नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के नार्को एवं पॉलीग्राफ टेस्ट कराने पर फिलहाल रोक लगा दी है. पूरे मामले में एकलपीठ ने सरकार से तीन सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी.
हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई वेकेशन जज न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में हुई. मामले के अनुसार अंकिता भंडारी की हत्या के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य ने निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी. दायर याचिका में कहा गया है कि जांच अधिकारी ने सक्षम अदालत से उनका नार्को एवं पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति मांगी थी. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम कोटद्वार ने यह अनुमति दी है.
इस आदेश को उनके द्वारा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. जबकि, इस केस के दो अन्य आरोपियों ने टेस्ट कराने की सहमति नहीं दी है और उनपर जांच अधिकारी द्वारा बार-बार नार्को एवं पॉलीग्राफ टेस्ट कराने का दवाब डाला जा रहा है. वे अपना नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट नहीं कराना चाहते हैं. जांच के लिए सहमत होना या ना होना उनका संवैधानिक अधिकार है और इसके लिए उन्हें बाध्य नहीं किया जा सकता है.
पढ़ें- Ankita Bhandari Case: डीएम से मिलीं अंकिता की मां, विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति पर खड़े किए सवाल
क्या है मामला: बता दें कि पौड़ी जिले की रहने वाली 19 साल की अंकिता भंडारी यमकेश्वर ब्लॉक क्षेत्र में स्थित वनंत्रा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी. ये रिसॉर्ट बीजेपी के पूर्व नेता के बेटे पुलकित आर्य का है. पुलकित आर्य इस केस में मुख्य आरोपी है. आरोप है कि पुलकित आर्य, अंकिता भंडारी से स्पेशल सर्विस के नाम पर रिसॉर्ट में आने वाले ग्राहकों से गलत काम करने के लिए दबाव बना रहा था. जिसके लिए अंकिता भंडारी ने साफ इंकार कर दिया था. इसी वजह से परेशान होकर अंकिता भंडारी रिसॉर्ट से नौकरी छोड़ने वाली है. इसी बात को लेकर अंकिता भंडारी और पुलकित आर्य के बीच झगड़ा भी हुआ था.
आरोप है कि पुलकित आर्य को डर था कि नौकरी छोड़ने के बाद अंकिता भंडारी उसका भंडाफोड़ देगी. इसी वजह से झगड़े के बाद पुलकित आर्य कुछ बहाने से अंकिता को अपने साथ ऋषिकेश ले गया. इस दौरान पुलकित के साथ रिसॉर्ट के अन्य कर्मचारी भी थे. आरोप है कि चीला नहर पर फिर से अंकिता भंडारी और पुलकित के बीच बहस हुई. यहां गुस्से में पुलकित ने अंकिता का चीला नहर में धक्का दे दिया, जिसके उसकी मौत हो गई. अंकिता की मौत के बाद करीब पांच दिनों तक पुलकित और उसके दोनों कर्मचारी अंकिता के माता-पिता को गुमराह करते रहे. हालांकि पांच दिनों बाद जब पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार किया तो उन्होंने पूरा सज उगल दिया और फिर पुलिस ने उनकी निशानदेही पर चीला नहर से अंकिता लाश बरामद की है. इस समय तीनों आरोपी जेल में बंद है.