नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पुलिस कॉन्स्टेबल पद पर नियुक्ति हेतु आयु सीमा में 22 वर्ष की बाध्यता को समाप्त करने को लेकर दायर याचिका खारिज कर दी है. मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में पिछले शुक्रवार (15 दिसंबर) को हुई थी. आज (20 दिसंबर) उत्तराखंड हाईकोर्ट की तरफ से मामले पर आदेश जारी किया गया.
मामले के अनुसार विनोद भट्ट व अन्य ने याचिका दायर कर कहा कि वे सिविल पुलिस में कॉन्स्टेबल बनने के इच्छुक थे. किन्तु 22 वर्ष से अधिक आयु के कारण वे चयन प्रक्रिया में भाग नहीं ले सके, जो कॉन्स्टेबल के पद पर नियुक्ति के लिए ऊपरी आयु सीमा है. मामले पर अन्य याचिकाकर्ताओं ने 2022 में हुई चयन प्रक्रिया में अधिकतम आयु सीमा 22 वर्ष की शर्त को चुनौती दी थी.
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उन्होंने दलील दी कि उन्हें आठ साल की छूट दी जानी चाहिए. क्योंकि आखिरी भर्ती 2014 में हुई थी. इस मामले में सरकार की ओर से बताया गया कि याचिकाकर्ताओं के पक्ष में कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया गया है और चयन प्रक्रिया बहुत पहले ही संपन्न हो चुकी है साथ ही विज्ञापित सभी रिक्तियां भर दी गई हैं. चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद याचिकाकर्ताओं को राहत नहीं दी जा सकती. इस आधार पर रिट याचिकाओं को निरर्थक मानते हुए कोर्ट ने इन्हें खारिज कर दिया.
अंकिता के आरोपी को नहीं मिला जमानत: वहीं, आज उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य की जमानत को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई करते हुए कोर्ट ने हत्याकांड को संगीन अपराध बताया और जमानत याचिका को खारिज कर दिया.