नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court ) ने नगर पालिका नैनीताल (Municipality Nainital) द्वारा नगर क्षेत्र के पार्किंगों का ठेका बिना टेंडर पुराने ठेकेदारों को दिए जाने के मामले पर उत्तराखंड हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एकलपीठ के फैसले पर रोक लगा दी थी. उत्तराखंड हाईकोर्ट की एकलपीठ ने अपने आदेश में नगर पालिका के टेंडर को निरस्त कर दिया था, जिसके बाद टेंडर पाने वाले ठेकेदारों ने एकलपीठ के फैसले को लेकर विशेष याचिका दायर की थी.
मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने एकलपीठ (निचली अदालत) के आदेश पर रोक लगा दी. नगर पालिका ने लेक ब्रिज, बारापथर, अंडा मार्केट व बीड़ी पांडे की पार्किंग का टेंडर दिया है. एकलपीठ के आदेश को ठेकेदार नरदेव व ठेकेदार उमेश मिश्रा ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है.
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ये है पूरा मामलाः मामले के मुताबिक अमरोहा यूपी निवासी अजय कुमार ने याचिका दायर कर कहा था कि नगर पालिका नैनीताल ने बिना टेंडर के चुंगी व पार्किंग का ठेका मनमानी से 20 प्रतिशत बढ़ाकर पुराने ठेकेदार को दे दिया है, जो नियमों के विरुद्ध है. याचिका में कहा गया है कि इससे राजस्व का नुकसान सरकार को हुआ है, क्योंकि कई लोग 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ाकर टेंडर प्रक्रिया में प्रतिभाग करते है, जिसका सीधा फायदा सरकार को होता आया है.
याचिका में कहा गया कि यह उन लोगों के अधिकारों का भी हनन है, जो इसमें प्रतिभाग करना चाहते हैं. नगर पालिका बोर्ड ने 25 मार्च 2022 को बोर्ड बैठक में निर्णय लिया था कि 20 प्रतिशत बढ़ाकर पुराने ठेकेदार को ही पार्किंगों का ठेका दिया जाए. याचिका में 25 मार्च के आदेश पर रोक लगाने के साथ टेंडर प्रक्रिया करने की मांग की है. याचिका में यह भी मांग कि है कि ठेका शीघ्र निरस्त किया जाए और 1 अप्रैल से एक लाख रुपये प्रतिदिन के हिसाब से इनसे वसूला जाए.