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देश की पहली सर्जिकल स्ट्राइक के रणबांकुरों को दी श्रद्धांजलि, 3 पैरा कमांडो ने मनाया जश्न - 3 पैरा कमांडो

7 नवंबर 1947 को जम्मू कश्मीर के पुंछ सेक्टर में हुई देश की पहली सर्जिकल के शहीदों को 3 पैरा कमांडो के रिटायर अधिकारी और सैनिकों ने श्रद्धा सुमन अर्पित की.

सर्जिकल स्ट्राइक
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Published : Nov 8, 2019, 3:54 PM IST

हल्द्वानीः सर्जिकल स्ट्राइक शब्द का ईजाद भले ही आम लोगों के जेहन में कुछ वर्ष पहले ही हुआ हो, लेकिन देश की पहली सर्जिकल स्ट्राइक 7 नवंबर 1947 को कश्मीर के पुंछ सेक्टर में हुई थी. पुंछ के सेलाटांग में कुमाऊं 1 रेजिमेंट के 3 पैराशूट कमांडो द्वारा पाकिस्तानी आतंकियों और घुसपैठी कवालियों से खाली कराया था, जिसमें 11 सैनिक शहीद हुए थे, जबकि 150 आतंकी मारे गए थे. उस सर्जिकल स्ट्राइक को याद कर आज रिटायर सैनिकों ने 72 वां वर्षगांठ मनाया और शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए.

पहली सर्जिकल स्ट्राइक के रणबांकुरों को दी श्रद्धांजलि.

7 नवंबर 1947 को जम्मू कश्मीर के पुंछ सेक्टर में पैराशूट कमांडो द्वारा पाकिस्तानी आतंकियों और कबालियों के कब्जे से सेलाटांग के हिस्से को छुड़ाया गया था. हर साल इस सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर 3 पैरा कमांडो जश्न मनाते हैं, लेकिन पहली बार 3 पैरा कमांडो के रिटायर अधिकारी और सैनिकों ने हल्द्वानी में जश्न मनाया.

आज 3 पैरा कमांडो के पूर्व सैनिकों द्वारा हल्द्वानी में विजय दिवस के रूप में मनाया गया. जिसमें 3 पैरा कमांडो के कई सेवारत अधिकारी जवान और उनके परिवार मौजूद रहे. इस मौके पर सेलाटांग की लड़ाई में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी गई और उनके बलिदान को याद किया गया.

यह भी पढ़ेंः प्रधानमंत्री आवास योजना: 5 लाभार्थियों को मिला सपनों का आशियाना, 2-2 लाख की आर्थिक मदद भी

इस मौके पर 1947 में सेलाटांग की लड़ाई में भाग लेकर दुश्मनों के छक्के छुड़ाने वाले सबसे उम्रदराज के अधिकारी भी मौजूद रहे है. उन्होंने सेलाटांग में पैराशूट कमांडो द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में बताया कि 1947 के समय उनकी कमांडो टीम ने सेलाटांग को पाकिस्तानी आतंकी और कबालियों के कब्जे से बड़ी ही बहादुरी के साथ मुक्त कराया था.

करीब 1 महीने चली सर्जिकल स्ट्राइक में 3 पैरा कमांडो के 11 जवान शहीद हुए थे और 150 पाकिस्तानी आतंकी और कबालयी मारे गए थे.
3 पैरा कमांडो की इस वीरगाथा और साहस को देखते हुए भारत सरकार ने 3 पैरा कमांडो को देश का पहला बैटल ऑनर मेडल से सम्मानित किया था.

हल्द्वानीः सर्जिकल स्ट्राइक शब्द का ईजाद भले ही आम लोगों के जेहन में कुछ वर्ष पहले ही हुआ हो, लेकिन देश की पहली सर्जिकल स्ट्राइक 7 नवंबर 1947 को कश्मीर के पुंछ सेक्टर में हुई थी. पुंछ के सेलाटांग में कुमाऊं 1 रेजिमेंट के 3 पैराशूट कमांडो द्वारा पाकिस्तानी आतंकियों और घुसपैठी कवालियों से खाली कराया था, जिसमें 11 सैनिक शहीद हुए थे, जबकि 150 आतंकी मारे गए थे. उस सर्जिकल स्ट्राइक को याद कर आज रिटायर सैनिकों ने 72 वां वर्षगांठ मनाया और शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए.

पहली सर्जिकल स्ट्राइक के रणबांकुरों को दी श्रद्धांजलि.

7 नवंबर 1947 को जम्मू कश्मीर के पुंछ सेक्टर में पैराशूट कमांडो द्वारा पाकिस्तानी आतंकियों और कबालियों के कब्जे से सेलाटांग के हिस्से को छुड़ाया गया था. हर साल इस सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर 3 पैरा कमांडो जश्न मनाते हैं, लेकिन पहली बार 3 पैरा कमांडो के रिटायर अधिकारी और सैनिकों ने हल्द्वानी में जश्न मनाया.

आज 3 पैरा कमांडो के पूर्व सैनिकों द्वारा हल्द्वानी में विजय दिवस के रूप में मनाया गया. जिसमें 3 पैरा कमांडो के कई सेवारत अधिकारी जवान और उनके परिवार मौजूद रहे. इस मौके पर सेलाटांग की लड़ाई में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी गई और उनके बलिदान को याद किया गया.

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इस मौके पर 1947 में सेलाटांग की लड़ाई में भाग लेकर दुश्मनों के छक्के छुड़ाने वाले सबसे उम्रदराज के अधिकारी भी मौजूद रहे है. उन्होंने सेलाटांग में पैराशूट कमांडो द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में बताया कि 1947 के समय उनकी कमांडो टीम ने सेलाटांग को पाकिस्तानी आतंकी और कबालियों के कब्जे से बड़ी ही बहादुरी के साथ मुक्त कराया था.

करीब 1 महीने चली सर्जिकल स्ट्राइक में 3 पैरा कमांडो के 11 जवान शहीद हुए थे और 150 पाकिस्तानी आतंकी और कबालयी मारे गए थे.
3 पैरा कमांडो की इस वीरगाथा और साहस को देखते हुए भारत सरकार ने 3 पैरा कमांडो को देश का पहला बैटल ऑनर मेडल से सम्मानित किया था.

Intro:sammry-सर्जिकल स्ट्राइक सेलाटांग 7 नवंबर 1947 का पूर्व सैनिकों ने मनाया वर्षगांठ। पाकिस्तानी आतंकियों और कवालियों से खाली कराया था सेलाटांग शहीदों की दी श्रद्धांजलि।

एंकर- सर्जिकल स्ट्राइक शब्द का इजाद भले ही आम लोगों के जेहन में कुछ वर्ष पहले ही हुआ हो लेकिन देश की पहली सर्जिकल स्ट्राइक 7 नवंबर 1947 को कश्मीर के पुंछ सेक्टर के सेलाटांग में हुई थी जहां कुमाऊं 1 रेजीमेंट के 3 पैराशूट कमांडो द्वारा पाकिस्तानी आतंकियों और घुसपैठी कवालियों से खाली कराया था जिसमें 11 सैनिक शहीद हुए थे जबकि 150 आतंकी मारे गए थे । उस सर्जिकल स्ट्राइक को याद कर आज रिटायर सैनिक 72 वा वर्षगांठ मनाया और शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किया।


Body:आज ही के दिन 7 नवंबर 1947 को जम्मू कश्मीर के पुंछ सेक्टर में पैराशूट कमांडो द्वारा पाकिस्तानी आतंकियों और कवालियों के कब्जे से सेलाटांग के हिस्से को छुड़ाया गया था ।हर साल इस सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर 3 पैरा कमांडो जश्न मनाते हैं लेकिन पहली बार 3 पैरा कमांडो के रिटायर अधिकारी और सैनिकों ने हल्द्वानी में जश्न मनाया। आज 3 पैरा कमांडो के पूर्व सैनिकों द्वारा हल्द्वानी में विजय दिवस के रूप में मनाया गया। जिसमें 3 पारा कमांडो के कई सेवारत अधिकारी जवान और उनके परिवार मौजूद रहे। इस मौके पर सेलाटांग की लड़ाई में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी गई और उनके बलिदान को याद किया गया। इस मौके पर 1947 में सेलाटांग की लड़ाई में भाग लेकर दुश्मनों के छक्के छुड़ाने वाले सबसे उम्रदराज के अधिकारी भी मौजूद रहे है। उन्होंने सेलाटांग में पैराशूट कमांडो द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में बताया कि 1947 के समय उनकी कमांडो टीम ने सेलाटांग को पाकिस्तानी आतंकी और कव्वालियों के कब्जे से बड़ी ही बहादुरी के साथ मुक्त कराया था। करीब 1 महीने चली सर्जिकल स्ट्राइक में 3 पैरा कमांडो के 11 जवान शहीद हुए थे और 150 पाकिस्तानी आतंकी और कव्वाली मारे गए थे।


Conclusion:वह 3 पैरा कमांडो की इस वीरगाथा और सास को देखते हुए भारत सरकार ने 3 पैरा कमांडो को देश का पहला बैटल ऑनर मेडल से सम्मानित किया था।

बाइट- पुष्कर भट्ट ऑनरी कैप्टन रिटायर्ड
बाइट- पुष्कर सिंह रिटायर्ड सूबेदार मेजर
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