रामनगर: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व देश-विदेश में बाघों के बढ़ते घनत्व व उनके संरक्षण लिए जाना जाता है. भारत सरकार ने बाघों की सुरक्षा के लिए स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स के गठन को हरी झंडी दे दी थी, लेकिन कई साल बीत जाने के बाद बावजूद आज तक स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का गठन नहीं किया जा सका है.
बता दें, इसके लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) से साल 2009 में ही सैद्धांतिक सहमति मिल गयी थी, बावजूद इसके पिछले 11 सालों में स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का गठन नहीं हो पाना चिंता में डालने वाला है. बाघों की सुरक्षा में गठित होने वाली इस फोर्स को लेकर सरकारों का रैवया लचर रहा है.
बता दें, इस फोर्स में 112 लोग सम्मलित होंगे, जिसमे वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर आएंगे. जबकि कुछ दैनिक श्रमिक रखे जाएंगे. साथ ही 81 युवाओं को इसमें भर्ती किया जाएगा. वहीं, इस मामले में वन्यजीव प्रेमी ऐजे अंसारी का मानना है कि अभी तक टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का गठन न होना एक चिंता का विषय है.
पढ़ें- अगले माह मिलेगी राफेल विमान की पहली खेप, जानें खासियत
कॉर्बेट प्रशासन की मानें तो इस फोर्स के गठन के लिए जो नियमावली बनायी गयी थी, उसमे कुछ कमी थी. जिसको दूर करने के लिये शासन को लिखा गया था. जिस पर शासन से चर्चा होनी है. इसके अलावा वर्तमान शासन से हुई बैठक में सहमति बनी है कि जब तक स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का गठन नहीं होता है, तब तक एक्स आर्मी और पीएसी के जवानों की बाघों की सुरक्षा के लिए सेवाएं ली जाएंगी.