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नैनीताल के नयना देवी मंदिर में हुई मां नंदा सुनंदा की प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा, दर्शन के लिए उमड़ा भक्तों का सैलाब - प्रतिमा विसर्जन

Nanda Mahotsav उत्तराखंड इन दिनों मां नंदा उत्सव में डूबा हुआ है. कुल देवी मां नंदा सुनंदा की प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही नैनीताल में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है. हर कोई कुमाऊं की कुल देवी के दर्शन कर आशीर्वाद लेना चाहता है.

Nanda Mahotsav
नैनीताल मां नंदा सुनंदा
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 23, 2023, 12:58 PM IST

Updated : Oct 3, 2023, 5:35 PM IST

नैनीताल में मां नंदा सुनंदा महोत्सव की धूम

नैनीताल: कुमाऊं की कुलदेवी मां नंदा सुनंदा का धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज यानि अष्टमी के दिन अपने मायके आगमन हुआ है. इसी परंपरा के तहत एकादशी 27 सितंबर को कुलदेवी मां नंदा-सुनंदा अपने ससुराल लौट जाएंगी. नैनीताल में इन दिनों मां नंदा सुनंदा के दर्शनों के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है.

Nanda Mahotsav
नैनीताल में मां नंदा सुनंदा की प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है

मां नंदा सुनंदा की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा: कुमाऊं की कुल देवी मां नंदा सुनंदा आज अपने ससुराल से अपने मायके यानी कुमाऊं की धरती पर पधार गई हैं. नैनीताल के मां नयना देवी मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद मां नंदा सुनंदा की प्रतिमाओं को भक्तों के दर्शनों के लिये खोल दिया गया है. मां नंदा सुनंदा के दर्शनों के लिये रात 2 बजे से ही नैनीताल के मां नयना देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुट गई थी.

Nanda Mahotsav
रात 2 बजे से श्रद्धालु मां के दर्शन को लाइन में लग गए थे

बड़ी संख्या में भक्त अपनी कुल देवियों के दर्शनों को पहुंच रहे हैं. इससे पहले रात 2 बजे से मां की पूजा अर्चना शुरू हो गई थी. जिसके बाद से ही मंदिर में भक्तों का तांता लगना भी शुरू हो गया.

कुमाऊं की कुल देवी हैं नंदा सुनंदा: आपको बता दें कि मां नंदा सुनंदा को कुमाऊं में कुल देवी के रूप में पूजा जाता है. चंद राजाओं के दौर में मां नंदा सुनंदा को कुल देवी के रूप में चंद राजा पूजा करते थे. अब संपूर्ण कुमाऊं क्षेत्र के लोग मां नंदा सुनंदा को कुल देवी के रूप में पूजते हैं. ऐसा माना जाता है कि मां नंदा और सुनंदा साल में एक बार अपने मायके यानी कुमाऊं में आती हैं.

Nanda Mahotsav
मां नंदा सुनंदा के दर्शन के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ा है

यही कारण है कि अष्टमी के दिन यानी आज कुमाऊं के विभिन्न स्थानों पर मां नंदा और सुनंदा की प्रतिमा तैयार कर प्राण प्रतिष्ठा के बाद समझा जाता है कि मां नंदा-सुनंदा अपने मायके पहुंच गई हैं.

Nanda Mahotsav
नयना देवी मंदिर में मां नंदा सुनंदा के दर्शन हो रहे हैं
ये भी पढ़ें: नरेला बुग्याल में संपन्न हुई नंदा लोकजात यात्रा, रूपकुंड महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम

27 सितंबर को होगा प्रतिमा विसर्जन: मां नंदा सुनंदा की अगले तीन दिन तक कुमाऊं के लोग उपासना करेंगे. 27 सितंबर को भव्य डोला भ्रमण के बाद मां नंदा सुनंदा की प्रतिमाओं का नैनी झील में विसर्जन किया जाएगा. विसर्जन की यह परंपरा उस तरह है जिस तरह से लोग अपनी बेटी को ससुराल को विदा करते हैं. उसी तरह से मां नंदा सुनंदा को मायके नैनीताल से ससुराल विदा करने की परंपरा भी है.
ये भी पढ़ें: नैनीताल मेंं मां नंदा सुनंदा महोत्सव की धूम, प्रतिमा के लिए लाया गया कदली वृक्ष
ये भी पढ़ें: मां नंदा देवी महोत्सव 2023 का भव्य आगाज, छोलिया नृत्य से कलाकारों ने बांधा समां

नैनीताल में मां नंदा सुनंदा महोत्सव की धूम

नैनीताल: कुमाऊं की कुलदेवी मां नंदा सुनंदा का धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज यानि अष्टमी के दिन अपने मायके आगमन हुआ है. इसी परंपरा के तहत एकादशी 27 सितंबर को कुलदेवी मां नंदा-सुनंदा अपने ससुराल लौट जाएंगी. नैनीताल में इन दिनों मां नंदा सुनंदा के दर्शनों के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है.

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नैनीताल में मां नंदा सुनंदा की प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है

मां नंदा सुनंदा की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा: कुमाऊं की कुल देवी मां नंदा सुनंदा आज अपने ससुराल से अपने मायके यानी कुमाऊं की धरती पर पधार गई हैं. नैनीताल के मां नयना देवी मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद मां नंदा सुनंदा की प्रतिमाओं को भक्तों के दर्शनों के लिये खोल दिया गया है. मां नंदा सुनंदा के दर्शनों के लिये रात 2 बजे से ही नैनीताल के मां नयना देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुट गई थी.

Nanda Mahotsav
रात 2 बजे से श्रद्धालु मां के दर्शन को लाइन में लग गए थे

बड़ी संख्या में भक्त अपनी कुल देवियों के दर्शनों को पहुंच रहे हैं. इससे पहले रात 2 बजे से मां की पूजा अर्चना शुरू हो गई थी. जिसके बाद से ही मंदिर में भक्तों का तांता लगना भी शुरू हो गया.

कुमाऊं की कुल देवी हैं नंदा सुनंदा: आपको बता दें कि मां नंदा सुनंदा को कुमाऊं में कुल देवी के रूप में पूजा जाता है. चंद राजाओं के दौर में मां नंदा सुनंदा को कुल देवी के रूप में चंद राजा पूजा करते थे. अब संपूर्ण कुमाऊं क्षेत्र के लोग मां नंदा सुनंदा को कुल देवी के रूप में पूजते हैं. ऐसा माना जाता है कि मां नंदा और सुनंदा साल में एक बार अपने मायके यानी कुमाऊं में आती हैं.

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मां नंदा सुनंदा के दर्शन के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ा है

यही कारण है कि अष्टमी के दिन यानी आज कुमाऊं के विभिन्न स्थानों पर मां नंदा और सुनंदा की प्रतिमा तैयार कर प्राण प्रतिष्ठा के बाद समझा जाता है कि मां नंदा-सुनंदा अपने मायके पहुंच गई हैं.

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नयना देवी मंदिर में मां नंदा सुनंदा के दर्शन हो रहे हैं
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27 सितंबर को होगा प्रतिमा विसर्जन: मां नंदा सुनंदा की अगले तीन दिन तक कुमाऊं के लोग उपासना करेंगे. 27 सितंबर को भव्य डोला भ्रमण के बाद मां नंदा सुनंदा की प्रतिमाओं का नैनी झील में विसर्जन किया जाएगा. विसर्जन की यह परंपरा उस तरह है जिस तरह से लोग अपनी बेटी को ससुराल को विदा करते हैं. उसी तरह से मां नंदा सुनंदा को मायके नैनीताल से ससुराल विदा करने की परंपरा भी है.
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Last Updated : Oct 3, 2023, 5:35 PM IST
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