हल्द्वानी: प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत पिछले वित्तीय वर्ष का लाभांश न मिलने से प्रदेश के सस्ता गल्ला विक्रेता नाराज हैं. सस्ता गल्ला विक्रेताओं ने सरकार से जल्द उनके बकाया लाभांश का भुगतान करने की मांग की है. बताया जा रहा है कि प्रदेश के सस्ता गल्ला विक्रेताओं का करीब 11 महीने का 100 करोड़ से अधिक लाभांश का बकाया है.
सस्ता गल्ला विक्रेता फेडरेशन उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष रेवाधार बृजवासी ने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अंतर्गत सस्ता गल्ला विक्रेताओं का वित्तीय वर्ष 2022 का 7 महीने का जबकि इस वित्तीय वर्ष का 5 महीने का खाद्यान्न वितरण लाभांश और भाड़े का भुगतान नहीं हुआ है. जिससे प्रदेश के सस्ता गल्ला विक्रेता आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. सस्ता गल्ला विक्रेताओं का आरोप है कि कोरोनाकाल में उन्होंने अपनी जान को जोखिम में डालकर लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया. लाभांश को लेकर सरकार को कई बार अवगत भी कर चुके हैं, लेकिन अभी तक लाभांश नहीं मिलने से प्रदेश के सस्ता गल्ला विक्रेता में आक्रोश है. विक्रेताओं ने सरकार को चेतावनी दी है कि जल्द बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया तो सस्ता गल्ला विक्रेता आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.
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उपायुक्त खाद्य आपूर्ति विभाग विपिन कुमार ने बताया कि कुमाऊं मंडल के 6 जिलों के सस्ता गल्ला विक्रेताओं का पिछले वित्तीय वर्ष 2022 का 7 महीने का करीब 35 करोड़ रुपए लाभांश का बकाया है. जबकि इस वित्तीय वर्ष 5 महीने का लाभांश और किराए का 20 करोड़ रुपए बकाया है. जिसके लिए शासन से बजट की डिमांड की गई है. जल्द बजट आते हैं सस्ता गल्ला विक्रेताओं के खाते में ट्रांसफर कर दिए जाएंगे. उन्होंने बताया डिमांड के अनुसार बजट मिल रहा है. जल्द बजट आने की उम्मीद है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के कार्ड धारकों को 5 किलो प्रति यूनिट मुफ्त राशन हर महीने मिलता है. जिसके एवज में सरकार द्वारा सस्ता गल्ला विक्रेताओं को खाद्यान्न वितरण लाभांश के तौर पर प्रति कुंतल ₹143 जबकि किराए के एवज में ₹50 प्रति कुंतल भुगतान दिया जाता है. जो 11 महीना से दुकानदारों को नहीं मिला है.