नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व ऋषिकेश से वर्तमान विधायक प्रेमचंद अग्रवाल (Rishikesh MLA PremChand Aggarwal) द्वारा चुनाव प्रक्रिया के दौरान विवेकाधीन राहत कोष (discretionary relief fund) से फंड निकालकर डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से लोगों को बांटे जाने के खिलाफ दायर चुनाव याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने विधायक समेत याचिकाकर्ताओं से 6 हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है.
न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने सुनवाई करते हुए ऋषिकेश विधायक प्रेमचंद अग्रवाल, जिला अधिकारी देहरादून, एसडीएम (रिटर्निंग ऑफिसर ऋषिकेश), चीफ इलेक्शन कमीशन उत्तराखंड सहित हारे हुए प्रत्याशी अनूप सिंह राणा, कदम सिंह बालियान, कनक धनाई, जगजीत सिंह, बबली देवी, मोहन सिंह, राजे सिंह नेगी, संजय श्रीवास्तव, उषा रावत व संदीप बस्नेत को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है. साथ में कोर्ट ने चुनाव आयोग भारत सरकार से भी जवाब पेश करने को कहा है.
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मामले के मुताबिक, ऋषिकेश विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रहे जयेंद्र चंद्र रमोला ने चुनाव याचिका दायर कर कहा है कि प्रेमचंद अग्रवाल ने चुनाव प्रक्रिया के दौरान विवेकाधीन राहत कोष से करोड़ों रुपये निकालकर लोगों को डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से बांटा है. ये डिमांड ड्राफ्ट उनके द्वारा सुबूतों के तौर पर अपनी याचिका में लगाए गए हैं. इस मामले की जांच की जाए और जांच सही पाए जाने पर उनका चुनाव निरस्त किया जाए.
कैबिनेट मंत्री हैं प्रेमचंद अग्रवाल: प्रेमचंद अग्रवाल अभी उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री हैं. उनके पास 7 मंत्रालय हैं. इनमें वित्त, वाणिज्य कर, स्टाम्प एवं निबंधन, शहरी विकास, आवास, विधायी एवं संसदीय कार्य, पुनगर्ठन और जनगणना मंत्रालय शामिल हैं. बीजेपी के पिछले कार्यकाल के दौरान भी प्रेमचंद अग्रवाल ऋषिकेश से विधायक थे. पिछली सरकार के दौरान वो विधानसभा अध्यक्ष थे.