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हाथियों को ट्रेन से बचाने के लिए बनाए जाएंगे अंडरपास, रेलवे ट्रैक के दोनों ओर लगेंगे बैरिकेड

Haldwani Elephant Corridor हाथियों को ट्रेन की चपेट में आने से बचाने के लिए रेलवे प्रशासन और वन विभाग ने कमर कस ली है. जल्द हाथियों को ट्रेन की चपेट में आने से बचाने के लिए अंडरपास बनाए जाएंगे. साथ ही रेलवे ट्रैक के दोनों ओर बैरिकेड लगेंगे.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 21, 2023, 7:10 AM IST

हल्द्वानी: ट्रेन से टकराकर हाथियों की लगातार हो रही मौत के बाद अब रेलवे प्रशासन और वन विभाग की नींद खुली है. तराई के जंगलों में भारी संख्या में हाथियों का वास स्थल है और जंगल के बीचों-बीच से कई रेलवे ट्रैक भी बने हुए हैं, जिससे ट्रेन की चपेट में आने से आए दिन हाथियों की मौत होती है. बताया जा रहा है कि वंदे भारत ट्रेन का जल्द संचालन हो सकता है. ऐसे में दुर्घटना को कम करने के लिए रेलवे प्रशासन और वन विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.

दुर्घटनाओं को रोकने के लिए वन विभाग और रेलवे प्रशासन हाथियों के कॉरिडोर को ट्रैक के आसपास अंडरपास बनाने और बैरिकेडिंग लगाने पर विचार कर रहा है. हाथियों के आवागमन के संभावित स्थल चिन्हित किए जा रहे हैं. वन विभाग और रेल विभाग ने दिल्ली और काशीपुर रेल मार्ग का निरीक्षण किया. वन विभाग, रेलवे और वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के विशेषज्ञों की संयुक्त टीम ने लालकुआं-रुद्रपुर और लालकुआं-गूलरभोज और लालकुआं हल्द्वानी रेलवे ट्रैक का संयुक्त निरीक्षण किया.
पढ़ें-Watch Video: हाईवे पर आ धमका गजराज, वाहन छोड़कर इधर-उधर भागने लगे लोग

बताया जा रहा है कि वंदे भारत ट्रेन का भी संचालन होने जा रहा है, ऐसे में हाथियों को दुर्घटनाओं से बचाने की कवायद तेज है. रेलवे प्रशासन और वन विभाग ने संयुक्त रूप से निरीक्षण कर हाथियों के विचरण वाले क्षेत्र में अंडरपास बनाने की कवायद शुरू करने जा रहा है. प्रभागीय वन अधिकारी तराई केंद्रीय वन प्रभाग हिमांशु बागड़ी ने बताया कि ट्रेन से हाथियों की दुर्घटना बढ़ रही हैं. रेलवे प्रशासन से इसको लेकर कई बार समझौते भी हो चुके हैं. ऐसे में अब रेलवे प्रशासन और वन विभाग हाथी विचरण वाले क्षेत्र में अंडरपास बनाने और रेलवे ट्रैक के दोनों तरफ बैरिकेडिंग लगाने पर विचार कर रहा है. तराई केंद्रीय वन प्रभाग की टांडा रेंज के अंतर्गत 15 नवंबर को ट्रेन की टक्कर से हाथी घायल हो गया है, जिसका इलाज चल रहा है और हाथी की हालत गंभीर बनी हुई है.

हल्द्वानी: ट्रेन से टकराकर हाथियों की लगातार हो रही मौत के बाद अब रेलवे प्रशासन और वन विभाग की नींद खुली है. तराई के जंगलों में भारी संख्या में हाथियों का वास स्थल है और जंगल के बीचों-बीच से कई रेलवे ट्रैक भी बने हुए हैं, जिससे ट्रेन की चपेट में आने से आए दिन हाथियों की मौत होती है. बताया जा रहा है कि वंदे भारत ट्रेन का जल्द संचालन हो सकता है. ऐसे में दुर्घटना को कम करने के लिए रेलवे प्रशासन और वन विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.

दुर्घटनाओं को रोकने के लिए वन विभाग और रेलवे प्रशासन हाथियों के कॉरिडोर को ट्रैक के आसपास अंडरपास बनाने और बैरिकेडिंग लगाने पर विचार कर रहा है. हाथियों के आवागमन के संभावित स्थल चिन्हित किए जा रहे हैं. वन विभाग और रेल विभाग ने दिल्ली और काशीपुर रेल मार्ग का निरीक्षण किया. वन विभाग, रेलवे और वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के विशेषज्ञों की संयुक्त टीम ने लालकुआं-रुद्रपुर और लालकुआं-गूलरभोज और लालकुआं हल्द्वानी रेलवे ट्रैक का संयुक्त निरीक्षण किया.
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बताया जा रहा है कि वंदे भारत ट्रेन का भी संचालन होने जा रहा है, ऐसे में हाथियों को दुर्घटनाओं से बचाने की कवायद तेज है. रेलवे प्रशासन और वन विभाग ने संयुक्त रूप से निरीक्षण कर हाथियों के विचरण वाले क्षेत्र में अंडरपास बनाने की कवायद शुरू करने जा रहा है. प्रभागीय वन अधिकारी तराई केंद्रीय वन प्रभाग हिमांशु बागड़ी ने बताया कि ट्रेन से हाथियों की दुर्घटना बढ़ रही हैं. रेलवे प्रशासन से इसको लेकर कई बार समझौते भी हो चुके हैं. ऐसे में अब रेलवे प्रशासन और वन विभाग हाथी विचरण वाले क्षेत्र में अंडरपास बनाने और रेलवे ट्रैक के दोनों तरफ बैरिकेडिंग लगाने पर विचार कर रहा है. तराई केंद्रीय वन प्रभाग की टांडा रेंज के अंतर्गत 15 नवंबर को ट्रेन की टक्कर से हाथी घायल हो गया है, जिसका इलाज चल रहा है और हाथी की हालत गंभीर बनी हुई है.

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