हल्द्वानी: उत्तराखंड में अहम भूमिका निभाने वाली यूकेडी पार्टी पहले से ही अपने अस्तित्व को बचाने के लिए जूझ रही है. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले यूकेडी में एक बार फिर नैनीताल के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर बवाल खड़ा हो गया है. एक दिन पूर्व ही यूकेडी ने जिला सम्मेलन आयोजित किया था. उसमें पार्टी के कई बड़े नेताओं की मौजूदगी में मोहन कांडपाल को नैनीताल जिले का जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया था. लेकिन उत्तराखंड क्रांति दल के कुछ नेताओं ने इस पर सवाल खड़े किए हैं.
यूकेडी के वरिष्ठ नेता भुवन चंद्र जोशी और नवनियुक्त जिलाध्यक्ष मोहन कांडपाल ने बताया कि कुछ लोग यूकेडी को कमजोर करना चाहते हैं, जो पार्टी के भीतर ही हैं. उन्होंने पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जिला सम्मेलन में सर्वसम्मति से जिला अध्यक्ष के साथ-साथ अन्य दायित्व पर लोगों की घोषणा कर दी गई थी, जो पार्टी के कुछ लोगों को नागवार गुजर रही है.
भुवन चंद्र जोशी और मोहन कांडपाल ने बताया कि विरोध करने वाले लोग चुनाव के समय दूसरी पार्टियों का समर्थन करते हैं और जब यूकेडी संगठित हो रही है और आगे बढ़ने की कोशिश कर रही है, तो उसे कमजोर करने के प्रयास किए जा रहे हैं. यूकेडी नेताओं ने बताया कि विधिवत तरीके से चुनाव अधिकारी और जिला सम्मेलन कराकर जिलाध्यक्ष की वैधानिक नियुक्ति की गई है, जिसमें सभी वरिष्ठ और कनिष्ठ लोगों का सहयोग रहा है.
ऐसे में कुछ लोगों द्वारा यूकेडी को बदनाम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पार्टी में कुछ जयचंद हैं, जो पार्टी को कमजोर कर लोकसभा और निकाय चुनाव में कमजोर करने का काम कर रहे हैं और मीडिया में आकर तरह तरह की बयानबाजी कर रहे हैं. इस तरह के जयचंद को पार्टी से बाहर करने की जरूरत है, नहीं तो आने वाले समय में यूकेडी के लिए समस्या खड़ी हो जाएगी.
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