नैनीताल: देहरादून, हरिद्वार समेत आसपास की कई शिक्षिकाएं ऐसी हैं, जो नैनीताल के बेतालघाट क्षेत्र में फंसी हुई हैं. शिक्षिकाएं बोर्ड परीक्षाओं की ड्यूटी में बेतालघाट गईं थीं, लेकिन अचानक हुए लॉकडाउन के कारण शिक्षिकाएं गांव में फंस गईं. अब इन शिक्षिकाओं ने ईटीवी भारत के माध्यम से सरकार से मांग की है कि इनको अपने घरों तक सुरक्षित पहुंचाए.
बेतालघाट में फंसी सभी शिक्षिकाएं अपने घरों से दूर काफी परेशान हैं. गांव में फंसी शिक्षिकाओं का कहना है कि उनका स्वास्थ्य खराब है और उनकी दवाइयां गांव में नहीं मिल रही हैं. यही कारण है कि वह प्रशासन से मांग कर रही हैं कि उनको सुरक्षित घर तक पहुंचाया जाए या उन लोगों को घर तक जाने की अनुमति सरकार द्वारा दी जाए.
इन शिक्षिकाओं के अलावा सबसे ज्यादा दिक्कत उन वृद्ध दंपत्तियों को हो रही है, जो अपने घरों में अकेले रहते हैं. उन लोगों को रोजमर्रा के सामान समेत दवाइयों की आवश्यकता पड़ती है. वहीं लोगों का कहना है कि वे दवाइयों के दम पर ही जिंदा हैं. लॉकडाउन होने के बाद से यह सभी लोग अपने घरों में कैद हैं.
ये लोग लॉकडाउन होने के बाद से पहाड़ी क्षेत्रों में फंसे हुए हैं. ऐसे सैकड़ों दंपत्ति हैं जो अपनी दवाई लेने के लिए घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. ऐसे ही एक वृद्ध बुद्धि बल्लभ हैं. उनका कहना है कि उनका न्यूरो संबंधी उपचार चल रहा है. उनको शुगर, ब्लड प्रेशर समेत कई बीमारियां हैं.
उनकी दवाइयां बेतालघाट से करीब 120 किलोमीटर दूरी हल्द्वानी से लानी पड़ती है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से वह हल्द्वानी नहीं जा पा रहे हैं. जिसकी वजह से उनका स्वास्थ्य खराब हो रहा है. उन्होंने अब प्रशासन से दवाई दिलवाने की मांग की है.