटिस जारी किया गया है. हाईकोर्ट ने दोनों से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई.

मामले के अनुसार, नैनीताल के राजभवन निवासी महेंद्र सिंह घिल्डियाल ने अवमानना याचिका दायर की थी. याचिका में उन्होंने कहा था कि हाईकोर्ट ने एक साल पहले आदेश दिया था कि उनकी समस्त सेवाओं को जोड़कर उनको रिटायरमेंट के समस्त लाभ और पेंशन दी जाये. परन्तु वन विभाग ने अभी न तो रिटायरमेंट के समस्त लाभ दिए न ही पेंशन जारी की.

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वन विभाग ने हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया है. हाईकोर्ट के आदेश पर अनुपालन नहीं करने पर उन्हें संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करनी पड़ी. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि वे साल 1983 में क्लर्क की पोस्ट पर सिविल सोयम अल्मोड़ा में नियुक्त हुए थे. 2003 में वन दरोगा के पद पर नियमित हो गए थे. 2017 में वे वन दरोगा के पद से ही रिटायर हो गए थे. रिटायरमेंट के बाद विभाग ने उनकी पूर्व में की गयी सेवाओं को नहीं जोड़ा. इस कारण उनको रिटायरमेंट के समस्त लाभ व पेंशन नहीं मिल पाई. इसको लेकर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

याचिका में सुनवाई के बाद कोर्ट ने प्रेम सिंह बनाम उत्तर प्रदेश सरकार में दिए गए निर्णय के आधार पर उनको रिटायरमेंट के समस्त लाभ व पेंशन देने के आदेश दिए थे. लेकिन कोर्ट के आदेश के एक साल बीत जाने के बाद भी उनको रिटायरमेंट के समस्त लाभ व पेंशन नहीं दिये गये.

Last Updated : Aug 24, 2021, 5:52 PM IST
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