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कोरोना संकटः नैनीताल के पर्यटन स्थलों पर छाई 'नीम खामोशी', कारोबार चौपट - Loss due to non-arrival of tourists

कोराना संक्रमण के कारण इस बार नैनीताल और उसके आस-पास पर्यटन से जुड़े लोगों को करीब 10 हजार करोड़ का घाटा हुआ है. जिससे अब इन कारोबारियों के सामने कई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं.

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नैनीताल के पर्यटन स्थलों पर छाई 'नीम खामोशी'
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Published : Jun 17, 2020, 3:40 PM IST

Updated : Jun 17, 2020, 9:08 PM IST

नैनीताल: कोरोना संक्रमण के कारण इन दिनों सरोवर नगरी नैनीताल में सन्नाटा पसरा हुआ है. यहां के वाटर फॉल, बॉटनिकल गार्डन जैसे पर्यटक स्थलों पर पर्यटक न के बराबर पहुंच रहे हैं. बता दें हर साल बॉटनिकल गार्डन में करीब दो लाख पर्यटक पहुंचते हैं. कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण अब तक वन विभाग को 95 लाख का घाटा हो चुका है.

सरोवर नगरी नैनीताल अपने पर्यटन, शांत वादियों और मौसम के लिए देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में पहचना रखती है. हर साल गर्मियों में यहां पर्यटकों का तांता लगा रहता है. मगर इस बार कोरोना संक्रमण के चलते नैनीताल, रामगढ़, मुक्तेश्वर समेत आसपास के सभी पर्यटक स्थलों पर वीरानी छाई हुई है.

नैनीताल के पर्यटन स्थलों पर छाई 'नीम खामोशी'

यहां सभी प्रकार के पर्यटन कारोबार पूरी तरह से चौपट हो चुके हैं. बात अगर नैनीताल के वाटर फॉल क्षेत्र की करें तो यहां भी कमोवेश यही हालात हैं. हर साल करीब 2 लाख पर्यटकों से गुलजार रहने वाला ये पर्यटक स्थल इस बार वीरान पड़ा हुआ है. वन विभाग को हर साल 95 लाख रुपए की आमदनी पर्यटकों से होती थी, जो इस बार ना के बराबर है.

पढ़ें- उत्तराखंड: 1942 पहुंची कोरोना संक्रमितों की संख्या, 1216 हुए स्वस्थ

कोराना संक्रमण के कारण इस बार नैनीताल और उसके पास पर्यटन से जुड़े लोगों को करीब 10 हजार करोड़ का घाटा हुआ है. जिससे अब इन कारोबारियों के सामने कई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. पर्यटन व्यवसाय से जुड़े ये कारोबारी अब राज्य सरकार और केंद्र सरकार से मदद की आस लगाए बैठे हैं.

नैनीताल: कोरोना संक्रमण के कारण इन दिनों सरोवर नगरी नैनीताल में सन्नाटा पसरा हुआ है. यहां के वाटर फॉल, बॉटनिकल गार्डन जैसे पर्यटक स्थलों पर पर्यटक न के बराबर पहुंच रहे हैं. बता दें हर साल बॉटनिकल गार्डन में करीब दो लाख पर्यटक पहुंचते हैं. कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण अब तक वन विभाग को 95 लाख का घाटा हो चुका है.

सरोवर नगरी नैनीताल अपने पर्यटन, शांत वादियों और मौसम के लिए देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में पहचना रखती है. हर साल गर्मियों में यहां पर्यटकों का तांता लगा रहता है. मगर इस बार कोरोना संक्रमण के चलते नैनीताल, रामगढ़, मुक्तेश्वर समेत आसपास के सभी पर्यटक स्थलों पर वीरानी छाई हुई है.

नैनीताल के पर्यटन स्थलों पर छाई 'नीम खामोशी'

यहां सभी प्रकार के पर्यटन कारोबार पूरी तरह से चौपट हो चुके हैं. बात अगर नैनीताल के वाटर फॉल क्षेत्र की करें तो यहां भी कमोवेश यही हालात हैं. हर साल करीब 2 लाख पर्यटकों से गुलजार रहने वाला ये पर्यटक स्थल इस बार वीरान पड़ा हुआ है. वन विभाग को हर साल 95 लाख रुपए की आमदनी पर्यटकों से होती थी, जो इस बार ना के बराबर है.

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कोराना संक्रमण के कारण इस बार नैनीताल और उसके पास पर्यटन से जुड़े लोगों को करीब 10 हजार करोड़ का घाटा हुआ है. जिससे अब इन कारोबारियों के सामने कई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. पर्यटन व्यवसाय से जुड़े ये कारोबारी अब राज्य सरकार और केंद्र सरकार से मदद की आस लगाए बैठे हैं.

Last Updated : Jun 17, 2020, 9:08 PM IST
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