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हल्द्वानी में सरकारी जमीन को खुर्द बुर्द कर ठिकाने लगाने का मामला, HC ने मांगा सबूत

Case of selling government land in Haldwani हाईकोर्ट ने हल्द्वानी में भू-माफियाओं के द्वारा रेलवे, राजस्व व वन विभाग की भूमि को राज्य के बाहरी लोगों को बेचे जाने के मामले पर सुनवाई की. कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता से इस मामले में सबूत के साथ शपथपत्र पेश करने के आदेश दिए हैं.

uttarakhand high court
उत्तराखंड हाईकोर्ट
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 28, 2023, 7:33 PM IST

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी में भू-माफियाओं के द्वारा रेलवे, वन विभाग व राजस्व की भूमि 100 और 500 रुपये के स्टांप पर बेचे जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिए कि जो आरोप उन्होंने जनहित याचिका में लगाए हैं. उसके सबूत शपथपत्र के माध्यम से कोर्ट में पेश करें. मामले की अगली सुनवाई 4 दिसंबर को होगी.

मामले के मुताबिक, हल्द्वानी निवासी हितेश पांडे ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हल्द्वानी के गफूर बस्ती में रेलवे की भूमि, गौलापार गोजाजाली स्थित वन विभाग व राजस्व की भूमि को भू-माफियाओं द्वारा 100 और 500 रुपए के स्टांप पर बेच दिया गया है. जिन लोगों को यह भूमि बेची गई है. वे लोग उत्तराखंड के स्थायी निवासी नहीं हैं. ये लोग रोजगार के लिए यहां आए थे. कुछ ही समय बाद सीएससी सेंटर में इनके वोटर आईडी तक बन गए. जब इसकी शिकायत प्रशासन और मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई तो याचिकाकर्ता को जान माल की धमकी तक भू-माफियाओं के द्वारा दी गई.
ये भी पढ़ेंः अतिक्रमण हटाने के मामले में लापरवाही पर DFO हिमांशु कोर्ट में तलब, HC ने कहा- आपकी मंशा ठीक नहीं लग रही

जनहित याचिका में कहा गया कि ये लोग उत्तराखंड के स्थायी निवासी नहीं हैं. राज्य सरकार के द्वारा वोट बैंक के चक्कर में इनके लिए लाइट, पानी, स्कूल व हॉस्पिटल के लिए करोड़ों रुपया खर्च किया जा रहा है. इसका भार स्थायी लोगों पर पड़ रहा है. इस वजह से स्थायी लोगों को सरकार की योजनाओं से वंचित रहना पड़ रहा है. प्रशासन द्वारा सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है. जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि इस मामले की जांच उच्च स्तरीय कमेटी से की जाए. इनके सभी दस्तावेजों की जांच की जाए.

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी में भू-माफियाओं के द्वारा रेलवे, वन विभाग व राजस्व की भूमि 100 और 500 रुपये के स्टांप पर बेचे जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिए कि जो आरोप उन्होंने जनहित याचिका में लगाए हैं. उसके सबूत शपथपत्र के माध्यम से कोर्ट में पेश करें. मामले की अगली सुनवाई 4 दिसंबर को होगी.

मामले के मुताबिक, हल्द्वानी निवासी हितेश पांडे ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हल्द्वानी के गफूर बस्ती में रेलवे की भूमि, गौलापार गोजाजाली स्थित वन विभाग व राजस्व की भूमि को भू-माफियाओं द्वारा 100 और 500 रुपए के स्टांप पर बेच दिया गया है. जिन लोगों को यह भूमि बेची गई है. वे लोग उत्तराखंड के स्थायी निवासी नहीं हैं. ये लोग रोजगार के लिए यहां आए थे. कुछ ही समय बाद सीएससी सेंटर में इनके वोटर आईडी तक बन गए. जब इसकी शिकायत प्रशासन और मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई तो याचिकाकर्ता को जान माल की धमकी तक भू-माफियाओं के द्वारा दी गई.
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जनहित याचिका में कहा गया कि ये लोग उत्तराखंड के स्थायी निवासी नहीं हैं. राज्य सरकार के द्वारा वोट बैंक के चक्कर में इनके लिए लाइट, पानी, स्कूल व हॉस्पिटल के लिए करोड़ों रुपया खर्च किया जा रहा है. इसका भार स्थायी लोगों पर पड़ रहा है. इस वजह से स्थायी लोगों को सरकार की योजनाओं से वंचित रहना पड़ रहा है. प्रशासन द्वारा सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है. जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि इस मामले की जांच उच्च स्तरीय कमेटी से की जाए. इनके सभी दस्तावेजों की जांच की जाए.

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