रामनगर: नैनीताल के रामनगर में 27 करोड़ की लागत से प्रदेश के पहले बस पोर्ट का निर्माण चल रहा है. इस बस पोर्ट को आधुनिक तरीके से बनाया जा रहा है. लेकिन बस पोर्ट को बनाने के लिए परिवहन विभाग के पास भूमि कम पड़ गई है. इसके लिए परिवहन विभाग ने वन विभाग से भूमि की मांग की है.
रामनगर में 27 करोड़ रुपए की लागत से उत्तराखंड का सबसे बड़ा बस पोर्ट बन रहा है. जिसका कार्य प्रगति पर है. केंद्र सरकार के सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने यात्री सुविधाओं से लैस इस बस पोर्ट को बनाने की योजना के तहत राज्यों से प्रस्ताव मांगे थे. जिस पर राज्य सरकार की पहल पर उत्तराखंड मुख्यालय ने रामनगर को बस पोर्ट के लिए चयनित कर प्रस्ताव केंद्र को भेजा था. इस बस पोर्ट का निर्माण कार्य पिछले साल सितंबर में शुरू करा दिया गया था. निर्माण कार्य काफी प्रगति पर है. लेकिन बस पोर्ट के लिए नक्शे के हिसाब से भूमि कम पड़ गई है. इसको लेकर परिवहन विभाग ने रोडवेज स्टेशन के बगल में लगती हुई वन विभाग की भूमि को देने के लिए प्रस्ताव भेजा, जिसका वन विभाग और परिवहन विभाग द्वारा सर्वे कर लिया गया है.
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वहीं, परिवहन विभाग के एआरएम मोहन राम आर्या ने बताया कि रोडवेज के पास कुल 1.278 हेक्टेयर भूमि थी, जिस पर बस पोर्ट का निर्माण कार्य चल रहा है. अभी 120 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता और है, जिसके लिए वन विभाग को प्रस्ताव भेज दिया गया है. वहीं, वन प्रभाग के डीएफओ चंद्र शेखर जोशी ने बताया कि उत्तराखंड परिवहन निगम द्वारा भूमि की आवश्यकता के लिए प्रस्ताव दिया गया है. यह भूमि ऑनलाइन ट्रांसफर होनी है. हमारे द्वारा संयुक्त निरीक्षण कर लिया गया है. इससे पहले भी आधा हेक्टेयर भूमि परिवहन विभाग को बस डिपो बनाने के लिए दी गई थी. अब परिवहन विभाग द्वारा बस पोर्ट बनाने के लिए प्रस्ताव बनाया गया, जिसका संयुक्त निरीक्षण कर लिया गया है.