हल्द्वानीः सड़क परिवहन मंत्रालय अब 15 साल पुराने वाहनों के री रजिस्ट्रेशन के फीस में बढ़ोत्तरी करने जा रहा है. ऐसे में निजी वाहनों के री रजिस्ट्रेशन की फीस में 25 गुना ज्यादा दाम चुकाने पड़ सकते हैं. जबकि, कमर्शियल वाहन पर 125 गुना की वृद्धि हो सकती है. माना जा रहा है कि ये नियम आगामी 2020 से लागू हो सकती है.
जानकारी के मुताबिक, सड़क परिवहन मंत्रालय पुराने वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर भारी भरकम फीस वसूल सकता है. मंत्रालय नए प्रस्ताव के तहत 15 साल पुराने वाहनों की री रजिस्ट्रेशन के फीस में बढ़ोत्तरी कर सकता है. परिवहन विभाग की मानें तो निजी वाहनों का 15 साल के लिए रजिस्ट्रेशन किया जाता है. जिसके बाद फिटनेस के बाद 5 साल तक के लिए री रजिस्ट्रेशन किया जाता है.
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वर्तमान में बाइक के रजिस्ट्रेशन की फीस वर्तमान में ₹1780 है. जबकि पेट्रोल कार की री रजिस्ट्रेशन ₹4280, डीजल की ₹6280 फीस निर्धारित है. वहीं, बड़े कमर्शियल वाहनों को 8 साल तक 2 साल के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट दिया जाता है. जिसके बाद 8 साल बाद 1 साल के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट दिया जाता है. जिसका चार्ज 1420 रुपये है.
उधर, रजिस्ट्रेशन फीस में बढ़ोत्तरी होती है तो पुराने वाहनों की कीमत नई वाहनों की कीमत के बराबर हो जाएगा. ऐसे में परिवहन मंत्रालय की ओर से फीस में बढ़ोत्तरी की जाती है तो बाइक के री रजिस्ट्रेशन के लिए करीब ₹3000 चुकाने पड़ सकते हैं. जबकि, फोर व्हीलर के लिए ₹15000 तक चुकाना पड़ सकता है.
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वहीं, ट्रक, बस और कमर्शियल वाहन के फिटनेस की टेस्ट फीस ₹200 हुआ करता थी. जो बढ़कर ₹25000 तक हो गई है. ऐसे मे निजी वाहन 5 साल के लिए रजिस्टर्ड होंगे. जबकि, कमर्शियल वाहन 1 साल के लिए ही रजिस्टर्ड होंगे.