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एक के बाद एक हथिनियों की मौत, वन प्रभाग पर लगे गंभीर आरोप

नैनीताल के रामनगर में एक और कलीना नामक हथिनी की मौत की खबर सामने आई है. इससे पहले लक्ष्मी नामक हथिनी की बीमारी के चलते बीते मंगलवार की रात मौत हो गई थी.

नैनीताल में एक हथिनी की मौत.
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Published : Aug 1, 2019, 11:41 PM IST

नैनीताल: जिले के रामनगर के ढिकुली क्षेत्र में एक और पालतू मादा हाथी की बीती रात मौत हो गई. दो दिनों में यह दूसरी हथिनी की मौत है. मरने वाली हथिनी को हाई कोर्ट के आदेश के बाद जब्त किया गया था.

11 महीने बाद हाईकोर्ट ने इन्हें हाथी स्वामियों को सौंपने का आदेश वन प्रभाग को दिया था. इसके चलते वन प्रभाग ने एक माह पहले हथिनी कलीना का मेडिकल परीक्षण करा कर उसके स्वामी को सौंप दिया था. इसके एक माह बाद बीमारी से कलीना की मौत हो गई. इसके बाद हाथी स्वामी ने लालन-पालन में वन प्रभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है. दो दिनों में दो हाथियों की मौत के मामले सामने आ चुके हैं. इससे पहले भी लक्ष्मी नामक हथिनी की बीमारी के चलते बीते मंगलवार की रात मौत हो गई थी.

नैनीताल में एक हथिनी की मौत.

हाथिनी के महावत का कहना है कि बुधवार रात कलीना से खड़ा नहीं हुआ गया. इसकी वजह से वह बैठ गई और जमीन पर बैठने के बाद फिर नहीं उठी.

यह भी पढ़ें: कांजी हाउस मामला: कांग्रेस का तंज- बीजेपी सरकार न तो बेटी बचाना चाहती है न गाय

वहीं इस मामले में रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ का कहना है कि हाई कोर्ट के निर्देशों के बाद एक माह पहले कलीना को हाथी स्वामी के पास सौंप दिया गया था. उसका मेडिकल परीक्षण कराया गया था. इसमें किसी भी प्रकार की कोई बीमारी के लक्षण नहीं आए थे. साथ ही हाथी स्वामी को समय-समय पर स्वस्थ परीक्षण और उसके देख-रेख के भी दिशा-निर्देश दिए गए थे. ऐसे अचानक कलीना की मौत होना दुखद है. प्रभाग उसका पोस्टमार्टम करा रहा है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा.

नैनीताल: जिले के रामनगर के ढिकुली क्षेत्र में एक और पालतू मादा हाथी की बीती रात मौत हो गई. दो दिनों में यह दूसरी हथिनी की मौत है. मरने वाली हथिनी को हाई कोर्ट के आदेश के बाद जब्त किया गया था.

11 महीने बाद हाईकोर्ट ने इन्हें हाथी स्वामियों को सौंपने का आदेश वन प्रभाग को दिया था. इसके चलते वन प्रभाग ने एक माह पहले हथिनी कलीना का मेडिकल परीक्षण करा कर उसके स्वामी को सौंप दिया था. इसके एक माह बाद बीमारी से कलीना की मौत हो गई. इसके बाद हाथी स्वामी ने लालन-पालन में वन प्रभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है. दो दिनों में दो हाथियों की मौत के मामले सामने आ चुके हैं. इससे पहले भी लक्ष्मी नामक हथिनी की बीमारी के चलते बीते मंगलवार की रात मौत हो गई थी.

नैनीताल में एक हथिनी की मौत.

हाथिनी के महावत का कहना है कि बुधवार रात कलीना से खड़ा नहीं हुआ गया. इसकी वजह से वह बैठ गई और जमीन पर बैठने के बाद फिर नहीं उठी.

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वहीं इस मामले में रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ का कहना है कि हाई कोर्ट के निर्देशों के बाद एक माह पहले कलीना को हाथी स्वामी के पास सौंप दिया गया था. उसका मेडिकल परीक्षण कराया गया था. इसमें किसी भी प्रकार की कोई बीमारी के लक्षण नहीं आए थे. साथ ही हाथी स्वामी को समय-समय पर स्वस्थ परीक्षण और उसके देख-रेख के भी दिशा-निर्देश दिए गए थे. ऐसे अचानक कलीना की मौत होना दुखद है. प्रभाग उसका पोस्टमार्टम करा रहा है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा.

Intro:summary- रामनगर के ढिकुली क्षेत्र में एक और मादा पालतू हाथी की मौत बीती रात को बीमारी के चलते हो गयी। दो दिनों में यह दूसरी हथिनी की मौत हुई है। मरने वाली हथिनी को भी हाईकोर्ट के आदेश के बाद जब्त किया गया था। और ग्यारह महीने बाद हाईकोर्ट इन्हें हाथी स्वामियों को सौंपने का आदेश वन विभाग को दिया जिसके चलते वन प्रभाग ने एक माह पूर्व हथिनी कलीना का मेडिकल परीक्षण करा कर उसके स्वामी को सौंप दिया था। जिसके एक माह के बाद बीमारी से कलीना की मौत हो गयी। जिसके बाद हाथी स्वामी ने लालन-पालन में वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

intro- रामनगर में एक और मादा हाथी की बीमारी से मौत हो गयी। दो दिनों में यह दूसरी मौत है। रामनगर वन प्रभाग द्वारा ज़ब्त किए गये आठ हाथियों में से कलिना नामक हथिनी भी एक थी। जिसे एक महा पूर्व हाईकोर्ट के निर्देश के बाद हाथी मालिक को वापस कर दिया गया था। हाथी मालिक और उसके महावत ने विभाग की लापरवाही के चलते हाथियों में बीमारी फैलाना बताया है। वहीं वन विभाग का कहना है कि जब हाथी स्वामी को एक महा पूर्व सौपा गया था तो कलीना पूरी तरह स्वस्थ थी।


Body:vo.- रामनगर वन प्रभाग द्वारा हाईकोर्ट के आदेश के बाद ढिकुली, क्षेत्र में स्थित निजी पालतू 8 हाथियों को जब्त किया गया था जिसमें लक्ष्मी नामक हथिनी की बीमारी के चलते बीते मंगलवार की रात को मौत हो गई थी। हथिनी की मौत हुय अभी चौबीस घंटे भी नहीं गुजरे थे कि जब्त किए इन्हीं हाथियों में से कलिना नामक हथिनी की बीमारी से मौत हो गयी। बताया जा रहा है कि करीना की मौत बीती रात को आठ से दस बजे के बीच हो गई थी । वही हथिनी कलीना के मालिक का और महावत का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद कलीना को वन विभाग ने अपने अंडर में ले लिया था और आमडंडा में बने हाथी खाने में रख लिया था। जब्त किये हाथियों को वन विभाग के कर्मचारी देखरेख कर रहे थे। हाथियों की देखरेख के लिए उनके महावतो को नहीं ले गया था। जब कलीना वन विभाग के संरक्षण में गयी तो वह पूरी तरह स्वस्थ थी। उनका यह कहना है कि हाथी खाने में बने वाटर हॉल में हाथियों को नहलाने के लिए व्यवस्था थी जिसमें सभी हाथियों को नहलाया जाता था। जो बीमार हाथी थे उन्हें भी वहीं नहलाया जाता है और स्वस्थ हाथियों को भी एक वाटर हॉल में होने के कारण गंदगी के चलते हाथियों में बीमारी फैल रही है। हाथी के महावत का कहना है कि कल रात कलिना से खड़ा नहीं हुआ गया तो वह बैठ गयी और जमीन पर बैठने के बाद फिर न उठ सकी वहीं उसकी मौत हो गयी। कलीना की मौत के बाद हाथी स्वामी और महावत का रो-रोकर बुरा हाल है।

byte-1- मोहम्मद मोबीन (महावत)
byte-2- मोहम्मद असलम (हाथी स्वामी)
byte-3-बी.पी.सिंह (डीएफओ,वनप्रभाग रामनगर)

vo.-2- वहीं इस मामले में रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ का कहना है कि हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद एक माह पूर्व कलिना को हाथी स्वामी की अभिरक्षा से सौंप दिया गया था। जब कलीना को सौंपा गया था। उसका मेडिकल परीक्षण कराया गया था जिसमें किसी भी प्रकार की कोई बीमारी के लक्षण नहीं आये थे। साथ ही हाथी स्वामी को समय-समय पर स्वस्थ परीक्षण और उसके रख रखाव के भी दिशा निर्देश दिए गयर थे। ऐसे अचानक कलीना की मौत होना दु:खद है। विभाग उसका पोस्टमार्टम करा रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा।


Conclusion:fvo.- दो दिनों में दो मादा पालतू हाथियों की बीमारी से मौत होना बहुत बड़ी चिंता का विषय है। विभाग को चाहिए कि विभागीय हाथी खाने में मौजूद हाथियों का गहनता से स्वास्थ परीक्षण कराया जाना चाहिए कहीं वहाँ मौजूद हाथी भी किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त तो नहीं है।
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