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ग्रीन बेल्ट भूमि को कंपनी के लिए आवंटित किए जाने का मामला, HC ने सिडकुल से मांगा शपथ पत्र

Uttarakhand High Court उत्तराखंड हाई कोर्ट ने हरिद्वार ग्रीन बेल्ट की जमीन कंपनियों को देने के मामले में सुनवाई की. कोर्ट ने सिडकुल से 7 दिन के भीतर जवाब पेश करने के लिए कहा है.

UTTARAKHAND HC
उत्तराखंड हाईकोर्ट
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 3, 2024, 6:56 PM IST

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सिडकुल हरिद्वार में ग्रीन बेल्ट की भूमि को सिडकुल द्वारा कंपनियों और आवासों के लिए आवंटित किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने सिडकुल से एक सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है. मामले पर अगली सुनवाई 9 जनवरी 2024 को होगी.

सुनवाई पर आज बुधवार को सिडकुल की तरफ से कहा गया कि ग्रीन बेल्ट में स्वीकृत गोल्फ कोर्स पर कोई हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है. जिसपर कोर्ट ने उनसे शपथ पत्र पेश करने को कहा है. याचिकाकर्ता की तरफ से यह भी कहा गया कि सिडकुल के द्वारा 2006 के एनवायरनमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट का पालन तक नहीं किया गया.
ये भी पढ़ेंः नगर निकाय चुनावों का मामला, हाईकोर्ट ने सचिव शहरी विकास को किया तलब

मामले के अनुसार, हरिद्वार निवासी अरूण कुमार की ओर से इस मामले को जनहित याचिका दायर कर चुनौती दी गई है. जनहित याचिका में याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि प्रदेश में सिडकुल की भूमि पर पर्यावरण को बचाए रखने के लिए ग्रीन बेल्ट का प्रावधान किया गया है. लेकिन हरिद्वार सिडकुल की ओर से इस भूमि को औद्योगिक कंपनियों को आवंटित कर दिया गया है. इसमें उद्योग लगाए जा रहे हैं, जो कि औद्योगिक नियमावली के विरुद्ध है.

याचिकाकर्ता की ओर से जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि इस पर रोक लगाई जाए. जिससे कि पर्यवारण को क्षति न पहुंच सके. साथ ही जनहित याचिका में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है.

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सिडकुल हरिद्वार में ग्रीन बेल्ट की भूमि को सिडकुल द्वारा कंपनियों और आवासों के लिए आवंटित किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने सिडकुल से एक सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है. मामले पर अगली सुनवाई 9 जनवरी 2024 को होगी.

सुनवाई पर आज बुधवार को सिडकुल की तरफ से कहा गया कि ग्रीन बेल्ट में स्वीकृत गोल्फ कोर्स पर कोई हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है. जिसपर कोर्ट ने उनसे शपथ पत्र पेश करने को कहा है. याचिकाकर्ता की तरफ से यह भी कहा गया कि सिडकुल के द्वारा 2006 के एनवायरनमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट का पालन तक नहीं किया गया.
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मामले के अनुसार, हरिद्वार निवासी अरूण कुमार की ओर से इस मामले को जनहित याचिका दायर कर चुनौती दी गई है. जनहित याचिका में याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि प्रदेश में सिडकुल की भूमि पर पर्यावरण को बचाए रखने के लिए ग्रीन बेल्ट का प्रावधान किया गया है. लेकिन हरिद्वार सिडकुल की ओर से इस भूमि को औद्योगिक कंपनियों को आवंटित कर दिया गया है. इसमें उद्योग लगाए जा रहे हैं, जो कि औद्योगिक नियमावली के विरुद्ध है.

याचिकाकर्ता की ओर से जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि इस पर रोक लगाई जाए. जिससे कि पर्यवारण को क्षति न पहुंच सके. साथ ही जनहित याचिका में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है.

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