हल्द्वानी: खरीफ फसल की बुआई शुरू हो गई है. ऐसे में कृषि विभाग ने खरीफ फसल के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली है. साथ ही इस वर्ष धान की फसल के लिए पूरे प्रदेश में 2.5 लाख हेक्टेयर में बुआई का लक्ष्य रखा है, जबकि मंडुवा के लिए 1.10 लाख हेक्टेयर में बुआई का लक्ष्य रखा है.
कृषि विभाग कुमाऊं के संयुक्त निदेशक मंडल प्रदीप कुमार ने कहा कि इस वर्ष खरीफ की फसल की पैदावार अच्छी होने की उम्मीद है. क्योंकि मौसम विभाग के अनुसार इस वर्ष पूरे प्रदेश में अच्छी बारिश होने की उम्मीद है. वहीं, प्रदेश में मंडुवे की बुआई हो चुकी है, जबकि धान की बुआई का काम चल रहा है.
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कृषि विभाग द्वारा पूरे प्रदेश में मंडुवे की खेती के लिए 1,10,000 हेक्टेयर में उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. जबकि इस वर्ष धान की बुआई के लिए पूरे प्रदेश में 2,50,000 हेक्टेयर में खेती का लक्ष्य रखा गया है. जिसमें धान की खेती के लिए कुमाऊं मंडल में 1,69,000 हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है.
धान और मडुवा की खेती का लक्ष्य
जिले का नाम | धान खेती का लक्ष्य (हेक्टेयर) | मडुवा खेती का लक्ष्य (हेक्टेयर) |
उधम सिंह नगर | 98,000 हेक्टेयर | ------- |
नैनीताल | 11,000 हेक्टेयर | 3,000 हेक्टेयर |
अल्मोड़ा | 19,000 हेक्टेयर | 36,000 हेक्टेयर |
बागेश्वर | 14,000 हेक्टेयर | 5,000 हेक्टेयर |
पिथौरागढ़ | 20,000 हेक्टेयर | 7,000 हेक्टेयर |
चंपावत | 7,500 हेक्टेयर | 5,000 हेक्टेयर |
देहरादून | 10,000 हेक्टेयर | 1,000 हेक्टेयर |
पौड़ी | 16,000 हेक्टेयर | 20,000 हेक्टेयर |
टिहरी | 12,000 हेक्टेयर | 11,000 हेक्टेयर |
चमोली | 11,000 हेक्टेयर | 10,000 हेक्टेयर |
रुद्रप्रयाग | 8,500 हेक्टेयर | 7,000 हेक्टेयर |
उत्तरकाशी | 10,000 हेक्टेयर | 5,000 हेक्टेयर |
हरिद्वार | 13,000 हेक्टेयर | ------ |
संयुक्त कृषि निदेशक के अनुसार उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार समय से मॉनसून आने के चलते धान के साथ-साथ मंडुवा की खेती भी अच्छी होगी. पहाड़ की पारंपरिक मंडुवे की खेती के प्रति अब लोगों ने रुझान देखा जा रहा है.
मंडुवे के फायदे
उत्तराखंड के पर्वतीय अंचल में उगाया जाने वाला मंडुवा पौष्टिकता का खजाना है. देवभूमि की परंपरागत फसलों में मंडुवा का महत्वपूर्ण स्थान है. मंडुवा हृदय व मधुमेह रोग से पीड़ित व्यक्तियों के लिए लाभदायक माना जाता है. इसमें पर्याप्त पोषक तत्व होने की वजह से यह कुपोषण से बचाने में भी मददगार होता है. बाजार में मंडुवे के आटे की मांग बढ़ती जा रही है. बाजार में मडुवे का आटा 40 से 50 रुपये प्रति किलो के बिक रहा है.
काश्तकारों के लिए मुफीद खेती
प्रदेश में 136 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में इसकी खेती की जाती है. गरम तासीर वाले मंडुवे का सेवन पहाड़ में सर्द मौसम में ज्यादा किया जाता है. इससे खेती से अब किसान भी आत्मनिर्भर हो रहे हैं. जिससे उनकी आजीविका में इजाफा हो रहा है.