नैनीताल: हाईकोर्ट शिफ्टिंग के मामले में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से आयोजित बैठक में बुधवार को जबर्दस्त हंगामा हुआ. अधिवक्ताओं ने इसका जबर्दस्त विरोध किया. भारी हंगामा होने के बाद बैठक को बीच में ही स्थगित करना पड़ा.
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से हाईकोर्ट शिफ्टिंग के मामले को लेकर अधिवक्ताओं की बार हाल में एक बैठक बुलायी गयी थी. बैठक में काफी संख्या में अधिवक्ता जुटे. बार के अध्यक्ष प्रभाकर जोशी की ओर से अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा गया कि मंगलवार को बार की कार्यकारिणी की ओर से मुख्य न्यायाधीश से मुलाकात की गयी.
मुख्य न्यायाधीश की ओर से हाईकोर्ट शिफ्ट होने को लेकर सरकार से प्रस्ताव आने की बात कही गयी. इस बीच कुछ बातों पर एतराज जताते हुए कुछ अधिवक्ताओं ने विरोध जताया और उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी. आक्रोशित अधिवक्ता बार पर हाईकोर्ट शिफ्ट होने के मामले में अपनी सहमति देने का आरोप लगा रहे थे.
बार एसोसिएशन ने बुलाई थी बैठक: बुधवार को हाईकोर्ट बार सभागार में बार एसोसिएशन अध्यक्ष प्रभाकर जोशी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में हाई कोर्ट शिफ्टिंग के पक्ष व विपक्ष को लेकर अधिवक्ता आमने-सामने आ गए.
- अध्यक्ष प्रभाकर जोशी ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश ने मुलाकात में साफ कहा है कि उनकी ओर से शिफ्टिंग का कोई प्रस्ताव नहीं रखा गया. सरकार की ओर से उनके समक्ष प्रस्ताव रखा गया है.
- अध्यक्ष ने कहा कि यदि हाईकोर्ट शिफ्ट होना है तो वहां अधिवक्ताओें के लिए सुविधाएं होनी चाहिए. तभी अधिवक्ताओं ने कहा कि जब सहमति दे दी तो बैठक का औचित्य क्या है. इस पर अध्यक्ष ने सफाई दी लेकिन हो हल्ला बढ़ता गया.
बैठक में अधिवक्ता रमन साह व अधिवक्ता एमसी पंत ने हाईकोर्ट शिफ्ट होने का विरोध किया. स्थिति को बिगड़ते देख बार के अध्यक्ष प्रभाकर जोशी व महासचिव विकास बहुगुणा ने बैठक को स्थगित कर दिया.
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सीजे को धन्यवाद ज्ञापन सौंपा: इधर, हाईकोर्ट गौलापार हल्द्वानी शिफ्ट करने के आदेश पर हाईकोर्ट के दो सौ से अधिक अधिवक्ताओं ने रजिस्ट्रार जनरल के माध्यम से मुख्य न्यायाधीश को ज्ञापन देकर उनका धन्यवाद ज्ञापित किया. इसमें सुरेश भट्ट, गजेंद्र संधू, वीबीएस नेगी, ललित बेलवाल, बीडी उपाध्याय, अरविंद वशिष्ठ, सीके शर्मा समेत अन्य अधिवक्ता थे.