रामनगर: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से लगते ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार बढ़ रहे बाघों और गुलदारों की चहलकदमी से ग्रामीणों में डर का माहौल है. इस क्षेत्र में पिछले 1 माह में बाघ 2 महिलाओं और कई मवेशियों को बना शिकार बना चुका है. हालांकि पार्क प्रशासन ने एक बाघिन और उसके शावक को ट्रेंकुलाइज भी किया है. उसके बाद भी लगातार बाघ और गुलदार की चहलकदमी देखी गई है. ऐसे में ग्रामीणों ने बाघ और गुलदार को ट्रेंकुलाइज करने की मांग उठाई है. साथ ही उन्होंने 14 दिसंबर को कॉर्बेट के ढेला और झिरना पर्यटन जोन को बंद करने का अल्टीमेटम भी दिया है.
पूर्व ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी ने कहा कि शाम होते ही ग्रामीणों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. लोगों ने मॉर्निंग वॉक पर भी जाना बंद कर दिया है. ऐसे में उन्होंने बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की मांग की है. वहीं, अगर उनकी ये मांग नहीं मानी गई, तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के डायरेक्टर डॉ. धीरज पांडे ने बताया कि हमलावर बाघ को लगातार मॉनिटर करने का प्रयास किया जा रहा है. जंगल के अंदर और बफर एरिया में बाघ की चहलकदमी भी बढ़ी है. बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के लिए कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं.
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जंगल से सटे इलाकों में बढ़ाई गश्त: डॉ. धीरज पांडे ने बताया कि ढेला क्षेत्र स्थित स्कूल में बच्चों को लाने और घर छोड़ने के लिए फॉरेस्ट गार्ड तैनात किए गए हैं. साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की है कि वह अंधेरा होने पर समूह में घर से बाहर निकले. उन्होंने कहा कि घटनास्थलों और जंगल से सटे आबादी वाले क्षेत्रों के पास गश्त को भी बढ़ा दिया गया है.
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