हल्द्वानी: उत्तराखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली को रोकने के लिए धामी सरकार सख्त नकल विरोधी कानून लेकर आई. आज प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चों में फिर से भरोसा कायम करने के लिए हल्द्वानी के एमबीपीजी कॉलेज में एक काउंसलिंग प्रोग्राम आयोजित किया गया. जिसमें आईजी कुमाऊं और कमिश्नर कुमाऊं ने बच्चों को टिप्स दिए. इस दौरान बच्चों ने UPSC की तैयारी के संबंध में दोनों IPS और IAS अधिकारियों से सवाल भी पूछे. जिनके जबाब में दोनों अधिकारियों ने अपने करियर के दौरान मिले अनुभव साझा किए.
दोनों अधिकारी ने छात्रों को बताया कि UPSC की तैयारी कैसे और कब करनी है ? इसके साथ ही एक बेहतर IAS और IPS अधिकारियों को जनता के बीच में कैसे काम करना होता है, इसके टिप्स भी दिए. इस दौरान प्रश्नों को लेकर बच्चों का कुमाऊं आईजी और कमिश्नर के बीच खूब संवाद हुआ. काउंसलिंग के बाद कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने बताया इस काउंसलिंग में मोटे तौर पर बच्चों को पढ़ाई लिखाई से जुड़ी जानकारियां दी गई. उन्होंने अपने अनुभव को बच्चे से साझा किया. उन्होंने कहा इस बात की खुशी है कि कई बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे हुए हैं और जिनका कॉन्फिडेंस लेवल भी बहुत अच्छा है.
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आईजी कुमाऊं ने नीलेश आनंद भरणे कहा उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां कड़ा नकल विरोधी कानून लाया गया है. यहां के बच्चे आश्वस्त रहें कि सभी परीक्षा नकल विहीन और पारदर्शी तरीके से कराई जाएगी. उन्होंने कहा काउंसलिंग में बच्चे को प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कैसे करनी है, इसके टिप्स दिए गए.
कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने छात्र-छात्राओं को उत्साह वर्धन किया और आप सभी बहुत ही होनहार हैं. मुझे खुशी है एमबीपीजी डिग्री कॉलेज में बच्चों ने काफी कुछ बदलाव हुए हैं, कुमाऊं कमिश्नर ने कहा छात्रों में इस काउंसलिंग के जरिए छात्रों में उत्साह देखने को मिल रहा है.