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नैनीताल: पहाड़ी राज्यों के लिए आपदा नीति बनाने को लेकर होगा मंथन

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Published : Oct 18, 2022, 9:44 PM IST

नैनीताल में आगागी 20 और 21 अक्टूबर को दो दिवसीय राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. इस दो दिवसीय कार्यशाला में हिमालयी राज्य उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, जम्मू कश्मीर, त्रिपुरा, नागालैंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा समेत अन्य राज्यों के प्रतिनिधि शिरकत करेंगे.

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नैनीताल में पहाड़ी राज्यों के लिए आपदा नीति बनाने को लेकर होगा मंथन

नैनीताल: आगामी 20 और 21 अक्टूबर को नैनीताल के आरएस टोलिया सभागार में दो दिवसीय राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कार्यशाला (National Disaster Management Workshop) का आयोजन किया जाएगा. जिसमें देश भर के 11 राज्यों के अलावा एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी के 400 से अधिक आपदा प्रबंधन से जुड़े लोग शिरकत करेंगे.

उत्तराखंड प्रशासनिक एकेडमी निदेशक बीपी पांडे ने बताया कि 15 वे वित्त कमीशन की संस्तुति के बाद आपदा प्रबंधन को मिलने वाले बजट एवं नियमों में कुछ बदलाव हुए हैं. जिन्हें प्रभावी रूप से लागू करने और उन नियमों का फायदा दिलाने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है, ताकि आपदा के बाद प्रभावित क्षेत्र में प्रभावितों को जल्द से जल्द राहत पहुंचते हुए रिकवरी की जा सके. दो दिन तक चलने वाली इस कार्यशाला में पहाड़ों की क्षमता विकास दर और पहाड़ों की मजबूती पर भी अध्ययन किया जाएगा.

नैनीताल में पहाड़ी राज्यों के लिए आपदा नीति बनाने को लेकर होगा मंथन.

पढ़ें- अब नींद से जागे नमामि गंगे के अधिकारी, प्रदेश भर में चलाया जाएगा अभियान

केंद्रीय आपदा प्रबंधन के प्रोफेसर संतोष कुमार ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों और मैदान में आने वाली आपदा भौगोलिक परिस्थिति के आधार पर बेहद विषम होती हैं. जिसके चलते आपदा के मानकों में भी भिन्नता है जिन पर भी वृहद रूप से चर्चा होगी. कार्यशाला में पर्वतीय राज्यों की संवेदनशीलता को देखते हुए आपदा प्रबंधन के विभिन्न आयामों, प्रदेश को आपदा के दौरान सुदृढ़ीकरण, भूकंप अवरोधी भवन निर्माण करना, आपदाओं के जोखिम को न्यून करने हेतु नीतियों एवं योजनाएं विकसित करना होगा. इसके साथ-साथ खोज एवं बचाव दलों को अत्यधिक कौशलपूर्ण बनाना समेत विभिन्न पहलुओं पर चर्चा कर उन्हें धरातल पर उतारा जाएगा.

इस बैठक के दौरान महानिदेशक उत्तराखंड प्रशासनिक अकादमी बीपी पांडे, राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन संस्थान के ताज हसन, प्रो संतोष कुमार, संयुक्त निदेशक उत्तराखंड प्रशासनिक एकेडमी प्रकाश चन्द्र, अपर जिलाधिकारी शिवचरण द्विवेदी समेत अन्य लोग मौजूद रहे.

पढ़ें- दून की ये दूरबीन असॉल्ट राइफल के रेंज को करेगी दोगुना, युद्ध में बड़े काम की

इस दो दिवसीय कार्यशाला में हिमालयी राज्य उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, जम्मू कश्मीर, त्रिपुरा, नागालैंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा समेत अन्य राज्यों के प्रतिनिधि शिरकत करेंगे. साथ ही बैठक में पद्मश्री श्री चण्डी प्रसाद भट्ट, ओपी मिश्रा निदेशक भूविज्ञान नई दिल्ली, एके सिंह पूर्व अपर मुख्य वन संरक्षक उत्तर प्रदेश, इंदु कुमार पांडे पूर्व मुख्य सचिव उत्तराखंड, प्रो संतोष कुमार एनआईडीएम, दीपक सिंह विशेषज्ञ वर्ल्ड बैंक, गुरदीप सिंह प्रबन्ध निदेशक एनटीपीसी नई दिल्ली, प्रो शेखर पाठक कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल, प्रो अजय रावत, कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल समेत आपदा प्रबन्धन एवं उत्तराखंड प्रशासनिक अकादमी के लोग मौजूद रहेंगे और उत्तराखंड के पहाड़ों समेत पर्यावरण पर अपनी राय देंगे.

नैनीताल: आगामी 20 और 21 अक्टूबर को नैनीताल के आरएस टोलिया सभागार में दो दिवसीय राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कार्यशाला (National Disaster Management Workshop) का आयोजन किया जाएगा. जिसमें देश भर के 11 राज्यों के अलावा एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी के 400 से अधिक आपदा प्रबंधन से जुड़े लोग शिरकत करेंगे.

उत्तराखंड प्रशासनिक एकेडमी निदेशक बीपी पांडे ने बताया कि 15 वे वित्त कमीशन की संस्तुति के बाद आपदा प्रबंधन को मिलने वाले बजट एवं नियमों में कुछ बदलाव हुए हैं. जिन्हें प्रभावी रूप से लागू करने और उन नियमों का फायदा दिलाने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है, ताकि आपदा के बाद प्रभावित क्षेत्र में प्रभावितों को जल्द से जल्द राहत पहुंचते हुए रिकवरी की जा सके. दो दिन तक चलने वाली इस कार्यशाला में पहाड़ों की क्षमता विकास दर और पहाड़ों की मजबूती पर भी अध्ययन किया जाएगा.

नैनीताल में पहाड़ी राज्यों के लिए आपदा नीति बनाने को लेकर होगा मंथन.

पढ़ें- अब नींद से जागे नमामि गंगे के अधिकारी, प्रदेश भर में चलाया जाएगा अभियान

केंद्रीय आपदा प्रबंधन के प्रोफेसर संतोष कुमार ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों और मैदान में आने वाली आपदा भौगोलिक परिस्थिति के आधार पर बेहद विषम होती हैं. जिसके चलते आपदा के मानकों में भी भिन्नता है जिन पर भी वृहद रूप से चर्चा होगी. कार्यशाला में पर्वतीय राज्यों की संवेदनशीलता को देखते हुए आपदा प्रबंधन के विभिन्न आयामों, प्रदेश को आपदा के दौरान सुदृढ़ीकरण, भूकंप अवरोधी भवन निर्माण करना, आपदाओं के जोखिम को न्यून करने हेतु नीतियों एवं योजनाएं विकसित करना होगा. इसके साथ-साथ खोज एवं बचाव दलों को अत्यधिक कौशलपूर्ण बनाना समेत विभिन्न पहलुओं पर चर्चा कर उन्हें धरातल पर उतारा जाएगा.

इस बैठक के दौरान महानिदेशक उत्तराखंड प्रशासनिक अकादमी बीपी पांडे, राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन संस्थान के ताज हसन, प्रो संतोष कुमार, संयुक्त निदेशक उत्तराखंड प्रशासनिक एकेडमी प्रकाश चन्द्र, अपर जिलाधिकारी शिवचरण द्विवेदी समेत अन्य लोग मौजूद रहे.

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इस दो दिवसीय कार्यशाला में हिमालयी राज्य उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, जम्मू कश्मीर, त्रिपुरा, नागालैंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा समेत अन्य राज्यों के प्रतिनिधि शिरकत करेंगे. साथ ही बैठक में पद्मश्री श्री चण्डी प्रसाद भट्ट, ओपी मिश्रा निदेशक भूविज्ञान नई दिल्ली, एके सिंह पूर्व अपर मुख्य वन संरक्षक उत्तर प्रदेश, इंदु कुमार पांडे पूर्व मुख्य सचिव उत्तराखंड, प्रो संतोष कुमार एनआईडीएम, दीपक सिंह विशेषज्ञ वर्ल्ड बैंक, गुरदीप सिंह प्रबन्ध निदेशक एनटीपीसी नई दिल्ली, प्रो शेखर पाठक कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल, प्रो अजय रावत, कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल समेत आपदा प्रबन्धन एवं उत्तराखंड प्रशासनिक अकादमी के लोग मौजूद रहेंगे और उत्तराखंड के पहाड़ों समेत पर्यावरण पर अपनी राय देंगे.

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