नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल के जिला पुरुष चिकित्सालय बीडी पांडे में कई स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव होने के खिलाफ दायर पूर्व अध्यापक अशोक शाह (गुरु जी) की जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने सरकार से यह बताने को कहा है कि अस्पताल की अतिक्रमण मुक्त भूमि के विकास के लिए क्या कोई प्लान बनाया है? अगर बनाया है तो उसे 4 सप्ताह में पेश करें. मामले की अगली सुनवाई 12 दिसंबर 2023 को होगी.
सुनवाई पर सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि प्रशासन ने अस्पताल की भूमि से अतिक्रमण हटा दिया है. अतिक्रमणकारियों के आसपास रहने वाले लोगों की तरफ से कहा गया है कि अतिक्रमण हटाते वक्त प्रशासन ने जेसीबी का उपयोग किया, जिसकी वजह से उनके मकानों में दरारें आने लगी हैं. एक मकान ध्वस्त हो गया. जेसीबी के उपयोग पर रोक लगाई जाए.
ये भी पढ़ेंः बीडी पांडे अस्पताल परिसर से हटेगा अतिक्रमण, हाईकोर्ट ने DM-SDM को दिया आदेश
मामले के मुताबिक, अशोक शाह (गुरु जी) ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उन्हें छोटी से छोटी शिकायतों के लिए हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी रही है. जिले का मुख्य अस्पताल होने के बावजूद भी अस्पताल के कर्मचारियों के द्वारा छोटी सी जांच के लिए सीधे हल्द्वानी भेज दिया जाता है. इस अस्पताल में जिले से इलाज कराने हेतु दूर दराज से मरीज आते हैं. परंतु उनकी जांच करके हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है. अशोक शाह ने हाईकोर्ट की खंडपीठ से प्रार्थना की है कि इस अस्पताल में सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं. जिससे दूर दराज से आने वाले लोगों को सही समय पर इलाज मिल सके.