रामनगर: रामनगर-कालागढ़ टाइगर रिजर्व की सीमा से सटे अल्मोड़ा वन प्रभाग की जौरासी रेंज में एक बाघ की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. बाघ की मौत की खबर मिलते ही वन कर्मियों में हड़कंप मच गया. अल्मोड़ा डीएफओ हिमांशु बागड़ी ने बताया बाघ का शव आज सुबह ही वनकर्मियों को मिला. बाघ की मौत कैसे हुई है, इसकी जांच की जा रही है. बाघ के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए रामनगर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढेला रेस्क्यू सेंटर लाया गया है.
बता दें कि अल्मोड़ा जिले के मर्चूला इलाके में 2 दिन पूर्व जंगल में घास लेने गई कमला देवी को एक बाघ ने अपना निवाला बना लिया था. जिससे नाराज ग्रामीणों ने वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए बाघ को कैद करने की मांग की थी. इस दौरान ग्रामीणों और वन विभाग के अधिकारियों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई थी.
घटना के बाद वनकर्मी आसपास के जंगल में गश्त कर रहे थे. शनिवार की सुबह जंगल में गश्त कर रही वन विभाग की टीम को बाघ का शव मिला. अल्मोड़ा वन प्रभाग के डीएफओ हिमांशु बागरी ने कहा सुबह जब कर्मचारी गश्त कर रहे थे तो, उन्हें घटनास्थल के कुछ दूरी पर झाड़ियों में एक बाघ बैठा हुआ दिखाई दिया. जिसकी सूचना उन्होंने रेस्क्यू टीम को दी.
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सूचना पर रेस्क्यू टीम भी बाघ को पकड़ने के लिए मौके पर पहुंची तो, पता चला कि बाघ मृत है. जिसके बाद घटना की जानकारी अधिकारियों को दी गई. मौके पर पहुंची टीम ने बाघ के शव को कब्जे में लिया और पोस्टमॉर्टम के लिए रामनगर स्थित ढेला रेस्क्यू सेंटर पहुंचा.
डीएफओ ने कहा बाघ के शरीर पर ना तो कोई चोट के निशान है और ना ही मौके पर कोई साक्ष्य मिले हैं. बाघ की मौत संदेहास्पद है. यह भी नहीं कहा जा सकता कि यह वही बाघ है, जिसने महिला को अपना निवाला बनाया था. डीएफओ ने कहा बाघ का पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने पर ही मौत के कारणों का पता चलेगा . साथ ही इस बात की पुष्टि हो पाएगी कि क्या महिला पर हमला करने वाला यह वही बाघ है.