नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अधीक्षण अभियंता नवम खंड, लोक निर्माण विभाग देहरादून द्वारा 11 पुलों की मरम्मत के लिए स्वीकृत टेंडर को निरस्त करने के आदेश को खारिज करते हुए उन पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ती आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई.
मामले के मुताबिक, देहरादून निवासी ठेकेदार किशन दत्त शर्मा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि अधीक्षण अभियंता नवम खंड लोक निर्माण विभाग ने 8 मई 2023 को अपने क्षेत्र के 11 पुलों की मरम्मत के लिए ऑनलाइन टेंडर जारी किया. जिसके खुलने की तिथि 12 जून 2023 थी. याचिकाकर्ता का टेंडर सबसे कम दर का होने पर उनका टेंडर मंजूर हो गया. टेंडर की कुछ मामूली कमियों को 14 जून को लिखित में ठीक करवाया गया. किन्तु 11 जुलाई को अधीक्षण अभियंता नवम खंड देहरादून द्वारा टेंडर रद्द कर दिया गया. इस बारे में अधीक्षण अभियंता का कहना था कि टेंडर को लेकर 9 ठेकेदारों ने प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग के समक्ष शिकायत की थी. जिसमें उन्होंने कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा टेंडर जमा करने से रोकने की शिकायत की.
ये भी पढ़ेंः पौड़ी में शिक्षा अधिकारियों के कथित स्टिंग प्रकरण में HC ने किया CS को तलब, जानें पूरा मामला
उनका कहना था कि इस टेंडर के लिए 120 टेंडर ऑनलाइन भरे गए. किन्तु जमा 9 टेंडर ही हुए. इस शिकायत और संदेह के आधार पर टेंडर निरस्त किया गया गया. किन्तु हाईकोर्ट ने अधीक्षण अभियंता द्वारा इन शिकायतों के आधार पर टेंडर रद्द करने को गलत ठहराते हुए कहा कि उक्त शिकायतकर्ताओं ने क्या इस मामले की शिकायत तब पुलिस या अन्य फोरम में की थी. टेंडर होने के बाद की गई शिकायत का कोई औचित्य नहीं है. इस तरह की शिकायत पर टेंडर रद्द करने से कोई टेंडर स्वीकृत ही नहीं होगा, इन तथ्यों के आधार पर हाईकोर्ट ने अधीक्षण अभियंता नवम खंड देहरादून के आदेश को खारिज करते हुए उन पर 20 हजार का जुर्माना भी लगाया है.