नैनीतालः हरिद्वार में गंगा किनारे से कुष्ठ रोगियों के पक्के आवासों को तत्कालीन राष्ट्रपति के दौरे के दौरान तोड़े जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. पूर्व के आदेश पर आज डीजी हेल्थ विनीता शाह हाईकोर्ट में वर्चुअली पेश हुईं. इस दौरान उन्होंने कोर्ट को अवगत कराया कि कुष्ठ रोगियों के आवास बनाने के लिए बजट स्वीकृत हो गया है और दो महीने के भीतर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. उनके इस कथन से संतुष्ट होकर कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 31 अक्टूबर की तिथि नियत की है.
गौर हो कि देहरादून की एनजीओ एक्ट नाव वेलफेयर सोसायटी ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उनका कहना है कि 17 नवंबर 2018 को तत्कालीन राष्ट्रपति के हरिद्वार आगमन पर गंगा माता कुष्ठ आश्रम में कुष्ठ रोगियों के पक्के आवासों को प्रशासन ने तोड़ दिया था ताकि, राष्ट्रपति उन्हें न देख सकें. उनके लिए ये पक्के आवास इंग्लैंड की एसएनजे ट्रस्ट की ओर से 20 लाख रुपए खर्च करके बनाए गए थे.
ये भी पढ़ेंः समाज ठुकरा देता है जिन रोगियों को, दिव्य प्रेम सेवा मिशन देता है उन्हें सहारा
आवास टूट जाने के बाद ये कुष्ठ रोगी बरसात, सर्दी और गर्मियों में सड़क के किनारे झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं. सरकार ने अभी तक उनकी रहने की कोई व्यवस्था नहीं की है. हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि कुष्ठ रोगी समाज के निचले स्तर से ताल्लुक रखते हैं. उनकी इस समस्या को कोर्ट प्राथमिकता से सुनवाई करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने भी उनके कल्याण के लिए कई दिशा निर्देश जारी किए हैं, जिन पर अभी तक अमल नहीं हुआ है. आज मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हुई. अब मामले की अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को होगी.