ETV Bharat / state

इकबालपुर चीनी मिल पर किसानों का बकाया, HC ने डीएम को भुगतान करने का दिया आदेश

उत्तराखंड हाईकोर्ट में इकबालपुर चीनी मिल पर किसानों का बकाया मामले में दायर याचिका पर सुनवाई है. मामले की सुनवाई में हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी को खाते में जमा 60 करोड़ रुपये से किसानों के बकाये का भुगतान करने के आदेश दिए हैं. साथ ही मामले में अगली सुनवाई के लिए 4 सप्ताह के बाद का समय दिया है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Aug 30, 2022, 7:44 PM IST

Updated : Aug 30, 2022, 8:00 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने हरिद्वार इकबालपुर चीनी मिल (Haridwar Iqbalpur Sugar Mill) मालिक द्वारा गन्ना किसानों को भुगतान (Payment to sugarcane farmers) नहीं करने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई की. मामले के अनुसार चीनी मिल ने 2017-2018 और 2018-2019 में किसानों के करोड़ों रुपये बकाये का भुगतान नहीं (Crores of rupees dues of farmers not paid) किया है. मामले की सुनवाई में हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी को खाते में जमा 60 करोड़ रुपये से किसानों के बकाये का भुगतान करने के आदेश दिए.

जनहित याचिका पर सुनवाई (Public interest litigation hearing) के दौरान चीनी मिल की ओर से कोर्ट को अवगत कराया गया कि जिलाधिकारी के नेतृत्व में खोले गए खाते में ₹60 करोड़ जमा किए जा चुके हैं. जिसमें 50 प्रतिशत गन्ना किसानों को और शेष बैकों का लोन चुकाने के लिए रकम जमा कर दिया है. कंपनी ने हाईकोर्ट से आग्रह किया कि नेशनल हाईवे ऑथिरिटी की तरफ से जो, जमीन अधिग्रहण किया गया है. उसका मुआवजा दिया जाना है. यह भुगतान इस जमा रकम से कर दिया जाए.

हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी हरिद्वार को भुगतान की गई धनराशि का ब्यौरा कोर्ट में पेश करने को कहा है. मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 4 सप्ताह बाद की तारीख दी है. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश बिपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई.

ये भी पढ़ें: UKPSC में उत्तराखंड की महिलाओं को मिलता रहेगा 30% आरक्षण, दोबारा जारी होगा मेरिट लिस्ट

बता दें कि मामले के अनुसार हरिद्वार निवासी नितिन ने जनहित याचिका दायर किया है. जिसमें बताया गया कि हरिद्वार स्थित इकबालपुर चीनी मिल (धनश्री एग्रो) में गन्ना किसानों का 2017-18 में 108 करोड़ और 2018-19 का 109 करोड़ का भुगतान मिल पर बकाया है. याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि सरकार के आदेश पर चीनी मिल को सॉफ्ट लोन के रूप में 214 करोड़ रुपए विभिन्न बैंकों द्वारा दिलाया गया. जबकि जनता ने जमा राशि को सॉफ्ट लोन के लिए प्रयोग नहीं किया जा सकता है.

याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि किसानों का गन्ने का भुगतान करने के लिए जब्त की गई चीनी की नीलामी की जाए. जिलाधिकारी हरिद्वार ने पूर्व में कोर्ट को बताया था कि इकबालपुर चीनी मिल प्रशासन को सहयोग नहीं कर रही है. इस मिल से करीब 19,903 किसान प्रभावित हैं. कोर्ट के आदेश पर प्रशासन ने खोले गए खातों में चीनी बेचे जाने के बाद करीब 28 करोड़ रुपये जमा हुए हैं. जबकि देनदारी 154 करोड़ की है. अभी तक किसानों को उनके गन्ने का भुगतान नही किया गया है.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने हरिद्वार इकबालपुर चीनी मिल (Haridwar Iqbalpur Sugar Mill) मालिक द्वारा गन्ना किसानों को भुगतान (Payment to sugarcane farmers) नहीं करने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई की. मामले के अनुसार चीनी मिल ने 2017-2018 और 2018-2019 में किसानों के करोड़ों रुपये बकाये का भुगतान नहीं (Crores of rupees dues of farmers not paid) किया है. मामले की सुनवाई में हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी को खाते में जमा 60 करोड़ रुपये से किसानों के बकाये का भुगतान करने के आदेश दिए.

जनहित याचिका पर सुनवाई (Public interest litigation hearing) के दौरान चीनी मिल की ओर से कोर्ट को अवगत कराया गया कि जिलाधिकारी के नेतृत्व में खोले गए खाते में ₹60 करोड़ जमा किए जा चुके हैं. जिसमें 50 प्रतिशत गन्ना किसानों को और शेष बैकों का लोन चुकाने के लिए रकम जमा कर दिया है. कंपनी ने हाईकोर्ट से आग्रह किया कि नेशनल हाईवे ऑथिरिटी की तरफ से जो, जमीन अधिग्रहण किया गया है. उसका मुआवजा दिया जाना है. यह भुगतान इस जमा रकम से कर दिया जाए.

हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी हरिद्वार को भुगतान की गई धनराशि का ब्यौरा कोर्ट में पेश करने को कहा है. मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 4 सप्ताह बाद की तारीख दी है. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश बिपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई.

ये भी पढ़ें: UKPSC में उत्तराखंड की महिलाओं को मिलता रहेगा 30% आरक्षण, दोबारा जारी होगा मेरिट लिस्ट

बता दें कि मामले के अनुसार हरिद्वार निवासी नितिन ने जनहित याचिका दायर किया है. जिसमें बताया गया कि हरिद्वार स्थित इकबालपुर चीनी मिल (धनश्री एग्रो) में गन्ना किसानों का 2017-18 में 108 करोड़ और 2018-19 का 109 करोड़ का भुगतान मिल पर बकाया है. याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि सरकार के आदेश पर चीनी मिल को सॉफ्ट लोन के रूप में 214 करोड़ रुपए विभिन्न बैंकों द्वारा दिलाया गया. जबकि जनता ने जमा राशि को सॉफ्ट लोन के लिए प्रयोग नहीं किया जा सकता है.

याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि किसानों का गन्ने का भुगतान करने के लिए जब्त की गई चीनी की नीलामी की जाए. जिलाधिकारी हरिद्वार ने पूर्व में कोर्ट को बताया था कि इकबालपुर चीनी मिल प्रशासन को सहयोग नहीं कर रही है. इस मिल से करीब 19,903 किसान प्रभावित हैं. कोर्ट के आदेश पर प्रशासन ने खोले गए खातों में चीनी बेचे जाने के बाद करीब 28 करोड़ रुपये जमा हुए हैं. जबकि देनदारी 154 करोड़ की है. अभी तक किसानों को उनके गन्ने का भुगतान नही किया गया है.

Last Updated : Aug 30, 2022, 8:00 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.