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जांच और FIR निरस्त करने की मांग लेकर HC पहुंचे सस्पेंड IFS किशन चंद, सरकार बोली पर्याप्त सबूत है - एफआइआर निरस्त

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ वन प्रभाग में निर्माण कार्यों में घपले के आरोप में निलंबित आइएफएस (Suspended IFS Kishan Chand) व उप वन संरक्षक किशन चंद अपने विरुद्ध चल रही जांच व एफआइआर निरस्त (cancellation of FIR) करने के लिए उत्तराखंड हाईकोर्ट पहुंच गए (files petition in Uttarakhand High) हैं. हालांकि, उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने सरकार ने भी अपना जवाब पेश किया और कहा कि उनके पास दोनों के खिलाफ पर्याप्त सबूत है.

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Published : Sep 16, 2022, 9:15 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने निलंबित आईएफएस और कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ वन प्रभाग के निलंबित तत्कालीन उप वन संरक्षक किशन चंद (Suspended IFS Kishan Chand) के खिलाफ चल रही जांच व दर्ज एफआईआर को निरस्त (cancellation of FIR) करने के मामले में सुनवाई (files petition in Uttarakhand High) की. मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत मौजूद हैं. अभी उनके खिलाफ जांच पूरी नहीं हो पाई है. सरकार के पक्ष को सुनने के बाद कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई हेतु 21 सितम्बर की तिथि नियत की है.

आज मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ में हुई. याचिकाकर्ता की ओर से उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की गयी है. याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया है कि उन पर लगाये गये आरोप बेबुनियाद हैं. विभागीय अधिकारियों की अनुमति के बाद ही निर्माण कार्य कराये गये हैं.
पढ़ें- पिरूल निस्तारण और उपयोग पर सचिवालय में मंथन, वनाग्नि से बचाव समेत बिजली उत्पादन पर हुई बात

याचिकाकर्ता पर कालागढ़ रेंज में तैनाती के दौरान मोरघट्टी व पाखरो में अवैध तरीके से निर्माण कार्य के साथ ही पेड़ों के कटान का आरोप है. जांच में भी इसकी पुष्टि हुई है. सरकार ने कुछ समय पहले किशन चंद को निलंबित कर दिया.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने निलंबित आईएफएस और कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ वन प्रभाग के निलंबित तत्कालीन उप वन संरक्षक किशन चंद (Suspended IFS Kishan Chand) के खिलाफ चल रही जांच व दर्ज एफआईआर को निरस्त (cancellation of FIR) करने के मामले में सुनवाई (files petition in Uttarakhand High) की. मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत मौजूद हैं. अभी उनके खिलाफ जांच पूरी नहीं हो पाई है. सरकार के पक्ष को सुनने के बाद कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई हेतु 21 सितम्बर की तिथि नियत की है.

आज मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ में हुई. याचिकाकर्ता की ओर से उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की गयी है. याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया है कि उन पर लगाये गये आरोप बेबुनियाद हैं. विभागीय अधिकारियों की अनुमति के बाद ही निर्माण कार्य कराये गये हैं.
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याचिकाकर्ता पर कालागढ़ रेंज में तैनाती के दौरान मोरघट्टी व पाखरो में अवैध तरीके से निर्माण कार्य के साथ ही पेड़ों के कटान का आरोप है. जांच में भी इसकी पुष्टि हुई है. सरकार ने कुछ समय पहले किशन चंद को निलंबित कर दिया.

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