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नैनीताल के मॉल रोड पर चलेंगे ई रिक्शा, 3 महीने के भीतर बाहर होंगे पेडल रिक्शा, HC का आदेश

नैनीताल के मॉल रोड पर चलने वाले पेडल रिक्शा 15 दिन के बजाए अब तीन महीने के भीतर ई रिक्शा में बदले जाएंगे. यानी तीन महीने बाद मॉल रोड पर पेडल रिक्शा नजर आएंगे. अब उनकी जगह ई रिक्शा संचालित होगी, ताकि जाम की समस्या हल हो सके.

Uttarakhand High Court
नैनीताल हाईकोर्ट
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Published : Jun 20, 2023, 7:22 PM IST

नैनीतालः अब नैनीताल के मॉल रोड पर ई रिक्शा का संचालन होगा. आज इस मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने पेडल रिक्शा मालिकों को राहत दी है. साथ ही नैनीताल नगर पालिका के 15 दिन के भीतर पेडल रिक्शा को बदलने के समय सीमा को भी बढ़ा दिया है. इसके लिए हाईकोर्ट ने तीन महीने का समय दिया है.

दरअसल, बीते 6 जून को हाईकोर्ट ने नैनीताल में ट्रैफिक जाम को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई की थी. जिसमें कोर्ट ने नगर पालिका से पूछा था कि मॉल रोड पर कितने ई रिक्शा और पेडल रिक्शा चल रहे हैं? नगर पालिका की तरफ से कोर्ट को बताया गया था कि मॉल रोड पर 11 ई रिक्शा और 60 पेडल रिक्शा चल रहे हैं. जो 60 पेडल रिक्शा हैं, उनकी जगह ई रिक्शा चलाए जाने का प्रस्ताव है. इस मामले में आज पेडल रिक्शा चालक संघ की तरफ से एक प्रार्थना पत्र कोर्ट में दिया गया.

उनका कहना था नगर पालिका ने उन्हें पेडल रिक्शा को ई रिक्शा में बदलने के लिए 15 दिन का समय दिया है. यह समय काफी कम है, इसलिए इसकी अवधि बढ़ाई जाए. याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता केके हरबोला ने कोर्ट को ये भी बताया कि ई रिक्शा के पार्किंग के लिए जगह नहीं है और न ही उनकी बैटरी को चार्ज करने की कोई व्यवस्था. रिक्शा मालिकों के पास ई रिक्शा खरीदने के लिए इतना बजट भी नहीं है. इसलिए 15 दिन की अवधि पर्याप्त नहीं है, इसलिए इसे बढ़ाया जाए.
ये भी पढ़ेंः नैनीताल में ट्रैफिक जाम पर HC की तल्ख टिप्पणी, 'समाधान नहीं निकाला तो जोशीमठ की तरह होंगे हाल'

गौर हो कि मुख्य न्यायाधीश ने इससे पहले एक पत्र का स्वतः संज्ञान लिया था. पत्र में कहा गया था कि नैनीताल में खासकर पर्यटन सीजन के दौरान ट्रैफिक जाम की काफी समस्या रहती है. यहां हजारों पर्यटक अपने वाहनों और टैक्सी से आते हैं, जो जाम का मुख्य कारण है. हाईकोर्ट की तरफ से समय-समय पर जिलाधिकारी और पुलिस प्रशासन को ट्रैफिक सुधारने के लिए निर्देश जारी होते हैं, लेकिन समस्या का हल आज तक नहीं निकाला गया.

ट्रैफिक को आसानी से चलाने में यातायात पुलिस नाकाम साबित हुई है. जिससे स्कूली बच्चों, कार्यालय कर्मचारियों और अधिवक्ताओं को समय पर पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. पार्किंग की उचित व्यवस्था न होने के कारण होटल व्यवसायी भी पर्यटकों की गाड़ियों को सड़क पर ही पार्क करवाते हैं. ऐसे में कई बार एंबुलेंस समेत मरीजों को ले जा रही निजी गाड़ियां ट्रैफिक जाम का शिकार हुई हैं.

कालाढूंगी, भवाली और हल्द्वानी से आने जाने वाले वाहनों की ठीक ढंग से चेकिंग नहीं होती है. जिससे जाम के हालात पैदा होते हैं और पुलिस खुद मूकदर्शक बनी रहती है. इंडिया होटल के पास जू शटल सेवा लगी रहती है, जिसकी वजह से और जाम लग जाता है. उसे भी आगे शिफ्ट किया जाए. वहीं, इस मामले को कोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए सुनवाई की थी.

नैनीतालः अब नैनीताल के मॉल रोड पर ई रिक्शा का संचालन होगा. आज इस मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने पेडल रिक्शा मालिकों को राहत दी है. साथ ही नैनीताल नगर पालिका के 15 दिन के भीतर पेडल रिक्शा को बदलने के समय सीमा को भी बढ़ा दिया है. इसके लिए हाईकोर्ट ने तीन महीने का समय दिया है.

दरअसल, बीते 6 जून को हाईकोर्ट ने नैनीताल में ट्रैफिक जाम को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई की थी. जिसमें कोर्ट ने नगर पालिका से पूछा था कि मॉल रोड पर कितने ई रिक्शा और पेडल रिक्शा चल रहे हैं? नगर पालिका की तरफ से कोर्ट को बताया गया था कि मॉल रोड पर 11 ई रिक्शा और 60 पेडल रिक्शा चल रहे हैं. जो 60 पेडल रिक्शा हैं, उनकी जगह ई रिक्शा चलाए जाने का प्रस्ताव है. इस मामले में आज पेडल रिक्शा चालक संघ की तरफ से एक प्रार्थना पत्र कोर्ट में दिया गया.

उनका कहना था नगर पालिका ने उन्हें पेडल रिक्शा को ई रिक्शा में बदलने के लिए 15 दिन का समय दिया है. यह समय काफी कम है, इसलिए इसकी अवधि बढ़ाई जाए. याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता केके हरबोला ने कोर्ट को ये भी बताया कि ई रिक्शा के पार्किंग के लिए जगह नहीं है और न ही उनकी बैटरी को चार्ज करने की कोई व्यवस्था. रिक्शा मालिकों के पास ई रिक्शा खरीदने के लिए इतना बजट भी नहीं है. इसलिए 15 दिन की अवधि पर्याप्त नहीं है, इसलिए इसे बढ़ाया जाए.
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गौर हो कि मुख्य न्यायाधीश ने इससे पहले एक पत्र का स्वतः संज्ञान लिया था. पत्र में कहा गया था कि नैनीताल में खासकर पर्यटन सीजन के दौरान ट्रैफिक जाम की काफी समस्या रहती है. यहां हजारों पर्यटक अपने वाहनों और टैक्सी से आते हैं, जो जाम का मुख्य कारण है. हाईकोर्ट की तरफ से समय-समय पर जिलाधिकारी और पुलिस प्रशासन को ट्रैफिक सुधारने के लिए निर्देश जारी होते हैं, लेकिन समस्या का हल आज तक नहीं निकाला गया.

ट्रैफिक को आसानी से चलाने में यातायात पुलिस नाकाम साबित हुई है. जिससे स्कूली बच्चों, कार्यालय कर्मचारियों और अधिवक्ताओं को समय पर पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. पार्किंग की उचित व्यवस्था न होने के कारण होटल व्यवसायी भी पर्यटकों की गाड़ियों को सड़क पर ही पार्क करवाते हैं. ऐसे में कई बार एंबुलेंस समेत मरीजों को ले जा रही निजी गाड़ियां ट्रैफिक जाम का शिकार हुई हैं.

कालाढूंगी, भवाली और हल्द्वानी से आने जाने वाले वाहनों की ठीक ढंग से चेकिंग नहीं होती है. जिससे जाम के हालात पैदा होते हैं और पुलिस खुद मूकदर्शक बनी रहती है. इंडिया होटल के पास जू शटल सेवा लगी रहती है, जिसकी वजह से और जाम लग जाता है. उसे भी आगे शिफ्ट किया जाए. वहीं, इस मामले को कोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए सुनवाई की थी.

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