हल्द्वानीः कुमाऊं के सबसे बड़े राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. वहीं, आलम ये ही कि जिन डॉक्टरों को सुशीला तिवारी अस्पताल में तैनाती मिली है वो भी एक के बाद एक इस्तीफे देकर भाग रहे हैं. ऐसे में और दो डॉक्टरों के इस्तीफे के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. अगर यही हाल रहा तो मेडिकल कॉलेज केवल शोपीस बनकर रह जाएगा.
बता दें कि राजकीय मेडिकल कॉलेज से संबद्ध सुशीला तिवारी अस्पताल में पहले से ही डॉक्टरों की भारी कमी है जबकि अस्पताल प्रशासन बार-बार सरकार से डॉक्टरों की डिमांड कर रहा है. लेकिन सूबे में डॉक्टरों का भारी टोटा है. वहीं, दो डॉक्टरों के इस्तीफे के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. अस्पताल के रेडियोथैरेपी और रेडियोलॉजी विभाग के दो असिस्टेंट प्रोफेसरो ने भी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को अपना इस्तीफा भेजा है.
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वहीं, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल सीपी भैसोड़ा का कहना है कि दोनों डॉक्टर संविदा डॉक्टर हैं और उन्हें अगर अच्छे ऑफर मिलते हैं तो वे जाने के लिए स्वतंत्र हैं फिर भी अस्पताल प्रशासन दोनों डॉक्टरों से बात कर रहा है. प्रिंसिपल का कहना है कि समस्याओं का हल निकाल लिया जाएगा.
डॉ. सीपी भैसोड़ा ने कहा कि वर्तमान में मेडिकल कॉलेज में 125 फैकल्टी है, जिसमें 80% फैकेल्टी मेडिकल कॉलेज में मौजूद है जबकि, 20% अभी भी खाली है. इन पदों को आगामी 2 महीने भर लिया जाएगा. उधर, इस मामले में कुमाऊं कमिश्नर का कहना है कि उन्हें इस मसले की जानकारी नहीं है.