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हल्द्वानी: फैकल्टी की कमी से जूझ रहा राजकीय मेडिकल कॉलेज, दो और डॉक्टरों का इस्तीफा - सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी

फैकल्टी की मार झेल रहे कुमाऊं के सबसे बड़े राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी से डॉक्टरों के इस्तीफा देने का सिलसिला जारी है. अस्पताल के रेडियोथैरेपी और रेडियोलॉजी विभाग के दो असिस्टेंट प्रोफेसरों ने भी प्रिंसिपल को अपना इस्तीफा भेजा है.

मेडिकल कॉलेज से दो डॉक्टरो ने दिया इस्तीफा
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Published : Oct 19, 2019, 10:20 AM IST

Updated : Oct 19, 2019, 11:35 AM IST

हल्द्वानीः कुमाऊं के सबसे बड़े राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. वहीं, आलम ये ही कि जिन डॉक्टरों को सुशीला तिवारी अस्पताल में तैनाती मिली है वो भी एक के बाद एक इस्तीफे देकर भाग रहे हैं. ऐसे में और दो डॉक्टरों के इस्तीफे के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. अगर यही हाल रहा तो मेडिकल कॉलेज केवल शोपीस बनकर रह जाएगा.

बता दें कि राजकीय मेडिकल कॉलेज से संबद्ध सुशीला तिवारी अस्पताल में पहले से ही डॉक्टरों की भारी कमी है जबकि अस्पताल प्रशासन बार-बार सरकार से डॉक्टरों की डिमांड कर रहा है. लेकिन सूबे में डॉक्टरों का भारी टोटा है. वहीं, दो डॉक्टरों के इस्तीफे के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. अस्पताल के रेडियोथैरेपी और रेडियोलॉजी विभाग के दो असिस्टेंट प्रोफेसरो ने भी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को अपना इस्तीफा भेजा है.

मेडिकल कॉलेज से दो डॉक्टरो ने दिया इस्तीफा

पढ़े- छलका पटरी व्यापारियों का दर्द, कहा- घर में आटा-चावल के भी पड़ गये लाले

वहीं, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल सीपी भैसोड़ा का कहना है कि दोनों डॉक्टर संविदा डॉक्टर हैं और उन्हें अगर अच्छे ऑफर मिलते हैं तो वे जाने के लिए स्वतंत्र हैं फिर भी अस्पताल प्रशासन दोनों डॉक्टरों से बात कर रहा है. प्रिंसिपल का कहना है कि समस्याओं का हल निकाल लिया जाएगा.

डॉ. सीपी भैसोड़ा ने कहा कि वर्तमान में मेडिकल कॉलेज में 125 फैकल्टी है, जिसमें 80% फैकेल्टी मेडिकल कॉलेज में मौजूद है जबकि, 20% अभी भी खाली है. इन पदों को आगामी 2 महीने भर लिया जाएगा. उधर, इस मामले में कुमाऊं कमिश्नर का कहना है कि उन्हें इस मसले की जानकारी नहीं है.

हल्द्वानीः कुमाऊं के सबसे बड़े राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. वहीं, आलम ये ही कि जिन डॉक्टरों को सुशीला तिवारी अस्पताल में तैनाती मिली है वो भी एक के बाद एक इस्तीफे देकर भाग रहे हैं. ऐसे में और दो डॉक्टरों के इस्तीफे के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. अगर यही हाल रहा तो मेडिकल कॉलेज केवल शोपीस बनकर रह जाएगा.

बता दें कि राजकीय मेडिकल कॉलेज से संबद्ध सुशीला तिवारी अस्पताल में पहले से ही डॉक्टरों की भारी कमी है जबकि अस्पताल प्रशासन बार-बार सरकार से डॉक्टरों की डिमांड कर रहा है. लेकिन सूबे में डॉक्टरों का भारी टोटा है. वहीं, दो डॉक्टरों के इस्तीफे के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. अस्पताल के रेडियोथैरेपी और रेडियोलॉजी विभाग के दो असिस्टेंट प्रोफेसरो ने भी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को अपना इस्तीफा भेजा है.

मेडिकल कॉलेज से दो डॉक्टरो ने दिया इस्तीफा

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वहीं, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल सीपी भैसोड़ा का कहना है कि दोनों डॉक्टर संविदा डॉक्टर हैं और उन्हें अगर अच्छे ऑफर मिलते हैं तो वे जाने के लिए स्वतंत्र हैं फिर भी अस्पताल प्रशासन दोनों डॉक्टरों से बात कर रहा है. प्रिंसिपल का कहना है कि समस्याओं का हल निकाल लिया जाएगा.

डॉ. सीपी भैसोड़ा ने कहा कि वर्तमान में मेडिकल कॉलेज में 125 फैकल्टी है, जिसमें 80% फैकेल्टी मेडिकल कॉलेज में मौजूद है जबकि, 20% अभी भी खाली है. इन पदों को आगामी 2 महीने भर लिया जाएगा. उधर, इस मामले में कुमाऊं कमिश्नर का कहना है कि उन्हें इस मसले की जानकारी नहीं है.

Intro:sammry- हल्द्वानी राजकीय मेडिकल कॉलेज से दो और डॉक्टर ने दिया इस्तीफा अस्पताल में फैकल्टी की भारी कमी।

एंकर- पहले से ही फैकल्टी की मार झेल रहे कुमाऊ के सबसे बड़े राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी से डॉक्टरों के छोड़कर जाने का सिलसिला जारी है। दो डॉक्टरों के इस्तीफे के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। मगर यही हाल रहा तो मेडिकल कॉलेज केवल शोपीस बनकर रह जाएगा।


Body:कुमाऊ के सबसे बड़े राजकीय मेडिकल कॉलेज, सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी मैं पहले से ही डॉक्टरों की भारी कमी है। प्रशासन बार-बार सरकार से डॉक्टरों की डिमांड कर रहा है लेकिन डॉक्टर नहीं मिल पा रहे हैं ऐसे में दो डॉक्टरों के स्थिति के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। अस्पताल के रेडियोथैरेपी और रेडियोलॉजी विभाग के दो असिस्टेंट प्रोफेसरो ने मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को अपना इस्तीफा भेजा है।

अस्पताल के प्रिंसिपल सीपी भैसोड़ा का कहना है कि दोनों डॉक्टर संविदा डॉक्टर हैं और उनको अच्छी जगह नौकरी मिलती है तो जाने के लिए मजबूर होते हैं फिर भी अस्पताल प्रशासन दोनों डॉक्टरों से बात कर रहा है संभवत समस्याओं का हल निकाल लिया जाएगा। डॉ सीपी भैसोड़ा का कहना है कि वर्तमान में मेडिकल कॉलेज में 125 फैकल्टी है जिसमे 80% फैकेल्टी मेडिकल कॉलेज में मौजूद है जबकि 20% अभी भी खाली है 2 महीने के भीतर इन पदों को भी भर लिया जाएगा।

बाइट सीपी भैसोड़ा प्रिंसिपल राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी


Conclusion:कुमाऊं कमिश्नर और मुख्यमंत्री सचिव राजीव रौतेला का कहना है कि डॉक्टरों के इस्तीफे के मामला उनके संज्ञान में नहीं है। अगर डॉक्टर द्वारा लगातार इस्तीफा दिया जा रहा है तो गंभीर विषय है कॉलेज प्रशासन से वार्ता कर समस्या का हल निकाल लिया जाएगा।

बाइट- राजीव रौतेला कमिश्नर कुमाऊं /सचिव मुख्यमंत्री

फिलहाल राजकीय मेडिकल कॉलेज पहले से डॉक्टरों की कमी का मार झेल रहा है दूर-दूर के मरीज अच्छा इलाज के लिए यहां पहुंचते हैं ।ऐसे में दो और असिस्टेंट प्रोफेसर के इस्तीफा सरकार और अस्पताल प्रशासन के व्यवस्थाओं पर सवाल खड़ा कर रहा है। इसी तरह डॉक्टर इस्तीफे देते रहे तो मेडिकल कॉलेज केवल नाम मेडिकल कॉलेज बनकर रह जाएगा।
Last Updated : Oct 19, 2019, 11:35 AM IST
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