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IFS Rajiv Bhartari: बहाल नहीं करने पर HC ने सरकार और विनोद सिंघल को जारी किया नोटिस

आईएफएस राजीव भरतरी को बहाल नहीं करने पर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सरकार और विनोद सिंघल को नोटिस जारी करते हुए तीन हफ्ते में जवाब पेश करने का आदेश दिया है.

IFS Rajiv Bhartari
आईएफएस राजीव भरतरी
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Published : Mar 15, 2023, 4:12 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी राजीव भरतरी को अभी तक बहाल नहीं किए जाने को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने उत्तराखंड सरकार एवं उत्तराखंड वन विभाग के प्रमुख वन संरक्षक विनोद कुमार सिंघल को नोटिस जारी करते हुए तीन सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं.

इसके साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता से भी प्रतिशपथ पत्र दाखिल करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 3 अप्रैल को होगी. मामले के अनुसार कॉर्बेट नेशनल पार्क में पेड़ों के कटान के बाद राजीव भरतरी का तबादला 25 नवंबर 2021 को जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष पद पर कर दिया गया था, जिसको राजीव भरतरी ने कैट की अदालत में चुनौती दी.

कैट ने उनके पक्ष में निर्णय देते हुए उन्हें तत्काल बहाल करने के आदेश उत्तराखंड सरकार को दिए थे. लेकिन केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण के आदेश के बाद भी राज्य सरकार द्वारा उनकी बहाली नहीं की गई है. इसके साथ ही विनोद सिंघल भी उसी पद पर बने हुए हैं. अपनी याचिका में आईएफएस राजीव भरतरी ने हाईकोर्ट से कहा कि विनोद सिंघल को हटाया जाए और उनको नियुक्त किया जाए. क्योंकि केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण के आदेश के बाद भी विनोद सिंघल किस अधिकार से पद पर बने हुए हैं. इसके साथ ही उनका स्थानांतरण राजनीतिक कारणों से किया गया है. सरकार के इस निर्णय से उनके अधिकारों का हनन भी हुआ है.

ये भी पढ़ें: Rajeev Bhartari Case: पूर्व प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी को CAT से मिली राहत, सरकार को दिए तत्काल बहाली के आदेश

कौन हैं IFS राजीव भरतरी: राजीव भरतरी 1986 बैच के उत्तराखंड कॉडर के आईएफएस अधिकारी हैं. इससे पहले भरतरी जैव विविधता बोर्ड में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. एक जनवरी 2021 को प्रमोशन के बाद सरकार ने उन्हें पीसीसीएफ बनाया गया था, तभी से वे इस पद पर कार्य कर रहे थे.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी राजीव भरतरी को अभी तक बहाल नहीं किए जाने को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने उत्तराखंड सरकार एवं उत्तराखंड वन विभाग के प्रमुख वन संरक्षक विनोद कुमार सिंघल को नोटिस जारी करते हुए तीन सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं.

इसके साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता से भी प्रतिशपथ पत्र दाखिल करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 3 अप्रैल को होगी. मामले के अनुसार कॉर्बेट नेशनल पार्क में पेड़ों के कटान के बाद राजीव भरतरी का तबादला 25 नवंबर 2021 को जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष पद पर कर दिया गया था, जिसको राजीव भरतरी ने कैट की अदालत में चुनौती दी.

कैट ने उनके पक्ष में निर्णय देते हुए उन्हें तत्काल बहाल करने के आदेश उत्तराखंड सरकार को दिए थे. लेकिन केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण के आदेश के बाद भी राज्य सरकार द्वारा उनकी बहाली नहीं की गई है. इसके साथ ही विनोद सिंघल भी उसी पद पर बने हुए हैं. अपनी याचिका में आईएफएस राजीव भरतरी ने हाईकोर्ट से कहा कि विनोद सिंघल को हटाया जाए और उनको नियुक्त किया जाए. क्योंकि केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण के आदेश के बाद भी विनोद सिंघल किस अधिकार से पद पर बने हुए हैं. इसके साथ ही उनका स्थानांतरण राजनीतिक कारणों से किया गया है. सरकार के इस निर्णय से उनके अधिकारों का हनन भी हुआ है.

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कौन हैं IFS राजीव भरतरी: राजीव भरतरी 1986 बैच के उत्तराखंड कॉडर के आईएफएस अधिकारी हैं. इससे पहले भरतरी जैव विविधता बोर्ड में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. एक जनवरी 2021 को प्रमोशन के बाद सरकार ने उन्हें पीसीसीएफ बनाया गया था, तभी से वे इस पद पर कार्य कर रहे थे.

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