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स्वामी चिदानंद द्वारा अतिक्रमण करने का मामला, हाई कोर्ट ने DM पौड़ी से मांगा जवाब - Pollution Control Board News

बुधवार को स्वामी चिदानंद द्वारा गंगा नदी के किनारे अतिक्रमण करने के मामले पर सुनवाई की. इस मामले को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल से 9 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का आदेश दिए है.

चिदानंद न्यूज Nainital High Court News
नैनीताल हाईकोर्ट
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Published : Dec 4, 2019, 8:21 PM IST

नैनीताल: ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन, वीरपुर खुर्द, वीरभद्र समेत गंगा नदी के किनारे 8 हेक्टेयर क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण करने के मामले में हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपना लिया है. बुधवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने डीएम पौड़ी गढ़वाल धीराज सिंह गर्ब्याल से 9 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का आदेश दिए है. साथ ही कोर्ट ने इस मामले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

अतिक्रमण मामले को लेकर सख्त हुआ हाई कोर्ट.

बता दें कि मामले को लेकर हरिद्वार निवासी अर्चना शुक्ला ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने बताया है कि मुनि चिदानंद ने साल 2000 से 2019 तक ऋषिकेश के वीरपुर खुर्द, वीरभद्र क्षेत्र में गंगा किनारे करीब 8 हेक्टेयर रिजर्व वन क्षेत्र की भूमि पर अवैध कब्जा किया है. साथ ही इस क्षेत्र में अवैध रूप से 52 कमरों और एक गौशाला का निर्माण करवाया है. साथ ही याचिका में बताया गया है कि स्वामी चिदानंद इस क्षेत्र मे गांव गंगा गोकुल के नाम पर आश्रम चला रहे हैं. जिस पर जिला प्रशासन, राजस्व विभाग और वन विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.

साथ ही याचिकाकर्ता ने बताया है कि स्वामी चिदानंद की राजनीतिक पहुंच और भय की वजह से कोई भी व्यक्ति उनके खिलाफ आवाज उठाने को तैयार नहीं है. जिसके चलते चिदानंद अन्य क्षेत्रों में भी अवैध रूप से अतिक्रमण कर रहा है.

ये भी पढ़े: पिथौरागढ़ विधानसभा की पहली महिला विधायक ने ली शपथ, क्षेत्र के विकास का किया वादा

वहीं, बुधवार को मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने डीएम पौड़ी गढ़वाल को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं. साथ ही इस मामले को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से भी जवाब मांगा है.

नैनीताल: ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन, वीरपुर खुर्द, वीरभद्र समेत गंगा नदी के किनारे 8 हेक्टेयर क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण करने के मामले में हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपना लिया है. बुधवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने डीएम पौड़ी गढ़वाल धीराज सिंह गर्ब्याल से 9 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का आदेश दिए है. साथ ही कोर्ट ने इस मामले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

अतिक्रमण मामले को लेकर सख्त हुआ हाई कोर्ट.

बता दें कि मामले को लेकर हरिद्वार निवासी अर्चना शुक्ला ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने बताया है कि मुनि चिदानंद ने साल 2000 से 2019 तक ऋषिकेश के वीरपुर खुर्द, वीरभद्र क्षेत्र में गंगा किनारे करीब 8 हेक्टेयर रिजर्व वन क्षेत्र की भूमि पर अवैध कब्जा किया है. साथ ही इस क्षेत्र में अवैध रूप से 52 कमरों और एक गौशाला का निर्माण करवाया है. साथ ही याचिका में बताया गया है कि स्वामी चिदानंद इस क्षेत्र मे गांव गंगा गोकुल के नाम पर आश्रम चला रहे हैं. जिस पर जिला प्रशासन, राजस्व विभाग और वन विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.

साथ ही याचिकाकर्ता ने बताया है कि स्वामी चिदानंद की राजनीतिक पहुंच और भय की वजह से कोई भी व्यक्ति उनके खिलाफ आवाज उठाने को तैयार नहीं है. जिसके चलते चिदानंद अन्य क्षेत्रों में भी अवैध रूप से अतिक्रमण कर रहा है.

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वहीं, बुधवार को मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने डीएम पौड़ी गढ़वाल को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं. साथ ही इस मामले को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से भी जवाब मांगा है.

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स्वामी चिदानंद द्वारा किए गए अतिक्रमण मामले पर हाईकोर्ट ने डीएम पौड़ी को हाई कोर्ट में पेश होने के दिये आदेश।

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ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन, वीरपुर खुर्द, वीरभद्र ऋषिकेश के निकट गंगा नदी के किनारे 8 हेक्टेयर क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण करने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए डीएम पौड़ी गढ़वाल को 9 दिसम्बर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होकर जवाब पेश करने के आदेश दिए है, साथ ही कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं,,,
आज सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता द्वारा कोर्ट को बताया गया कि परमार्थ निकेतन की तरफ से कहा जा रहा है कि आश्रम में केवल 20 कमरे हैं जो गलत है और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड समेत सदस्य सचिव की रिपोर्ट में भी स्पष्ट हुआ है कि परमार्थ निकेतन में 597 से अधिक कमरे हैं, और इन कमरों से निकलने वाला सीवरेज गंगा नदी में डाला जा रहा है।


Body:आपको बता दें कि हरिद्वार निवासी अर्चना शुक्ला ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि मुनि चिदानंद ने सन 2000 से 2019 तक ऋषिकेश के बीरपुर खुर्द, वीरभद्र क्षेत्र में गंगा किनारे करीब 8 हेक्टेयर रिजर्व वन क्षेत्र की भूमि पर अवैध कब्जा करा है साथ इस क्षेत्र में अवैध रूप से 52 कमरों का निर्माण किया गया है और इसमें गौशाला भी बनाई गई है, और स्वामी चिदानंद इस क्षेत्र मे गांव गंगा गोकुल के नाम पर आश्रम चला रहे हैं जिस पर जिला प्रशासन, राजस्व विभाग और वन विभाग कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है।
साथ ही याचिकाकर्ता का कहना है कि स्वामी चिदानंद के राजनीतिक पहुंच और भय की वजह से कोई भी व्यक्ति आवाज उठाने को तैयार नहीं है, जिस वजह से चिदानंद अन्य क्षेत्रों में भी अवैध रूप से अतिक्रमण कर रहा है।


Conclusion:याचिकाकर्ता का कहना है कि रिजर्व फॉरेस्ट में अतिक्रमण होने के बावजूद भी वन विभाग, राजस्व विभाग तथा पशुलोक विभाग बात की अनदेखी कर रहे हैं,मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने अतिक्रमण मामले पर डीएम पौड़ी गढ़वाल को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए है।

बाईट- विवेक शुक्ला, अधिवक्ता याचिकाकर्ता।
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