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पौड़ी में स्टोन क्रशर का मामला, HC ने पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और DM को रिपोर्ट पेश करने को कहा

पौड़ी जिले में बिजनी बड़ी निवासी राजेंद्र सिंह ने जिले में चल रहे स्टोन क्रशर के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी, जिस पर गुरुवार को नैनीताल हाईकोर्ट ने सुनवाई की. इस मामले में कोर्ट ने पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और DM पौड़ी को तलब किया है.

Uttarakhand High Court news
उत्तराखंड हाईकोर्ट
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Published : Nov 18, 2021, 3:49 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पौड़ी जिले के बिजनी बड़ी जाखड़ीधार में मानकों के विपरीत चल रहे मानव स्टोन क्रशर के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद जिला अधिकारी पौड़ी गढ़वाल और पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को 7 दिसंबर से पहले मौके का निरीक्षण करने का आदेश दिया है. निरीक्षण की रिपोर्ट 7 दिसंबर को कोर्ट में पेश करने को कहा हैं.

मामले की अगली सुनवाई 8 दिसंबर होगी. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई. मामले के अनुसार बिजनी बड़ी निवासी राजेंद्र सिंह ने नैनीताल हाईकोर्ट ने जनहित याचिका दायर की थी. याचिका में उन्होंने कहा था कि सरकार ने मानकों के विरुद्ध जाकर मानव स्टोन क्रशर को चलाने की अनुमति दी है. यह स्टोन क्रशर राजाजी नेशनल पार्क के दस किलोमीटर के भीतर चल रहा है. जबकि हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने इको सेंसटिव जोन में इस तरह की गतिविधिओं पर रोक लगा रखी है. उसके बाद भी इसे चलाने की अनुमति दी गयी है, जो नियम विरुद्ध है.

पढ़ें- श्रीनगर में अचानकर बढ़ा डैम का जलस्तर, बीच धार में फंसे जेसीबी ड्राइवर, ऐसे बची जान

याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अनुराध किया है कि स्टोन क्रशर पर रोक लगाई जाए. याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि स्टोन क्रशर के संचालन से पर्यावरण और जंगली जानवरों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. इसकी वजह से जंगली जानवर आबादी की तरफ आ रहे है. याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका में राज्य सरकार, प्रिंसिपल सेकेट्ररी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एंड माइनिंग, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, जिला अधिकारी पौड़ी और मानव स्टोन क्रशर को पक्षकार बनाया है.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पौड़ी जिले के बिजनी बड़ी जाखड़ीधार में मानकों के विपरीत चल रहे मानव स्टोन क्रशर के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद जिला अधिकारी पौड़ी गढ़वाल और पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को 7 दिसंबर से पहले मौके का निरीक्षण करने का आदेश दिया है. निरीक्षण की रिपोर्ट 7 दिसंबर को कोर्ट में पेश करने को कहा हैं.

मामले की अगली सुनवाई 8 दिसंबर होगी. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई. मामले के अनुसार बिजनी बड़ी निवासी राजेंद्र सिंह ने नैनीताल हाईकोर्ट ने जनहित याचिका दायर की थी. याचिका में उन्होंने कहा था कि सरकार ने मानकों के विरुद्ध जाकर मानव स्टोन क्रशर को चलाने की अनुमति दी है. यह स्टोन क्रशर राजाजी नेशनल पार्क के दस किलोमीटर के भीतर चल रहा है. जबकि हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने इको सेंसटिव जोन में इस तरह की गतिविधिओं पर रोक लगा रखी है. उसके बाद भी इसे चलाने की अनुमति दी गयी है, जो नियम विरुद्ध है.

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याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अनुराध किया है कि स्टोन क्रशर पर रोक लगाई जाए. याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि स्टोन क्रशर के संचालन से पर्यावरण और जंगली जानवरों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. इसकी वजह से जंगली जानवर आबादी की तरफ आ रहे है. याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका में राज्य सरकार, प्रिंसिपल सेकेट्ररी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एंड माइनिंग, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, जिला अधिकारी पौड़ी और मानव स्टोन क्रशर को पक्षकार बनाया है.

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