रामनगर: जिला प्रशासन ने बाहरी राज्यों से आने वाले सैलानियों और प्रदेश वासियों के लिए नैनीताल में प्रवेश करने से पहले कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य किया है. वहीं कोरोना जांच रिपोर्ट न होने पर बॉर्डर पर ही कोविड-19 टेस्ट किया जाएगा. वहीं विभिन्न राज्यों से आने वाले पर्यटकों ने प्रशासन के इस रवैये को लेकर नाराजगी व्यक्त की है.
दरअसल, उत्तराखंड के सभी जिलों के बॉर्डर से प्रवेश करने से पहले कोरोना की जांच अनिवार्य की गई है. जिसके तहत नैनीताल जिले के रामनगर के हलदुआ बेरियर पर स्वास्थ्य विभाग की टीम बाहर से आने वाले लोगों की जांच कर रही है. जो लोग अपनी रिपोर्ट साथ लेकर आए हैं, उन्हें प्रवेश की अनुमति दी जा रही है. पर्यटकों का आरोप है कि उनसे RT PCR की रिपोर्ट दिखाने या जांच करवाने को कहा जा रहा है. साथ ही जांच के लिए पर्यटकों से 1,050 रुपए लिए जा रहे हैं, जो कि सरासर गलत है. उधर पर्यटक ज्योति बिष्ट ने बताया कि उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की टीम को अपनी रैपिड टेस्टिंग रिपोर्ट दिखाई. इसके बावजूद भी उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया. उनसे RT PCR की जांच करवाने को कहा जा रहा है.
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वहीं, स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी प्रशांत कौशिक ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा मैनकाइंड की टीम को जांच के लिए हलदुआ बैरियर पर तैनात किया गया है. बाहर से आने वाले पर्यटकों को 96 घंटे पहले की RT PCR रिपोर्ट दिखानी होगी. अगर रिपोर्ट बाद की होगी तो मान्य नहीं होगी. उन्होंने कहा कि बॉर्डर पर जो जांच हो रही है उनका पैसा पर्यटकों को ही देना होगा, जिसका शुल्क 1,050 रुपए रखा गया है.