नैनीताल: बदरीनाथ, केदार, गंगोत्री और यमुनोत्री समेत 50 से अधिक मंदिरों को देवस्थानम् बोर्ड एक्ट में शामिल करने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. दरअसल, बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने मंदिरों को देवस्थानम बोर्ड बनाने के मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. इस याचिका पर मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को तीन सप्ताह के भीतर अपना जवाब हाईकोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.
बता दें कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की. इस याचिका में उन्होंने राज्य सरकार के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें राज्य सरकार ने केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री समेत उत्तराखंड के 50 से अधिक मंदिरों देवस्थान ट्रस्ट में शामिल कर देने का फैसला दिया था. सरकार द्वारा एक्ट लागू करने के बाद से चारों धाम के तीर्थ पुरोहित सरकार के फैसले का विरोध कर रहे थे.
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सुब्रमण्यम स्वामी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में आदेश जारी किया है कि सरकार मंदिरों का संचालन नहीं कर सकती, लेकिन वित्तीय अनियमितता होगी तो अनियमितता दूर करने का अधिकार सरकार को है. मंदिरों का संचालन सरकार नहीं कर सकती. मंदिरों का काम केवल वहां के तीर्थ पुरोहित ही करेंगे, लेकिन इसके बावजूद भी सरकार मंदिरों का संचालन करने जा रही है, जिस वजह से उन्होंने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है.
राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी ही सरकार के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में चुनौती दी है उन्होंने कहा कि वो आम आदमी के नाते कोर्ट में याचिका दायर करने पहुंचे हैं, अगर उनकी सरकार कुछ गलत करेगी तो वो सरकार को रास्ता दिखाने का प्रयास करेंगे. यही कारण है कि उनके द्वारा देवस्थानम् ट्रस्ट के मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.