नैनीताल: कुमाऊं विवि में नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम निर्धारण तथा क्रियान्वयन को लेकर तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला (Kumaon University Workshop) शुरू हो गई है. कुलपति प्रो.एनके जोशी और अन्य अतिथियों ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया. तीन दिवसीय कार्यशाला में नई शिक्षा नीति को लेकर विभिन्न बिंदुओं पर विषय विशेषज्ञों की ओर से मंथन किया जाएगा. इस दौरान वर्चुअल रूप से कार्यक्रम में जुड़े उच्च शिक्षा मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत ने कहा कि नई शिक्षा नीति को लेकर सरकार अहम काम कर रही है. जिससे आने वाले समय में छात्रों को फायदा मिलेगा.
इस दौरान नई शिक्षा नीति के तहत सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, डिग्री तथा रिसर्च डिग्री के आधार पर स्नातक व स्नातकोत्तर विषयों के बनाए गए पाठ्यक्रमों पर चर्चा की गई. कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एनके जोशी ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में छात्रों को रोजगार से जोड़ने के लिए रोजगार परक विषय, छात्रों की रुचि को देखते हुए इतिहास, धर्मशास्त्र, ज्योतिष, कर्मकांड समेत विभिन्न विषयों को शुरू किया जाएगा.
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नई शिक्षा नीति के अंतर्गत स्नातक पाठ्यक्रमों के पैटर्न में व्यापक परिवर्तन किया जा रहा है. जिसे अगले सत्र से लागू कर दिया जाएगा. विश्वविद्यालय की ओर से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत 79 विषयों के पाठ्यक्रम तैयार किए गए हैं. राष्ट्रीय कार्यशाला के सुझावों के बाद पाठ्यक्रमों को वेबसाइट में उपलोड कर दिया जाएगा. इस दौरान वर्चुअल रूप से कार्यक्रम में जुड़े उच्च शिक्षा मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत ने कहा कि नई शिक्षा नीति को लेकर सरकार अहम काम कर रही है. जिससे आने वाले समय में छात्रों को फायदा मिलेगा.
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इस दौरान धन सिंह रावत ने कहा कि उन्होंने कहा कि राज्य में नई नीति के अनुसार तैयार पाठ्यक्रमों को अगले शैक्षणिक सत्र से लागू किया जाएगा. उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों को लैपटॉप दिए जाएंगे. इसके लिए धनराशि जारी की जा रही है. डिग्री कॉलेजों में कार्यरत संविदा प्राध्यापकों को यूजीसी नियमानुसार 57 हजार 700 रुपये मासिक मानदेय दिया जाएगा.